पूर्व मंत्री व विधायक बिसाहूलाल गुमशुदा या अपह्रत या फिर राजनीति का मास्टर स्ट्रोक

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भोपाल। उम्र के 7 दशक पूरे कर चुके पूर्व कैबिनेट मंत्री व वर्तमान कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह 3 दिनों से परिवार, पार्टी और प्रदेश के लिए अबूझ पहेली बने हुए है, बिसाहूलाल सिंह के बेटे तेजभान सिंह ने भोपाल के टी.टी. नगर थाने में अपने पिता बिसाहूलाल सिंह के गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई है, वहीं मीडिया की खबरों पर यकीन करें तो, बिसाहूलाल सिंह बुधवार को कांग्रेस के अन्य विधायकों के साथ दिल्ली-हरियाणा स्थित गुडग़ांव में थे और वहां से बैंगलोर के लिए 3 अन्य विधायकों के साथ रवाना हो गये, बीते इस समय से बिसाहूलाल सिंह कहां है, स्पष्ट तौर पर इसकी खबर किसी को नहीं है। सवाल यह उठता है कि कांग्रेस सरकार में ऊर्जा और लोक निर्माण विभाग जैसे महत्वपूर्ण जैसे पदों पर मंत्री रह चुके बिसाहूलाल सिंह क्या गुम हो सकते हैं……….!!  या फिर उन्हें कोई उनकी मर्जी के बिना जबरिया अपहरण कर ले जा सकता है……….!!  तीसरा कारण यह भी सामने आ रहा है कि अपनी उम्र के 70 बरस पूरे कर चुके अनुभवी और अंचल की राजनीति में चाणक्य माने जाने वाले बिसाहूलाल सिंह ने खुद के महत्व को दर्शाने के लिए राजनीति का मास्टर स्ट्रोक तो नहीं खेल दिया……!!!  चूंकि तीन दिनों के बाद अब बिसाहूलाल सिंह के वापस आने की खबरें भी मीडिया में आने लगी है, साथ ही यह खबरें भी आ रही हैं कि बिसाहूलाल सिंह को होली के बाद होने वाले संभावित मंत्री मण्डल विस्तार में जगह मिल सकती है। तरह-तरह के कयासों के बीच बिसाहूलाल सिंह प्रदेश की राजनीति की धुरी में जा बैठे हैं।
यह लिखाया शिकायत में
बिसाहूलाल सिंह के चार पुत्रों में से सबसे छोटे पुत्र और बीते कुछ वर्षाे से पिता की छाया बनकर साथ चल रहे तेजभान सिंह ने भोपाल के टी.टी.नगर में 5 मार्च की दोपहर 2.14 मिनट पर जो शिकायत दी है, उसमें उसने पुलिस को बताया कि उसके पिता बिसाहूलाल सिंह आत्मज राम मिलन सिंह निवासी मकान नंबर 121 मालवीय नगर भोपाल में रह रहे हैं, 2 मार्च की शाम 5 बजे परिवार वालों को रायपुर जाने की बात कह, घर से निकले थे, लेकिन आज तक न तो उनसे बात हो पा रही है और न ही किसी मित्र, परिचत, रिश्तेदार के यहां कोई खबर ही है, उनके मोबाइल नंबर पर भी संपर्क नहीं हो पा रहा है, अत: पुलिस गुमशुदगी दर्ज कर शिकायतकर्ता को न्याय दिलवाये।
अनूपपुर में जलाये गये भाजपाईयों के पुतले
गुरूवार की सुबह तक बहुत कम लोगों के पास बिसाहूलाल सिंह के गुम होने या फिर दिल्ली या बैंगलोर जाने की खबर थी। यह पूरा मामला गुरूवार की सुबह से मीडिया में छाया रहा, गुरूवार को ही अनूपपुर में बिसाहूलाल के समर्थक बड़ी संख्या में इक_े हो गये और उन्होंने ने भाजपा नेताओं के पुतले भी जला दिये। कांग्रेस के सेवादल यंग ब्रिगेड के सैकड़ों युवा इक_े हुए और उन्होंने शिवराज सिंह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी.डी. शर्मा का पुतला जलाते हुए उनके द्वारा गंभीर आरोप लगाये।
…और अंत में वापसी की अटकलों के साथ मंत्री पद
प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेताओं में बिसाहूलाल सिंह का नाम कोई नया नहीं है, बिसाहूलाल सिंह अनूपपुर से कई बार विधायक रह चुके हैं, दिग्विजय सरकार में वे उनके काफी करीबी माने जाते थे, अपनी जिद और धुन के पक्के माने जाने वाले बिसाहूलाल सिंह ने विपरीत परिस्थितियों में भी 15 साल तक अनूपपुर जिले में कांग्रेस का झण्डा थाम रखा था, जबकि इस दौरान संजय पाठक सरीके कई बड़े नेता कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गये, दो बार कैबिनेट मंत्री रहने के साथ ही बिसाहूलाल सिंह प्रदेश के आदिवासी समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं, दिग्विजय सिंह के कार्यकाल के दौरान भी बिसाहूलाल सिंह दर्जनों आदिवासी विधायकों का प्रतिनिधित्व कर आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग कराने के कारण प्रदेश और देश में सुर्खियां बटोर चुके हैं। बिसाहूलाल सिंह के संबंध में यह धारणा है कि न तो उनके जैसा अनुभवी नेता कहीं गुम हो सकता है और न ही भाजपा के नेता उन्हें जबरिया कहीं ले जा सकते हैं, हकीकत क्या है, यह तो भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है।

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