पुलिस लाइन में बलवा, हालात पर काबू पाने छोड़े आशू गैस के गोले!

(शुभम तिवारी+7879308359)
शहडोल। शुक्रवार की सुबह पुलिस लाइन में नवागत पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल के नेतृत्व में पुलिस लाइन ग्राउण्ड में मॉकपोल किया गया, इस दौरान पुलिस कर्मियों को बलवे दौरान उससे निपटने के तौर-तरीकों की पुन: जानकारी दी गई और इसका मॉकपोल भी किया गया, बलवे और दंगों के दौरान भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज और आशू गैस के गोले छोडऩे का भी मॉकपोल किया गया, इस दौरान पुलिस अधीक्षक के अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण भूरिया, उपपुलिस अधीक्षक बी.डी. पाण्डेय, अनुविभागीय अधिकारी धनपुरी भरत दुबे, उपपुलिस अधीक्षक यातायात अखिलेश तिवारी, आरआई दिनेश मार्सकोले, कोतवाली प्रभारी रावेन्द्र द्विवेदी, बुढ़ार थाना प्रभारी महेन्द्र सिंह चौहान, धनपुरी थाना प्रभारी सुदीप सोनी, ब्यौहारी थाना प्रभारी अनिल पटेल, सोहागपुर थाना प्रभारी रत्नांबर शुक्ला, खैरहा थाना प्रभारी योगेन्द्र्र सिंह, गोहपारू थाना प्रभारी सुभाष दुबे, यातायात प्रभारी राजमती परस्ते, सूबेदार अभिनव राय, सूबेदार प्रियंका शर्मा, सहित अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
बिजी न हो मोबाइल
शुक्रवार की सुबह मॉकपोल के उपरांत पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल ने मातहतों को आदेश दिये कि जिन स्थानों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाये, वे जांच के दौरान उसी स्थान पर पाये जायें, ऐसा न होने पर कार्यवाही के लिए तैयार रहें। साथ ही ड्यिुटी में तैनात रहने के दौरान सेलफोन का उपयोग कम से कम करें, आवश्यकता पडऩे पर ही उसका उपयोग हो, उन्होंने कहा कि अनावश्यक उपयोग और सोशल साइडों में व्यस्त रहने से मूल कार्याे से ध्यान भटकता है। जहां तक हो सके ड्युटी के दौरान सेलफोन का उपयोग कम करें।
अनिवार्य किये फोटोग्राफर
कप्तान ने यह भी आदेश दिये कि समस्त थाना प्रभारी भ्रमण के दौरान और प्रमुख पर्वाे व घटनाओं की विवेचना के दौरान वीडियो ग्राफी और फोटोग्राफी करवायें, इस दौरान वीडियो ग्राफर को भी साथ लेकर चलें। इससे विवेचना में लाभ मिलेगा और प्रमाणों में सत्यता भी बनी रहेगी। इसके अलावा पुलिस अधीक्षक ने वीडियो ग्राफर और फोटो ग्राफर के साथ समस्त प्रभारी और मातहत विभाग द्वारा दिये गये सुरक्षा उपकरण, जिसमें हेलमेट, जैकेट, डंडा और अन्य सुरक्षा उपकरण साथ रखने के निर्देश दिये।
सोशल मीडिया पर नजर
उपस्थित थाना प्रभारियों और अन्य पुलिसकर्मियों को यह भी निर्देष दिये गये कि खुद और मातहतों के माध्यम से सोशल मीडिया पर विशेष नजर रखें, वॉटसएप गु्रप, फेसबुक, ट्विटर, मेल आदि संचार माध्यमों में धार्मिक भावनाओं से जुड़े मैसेज करने वालों पर तत्काल कार्यवाही हो, इसका ध्यान रखा जाये, किसी भी स्थिति में धार्मिक सद्भावना बनी रहे, इसका ध्यान रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।