दो चौथाई पार्षदों ने उर्मिला के खिलाफ खोला मोर्चा@ कलेक्टर को पत्र सौप पद से हटाने की मांग

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(शंभू यादव+91 98265 50631 )
शहडोल। नगर पालिका शहडोल के पार्षदों के बीच चल रहा शीतशुद्ध अभी से कुछ घंटे पहले सामने आ ही गया, भाजपा की नपाध्यक्ष श्रीमती उर्मिला कटारे के खिलाफ उसी के ही पार्टी के पार्षदों द्वारा कुछ माह पूर्व रचे गये व्यूह में श्रीमती कटारे फंसती नजर आ रही हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद अब कांग्रेसियों ने आगे आकर मोर्चा सम्हाल लिया है। अभी से कुछ घंटे पहले रीवा से कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष मंगू भाई के नेतृत्व में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आजाद बहादुर सिंह, कार्यवाहक अध्यक्ष बलमीत सिंह खनूजा, महिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. शिम्पी अग्रवाल, पार्षद मो. , गुड्डू खरे आदि कांग्रेस नेताओं के साथ पार्षदों का प्रतिनिधि मण्डल करीब 1 घंटे पहले कलेक्टर से मिला और 31 पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त एक पत्र कलेक्टर को सौंपते हुए आगे की कार्यवाही का अनुरोध किया गया, ऐसा माना जा रहा है कि इस संदर्भ में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव की तिथि जल्द ही निर्धारित कर दी जायेगी और फिर एक बार श्रीमती उर्मिला कटारे को बहुमत की अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ेगा।
यह लिखा कलेक्टर को सौंपी गई चि_ी में
नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 47 के तहत शहडोल नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला कटारे के द्वारा जनहित के कार्याे की उपेक्षा तथा तीन चौथाई निर्वाचित पार्षदों का उन पर विश्वास नही होने के कारण उन्हें अध्यक्ष पद से वापस बुलाने हेतु इस परिषद के अधोहस्ताक्षरित पार्षद गण आज दिनांक 25 अक्टूबर को एक साथ बैठकर यह प्रस्ताव पारित करते हैं।
प्रस्ताव पारित करते हैं कि श्रीमती उर्मिला कटारे अध्यक्ष नगरपालिका परिषद शहडोल अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीन एवं अक्षम हैं, तथा जनहित के कार्याे की उपेक्षा करती हैं, जिससे उनकी कार्य शैली नगर में पालिका परिषद के हितों के विपरीत है। ऐसी दशा में श्रीमती उर्मिला कटारे को अध्यक्ष नगर पालिका परिषद शहडोल के पद से अधिनियम की धारा 47 के तहत वापस बुलाये जाने से का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हैं। साथ ही कलेक्टर शहडोल एवं विहित प्राधिकारी नगरपालिका परिषद शहडोल से अपेक्षा करते हैं कि वे नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 47 के प्रावधानों के तहत अपेक्षित कार्यवाही करेंगे।

जिन पार्षदों ने सौंपे गये प्रपत्र में अपनी सहमति दर्ज की है, उनमें वार्ड नंबर 1 लल्ला कोल, वार्ड नंबर 2 जवाहर कोल, वार्ड नंबर 3 सुफियान खान, वार्ड नंबर 4 अमित सोनी, वार्ड नंबर 5 घनश्याम जायसवाल, वार्ड नंबर 7 गोविंद सिंह परिहार, वार्ड नंबर 8 प्रभात पाण्डेय, वार्ड नंबर 9 शालिनी प्रदीप शुक्ला, वार्ड नंबर 10 जीतेन्द्र सिंह, वार्ड नंबर 11 श्रीमती कमरून निशा, वार्ड नंबर 14 संध्या सिंह, वार्ड नंबर 15 आशा शर्मा, वार्ड नंबर 16 अनुराग शुक्ला, वार्ड नंबर 17 दिव्या शुक्ला, वार्ड नंबर 20 प्रीति बत्रा, वार्ड नंबर 22 ओम प्रकाश चौधरी, वार्ड नंबर 23 उर्मिला विश्वकर्मा, वार्ड नंबर 24 श्रीमती कुंतला दिनेश दीक्षित, वार्ड नंबर 26 शोभा रिछारिया, वार्ड नंबर 27 प्रीतम सोनी, वार्ड नंबर 28 शक्ति लक्ष्कार, वार्ड नंबर 29 रेशमा बानो, वार्ड नंबर 30 दानिश अहमद, वार्ड नंबर 31 कुलदीप निगम, वार्ड नंबर 32 गीता खरे, वार्ड नंबर 33 श्रीमती उत्तरी बांधे, वार्ड नंबर 35 शैलबाला सोनी, वार्ड नंबर 36 श्रीमती गीता यादव, वार्ड नंबर 37 से सरिता मिश्रा, वार्ड नंबर 38 मो. इस्हाक, वार्ड नंबर 39 से श्रीमती राजकुमारी यादव का नाम शामिल है।

यह अनुमान था कुछ घंटे पहले

तो क्या अविश्वास प्रस्ताव से सरक सकती है भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी…!!

(शंभू यादव+91 98265 50631 )

शहडोल । संभागीय मुख्यालय की नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष को लेकर पार्टी के ही पार्षदों ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है, बीते कई माह से अंदर ही अंदर पनप रहे असंतोष के बाद आज शुक्रवार की सुबह से ही जिला मुख्यालय की राजनीति गरमाने लगी , खबर है कि गोरतरा स्थित एक पैलेस में भाजपा सहित कांग्रेसियों का जमावड़ा लगा हुआ है , यहां असंतुष्ट पार्षदों के साथ अन्य कई पार्षदों को भी लाया जा रहा है और वार्ता लगातार जारी है , पूरे कार्यक्रम का संचालन रीवा के कांग्रेसी नेता सहित कुछ अन्य कांग्रेसी नेताओं व भाजपा के असंतुष्ट के द्वारा चलाया जा रहा है।
खबर तो यह भी है कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पार्षदों के हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं और यह आंकड़ा 25 से ऊपर पहुंच चुका है, जिसके बाद सब पार्षदों को किसी अलग स्थान पर ले जाने के बाद अविश्वास प्रस्ताव की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जाएगा।

बीते कुछ दिनों से चल रही इस सुगबुगाहट के शायद आज वह समय आ गया है जब पार्षद खुलकर भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार हो गए हैं सबसे बड़ी बात यह है कि इस पूरे मामले में कांग्रेसी पार्षदों का साथ भाजपा के असंतुष्ट और लगभग पार्षद साथ दे रहे हैं जिसके बाद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और फिर उसे हटाने की प्रक्रिया की जाएगी आगे क्या होता है यह तो समय ही बताएगा लेकिन दीपावली के पटाखों से पहले राजनीति के इस पटाखों ने पूरे राजनीतिक गलियारों को गर्म कर दिया है।

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