प्रशासनिक समिति गठित होने का सपना देखने वाले हो गए मायूस विशेषज्ञों की सलाह के बाद प्रशासनिक समिति गठन का मामला ठंडे बस्ते में एक ही झटके में ठंडे हो गए अरमानों के ताजिए

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प्रशासनिक समिति गठित होने का सपना देखने वाले हो गए मायूस
विशेषज्ञों की सलाह के बाद प्रशासनिक समिति गठन का मामला ठंडे बस्ते में
एक ही झटके में ठंडे हो गए अरमानों के ताजिए

धनपुरी/शहडोल-कोरोना वायरस संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए लागू किया गया लॉक डाउन अब राजनीतिज्ञों के अरमानों पर पानी फेर रहा है कोरोना वायरस का आगमन होते ही मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया था पहले कमलनाथ सरकार ने कोरोना वायरस की आड़ में सरकार बचाने का दांव चला था और फ्लोर टेस्ट से बचने के लिए 26 तारीख तक का समय मांगा था राजनीतिक तख्तापलट हुआ कांग्रेश की सरकार अल्पमत में आई फ्लोर टेस्ट के पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा दिया नगर पालिका परिषद धनपुरी में कांग्रेस सरकार के दौरान गठित की गई प्रशासनिक समिति मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफा देने के बाद भी कार्य कर रही थी प्रशासनिक समिति के अध्यक्ष मुबारक मास्टर उपाध्यक्ष संतोष सिंह सेंगर सदस्य हनुमान खंडेलवाल डॉक्टर कुरियन एवं इबरार खान थे यह समिति जब गठित हुई थी तब विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिका परिषद धनपुरी जोकि प्रदेश की धनाढ्य नगर पालिकाओं में आती है में लगभग 23 करोड़ रुपए थे अपने लगभग नौ महीने के कार्यकाल में समिति के द्वारा 8 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे प्रशासनिक समिति के द्वारा स्वच्छता संदेश देने की आड़ में लोगों के मनोरंजन का खूब खयाल रखा था ।

दंगल एवं कवि सम्मेलन कम मुशायरा ज्यादा जहां कवियों के द्वारा चाय वालों पर ही ज्यादा कविताएं पढ़ी जा रही थी जिसे सुनकर कांग्रेसी श्रोता फूले नहीं समा रहे थे चर्चा का विषय पूरे नगर में बना था इसके अलावा भीषण ठंड का महीना बीत जाने के बाद कंबल वितरण भी चर्चा का विषय बना था हालांकि प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद सभी को पता था की प्रशासनिक समिति कभी भी भंग हो सकती है और हुआ भी ठीक वैसा एक आदेश आया और राज पाठ खत्म हुआ नेता बेरोजगार हुए और लॉक डाउन ने उनकी लाज बचाई नगर पालिका परिषद धनपुरी में एक बार फिर से प्रशासन ने मोर्चा संभाला एसडीएम धर्मेंद्र मिश्रा नगर पालिका परिषद धनपुरी के प्रशासक नियुक्त किए गए इसी बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव ना करवाने के आदेश जारी किए एवं जिन नगर पालिका एवं नगर निगम के कार्यकाल पूरे हो रहे थे।

वहां प्रशासनिक समिति के गठन करने की बात कही थी जैसे ही यह बात स्थानीय नेताओं तक पहुंची धनपुरी नगर पालिका में बचे लगभग 15 करोड़ रुपए और फिर कालरी प्रबंधन से मिलने वाली मोटी राशि को देखकर सत्ताधारी दल के नेता लार टपकाने लगे प्रशासनिक समिति में जगह पाने के लिए लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव के दौरान खींची गई तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करके अपने योगदान की दुहाई दी जाने लगी की हम पार्टी के वफादार हैं तारणहार है हमें प्रशासनिक समिति में जगह मिलनी ही चाहिए लॉक डाउन के कारण आकाओं तक पहुंचकर चरण वंदना करने में आ रही मुसीबतों की दुहाई देते हुए उन्हें बताया गया की हम चाह कर भी आपके पास पहुंच नहीं सकते इसलिए फोन को ही हमारी उपस्थिति मानी जाए और विनती स्वीकार की जाए साल भर से सत्ता से बेदखल थे आर्थिक हालत खराब हो चुकी है अब सत्ता में वापस आए हैं आपकी कृपा हो तो पहले जैसे मलाई खाने को मिल जाए लेकिन अब ऐसे लोगों के सपने एक झटके में ही टूट चुके हैं टुकड़े-टुकड़े हो चुके हैं बिखर चुके हैं क्योंकि विशेषज्ञों ने मुख्यमंत्री को यह सलाह दी है की नगरीय निकायों के एक्ट में संशोधन कोर्ट में टिक नहीं पाएगा और सरकार की किरकिरी हो जाएगी कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे सज्जन सिंह वर्मा ने भी हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही थी विशेषज्ञों की राय मानते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अभी फिलहाल प्रशासनिक समिति के गठन करने की कवायद को होल्ड कर दिया है धनपुरी नगर में आखरी बार वर्ष 2012 में चुनाव हुए थे तब भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार रविंदर कौर छाबड़ा ने कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार आरती खंडेलवाल हो चुनाव में हराया था यह परिषद 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा की थी 2017 में जब चुनाव हो जाने चाहिए थे तब हाई कोर्ट के स्टे के कारण चुनाव नहीं हो पाया था उसके बाद प्रदेश में कांग्रेश की सरकार आई और नगर पालिका परिषद धनपुरी में प्रशासनिक समिति का गठन हुआ भाजपा सरकार आने के बाद प्रशासनिक समिति भंग हुई और एक बार फिर से नगरपालिका परिषद धनपुरी में प्रशासन ने बागडोर संभाली प्रशासनिक समिति के गठन को लेकर जो चर्चाएं नगर में शुरू हो गई थी अब ठंडे बस्ते में डाल दी गई है।

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