बारिश शुरू : अधूरे पड़े दर्जनों PM आवासों ने बढ़ाई चिंता @ जियो ट्रैकिंग न होने के कारण खुले में रह रहे दर्जनों परिवार

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पसान में अधूरे पड़े हैं गरीबों के प्रधानमंत्री आवास
नहीं मिल रही है दूसरी किस्त कैसे हो निर्माण.
निर्माणाधीन आवासों का नहीं हो रहा जियो टैगिंग.
70% जरूरी है जियो टैगिंग तभी जारी होगी दूसरी किस्त
जनवरी में अंतिम बार हुआ था आवासों का जियो टैग
दूसरी किस्त के लिए स्थानीय प्रशासन गंभीर नहीं.
बारिश में कैसे रहेंगे गरीब बेघर लोग.
(Suresh sharma@+919893648100)

भालूमाड़ा। पसान नगर पालिका अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना डी एल सी के तहत द्वितीय चरण में 132 हितग्राहियों का चयन प्रधानमंत्री आवास के लिए किया गया था जिन्हें भवन निर्माण के लिए शासन से अनुदान राशि ढाई लाख रुपए तीन चरणों में दिया जाना है जिस की प्रथम किस्त नवंबर 2019 में एक लाख रुपए कार्य प्रारंभ करने के लिए अंश भाग के रूप में हितग्राहियों के खातों में प्रदान की गई थी ।
जिसमें समस्त हितग्राहियों ने आवास का निर्माण प्रारंभ कर दिया अनेक हितग्राही तो ऐसे थे जिन्होंने अपना पुराना आशियाना को तोड़कर नया निर्माण कराना चाहा और जितनी राशि मिली थी उसके हिसाब से काम भी कराया लेकिन उन्हें अब दूसरी किस्त नहीं मिल रही जिससे उनका आवास अधूरा पड़ा है और अब मानसून की आहट भी हो रही वही आए दिन बेमौसम बारिश आंधी तूफान से गरीबों का जीना मुश्किल हो रहा है ।
मार्च माह से पूरे देश में कोरोना संक्रमण के कारण लॉक डाउन होने से यहां की आवासीय प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया जबकि नियमतह जिनका भवन बना है उनका जियो टैगिंग कर शासन को रिपोर्ट भेज कर दूसरी किस्त की प्रक्रिया करनी थी लेकिन स्थानीय प्रशासन ने लॉक डाउन का हवाला देकर आवासी योजना को भुला दिए जबकि जिन हितग्राहियों के भवन निर्माण चल रहे थे उनकी प्रोग्रेस रिपोर्ट जियो टैगिंग के माध्यम से प्रशासन को भेजना था लेकिन पसान में जनवरी माह में अंतिम जियो टैग कराया गया उसके बाद से अभी तक निर्माणाधीन आवासों का जियो टैग नहीं कराया गया और इसी कारण से शासन द्वारा हितग्राहियों को दूसरी किस्त जारी नहीं हो पा रही ।
अंतिम बार जब जनवरी माह में जियो टैग किया गया था उस समय तक लगभग लोगों ने अपने घरों का काम चालू कर दिए थे कुछ लोग किसी कारणवश निर्माण कार्य नहीं चालू कर पाए थे और उस समय लगभग 50 परसेंट जियोटैग जनवरी माह में किया गया था जिसके बाद अन्य बचे हुए हितग्राहियों ने भी अपने-अपने आवासों में काम लगाकर तेजी से निर्माण कार्य प्रारंभ किया यहां तक कि जनवरी से लेकर अब तक 132 हितग्राहियों के लगभग आवास डोर लेवल तक पहुंच गए हैं अनेक लोगों ने जल्दी घर बन जाए दूसरों से मदद लेकर या स्वयं के जमा पूंजी से घर की छत तक का काम करवा चुके हैं लेकिन अब आगे का काम पैसा नहीं होने से रुका हुआ है ।
शासन के नियमानुसार 70 परसेंट जिओ टैगिंग के बाद ही दूसरी किस्त जारी की जाती है और जियो टैगिंग नहीं होने से पसान नगरपालिका के 132 हितग्राहियों के दूसरी किस्त की पूरी प्रक्रिया ठप पड़ी हुई है।
पसान के अनेक हितग्राहियों ने नगर पालिका में संपर्क भी करना चाहा लेकिन उन्हें बताया गया कि लॉक डाउन चल रहा है अभी कुछ नहीं होगा इस बात की जानकारी प्रतिनिधि को हुई तब नगरपालिका जाकर प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े अधिकारियों कर्मचारियों से पूरी जानकारी लेते हुए हितग्राहियों की समस्याओं को सामने रखा जिस पर नगर पालिका के उपयंत्री उमेश त्रिपाठी ने तत्काल जियो टैगिंग कराने का आश्वासन दिया और उन्होंने जियो टैग करने वाली संस्था को फोन करके एक-दो दिन के अंदर पसान के बाकी बचे हितग्राहियों के आवासों का जो निर्माण हुआ है उसका जियो टैग करने की बात कही साथ ही साथ उन्होंने बताया कि जैसे ही जियोटैग का काम पूरा होगा पूरी रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी जाएगी और शीघ्र से शीघ्र हितग्राहियों को दूसरी किस्त मिल जाए इसके लिए भरसक प्रयास किया जाएगा
पसान के आवासीय हितग्राही भी आस लगाए हैं कि शीघ्र उन्हें दूसरी किस्त प्राप्त हो और वह अपना आशियाना बारिश से पहले बना ले।।।।

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