तो क्या महिला चिकित्सक असुरक्षित हैं ???… फिर सामने आई चिकित्सा प्रबंधन की लापरवाही
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शहडोल। जिला चिकित्सालय इन दिनों अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में हैं, कुछ दिनों पहले ही ब्लड बैंक में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा ब्लड बेचने का मामला सामने आया था, अस्पताल में हो-हल्ला, हंगामा, झड़प जैसी घटनायें अब रोजमर्रा की बात होती जा रही है। खबर है कि गुरूवार रात शहडोल मेडिकल कॉलेज से गायनेकोलॉजिस्ट महिला डॉक्टर को जिला चिकित्सालय कॉल ड्यूटी अटेंड करने के फोन आया, जिसके बाद मेडिकल कॉलेज ने वाहन उपलब्ध कराने में असमर्थता जताई, जिसके बाद जिला चिकित्सालय से एम्बुलेंस भेजी गई।
एम्बुलेंस चालक पर लग रहे आरोप
महिला चिकित्सक को कॉलेज की तरफ से कोई वाहन या कोई ड्राइवर एवं लेडीस गार्ड की भी सुविधा नहीं दी गई, महिला चिकित्सक ने जिला चिकित्सालय से एंबुलेंस की मांग की गई, जिसके बाद मेडिकल कॉलेज से एम्बुलेंस पहुंची, जिसके बाद महिला चिकित्सक वहां से जिला चिकित्सालय के लिए निकली, लेकिन कुछ किलोमीटर दूरी पर स्थिति जिला चिकित्सालय तक पहुंचने के बीच में कथित एम्बुलेंस चालक द्वारा महिला चिकित्सक से बत्तमीजी की गई।
मेडिकल कॉलेज ने भेज दिया अकेले
महिला चिकित्सकों को आधी रात मेडिकल कॉलेज से बुलाने पर मेडिकल कॉलेज सहित जिला चिकित्सालय को अपनी जवाबदेही तय करनी चाहिए कि रात में अगर महिला चिकित्सक को बुलाया जा रहा है तो, एम्बुलेंस में कौन सी जा रही है, दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज अगर अपनी महिला चिकित्सक को जिला चिकित्सालय भेज रहा है तो, रात में एक महिला गार्ड साथ में देनी चाहिए, जिससे महिला चिकित्सक को अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता न हो।