बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के लिए ऑनलाईन बुकिंग शुरू

अक्टूबर तक की टिकट होगी बुक, टिकट माफिया कतरे पर

(कमलेश यादव-9424683600)
ताला। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के लिए बुकिंग की शुरूआत 03 सितम्बर से शुरू हो गई, जिसका इंतजार होटल मालिक, टैक्सी चालक और स्थानीय लोगो को काफी समय से था और ऑनलाइन पोर्टल के अनुसार पर्यटक एवं स्टेक होल्डर के द्वारा 65 प्रतिशत टिकट बुक की जा चुकी हैं। जिसका सहयोग दिलाने में म.प्र. के मुख्यमंत्री की अहम भूमिका रही हैं। 19 अगस्त को टाईगर रिजर्व के स्थानीय, होटल मालिक और स्टेक होल्डर्स से मुख्यमंत्री ने पर्यटक बढ़े एवं लोगो को रोजगार प्राप्त हो और पर्यटको के परेशानी के संबंध पर खुद संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री ने फैसला लिया।
सैलानियों को हो रही थी परेशानी
टाईगर रिजर्व में सैलानियो की संख्या पार्क भ्रमण हेतु ज्यादा आती थी, किन्तु पार्क भ्रमण कोर क्षेत्र में टिकट कम होने के कारण जैसे बाँधवगढ़ टाईगर रिजर्व में कुल 111 टिकट उपलब्ध थी, जिससे कम संख्या में पर्यटक पार्क भ्रमण कर पाते थे, जिसे बढ़ाकर 147 कर दिया गया, ठीक इसी तरह सभी टाईगर रिजर्व में टिकट की संख्या बढ़ा दी गई और साथ ही साथ टाईगर रिजर्व में चलने वाली जिप्सी वाहन एवं अन्य वाहन जिनका वर्ष निर्धारण क्षमता 10 वर्ष के लिए थी, उसे बढ़ाकर 11 वर्ष कर दिया गया हैं एवं टाईगर रिजर्व के अन्दर फुल डे सफारी जिसका नियमानुसार शुल्क एक व्यक्ति का लगभग 40 हजार से 50 हजार आता था, लेकिन अब उतने पैसे लगभग 4 व्यक्ति जा सकेगें, जिससे बाँधवगढ़ के क्षेत्रवासियों में खुशी का माहौल हैं।
एड-ऑन के नियमों में संशोधन
म.प्र. सरकार के इस फैसले कुछ टिकट माफिया एवं होटल मालिको के चहरों में मायूसी छायी हुई हैं, इसका कारण यह हैं कि म.प्र. सरकार के द्वारा एड़ ऑन प्रक्रिया में संशोधन कर दिया गया, बुकिंग माह के दिनांक से सात दिवस तक कोई एड़ ऑन टिकट नही बनेगी और जो इसके बाद एड़ ऑन की टिकट कोई बनाता है तो उसमें नाम जोडऩे वाले व्यक्ति का नाम 30 दिवस पूर्व ही जोड़ा जाएगा, एड़ ऑन प्रक्रिया के संशोधन में कुछ होटल वालो को नुकसान है, जो टिकट की काला बाजारी करते थे।
टिकट माफिया हताश
एड़ ऑन सुविधा पार्क प्रबंधन के द्वारा शुरू हुई थी, तब बड़े-बड़े होटल वालो के द्वारा टिकट अपने दो स्टाप के लोगो के नाम से बुक कर टिकट को ब्लाक कर लेते थे और उसी टिकट को पर्यटको का नाम जोड़कर चार गुना ज्यादा पैंसे में उन्हें देते थे और कुछ लोगो के द्वारा ब्लाक टिकट को टिकट काउन्टर पर टिकट को रद्द कराकर अपने होटल में ठहरे पर्यटको के नाम से जारी कराकर पार्क भ्रमण कराया जाता था, जिससे दूर-दराज से आए पर्यटक जिनके पास टिकट नहीं होती थी, उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।