मंजू और सुनील सिंहपुर में कर अवैध रेत का कारोबार!

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पुलिस की कार्य प्रणाली कटघरे में, खनिज अमला मौन

(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। जिले में पुलिस अधीक्षक ने अवैध कार्याे पर अंकुश लगाने सभी थाना क्षेत्रों में कहा गया था, लेकिन सिंहपुर थाना क्षेत्र में ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है, सिंहपुर के तिवारी और गुप्ता ने सिंहपुर सहित खैरहा पुलिस से सेटिंग कर काली रेत का कारोबार खुलेआम क्षेत्र में किया जा रहा है। मजे की बात तो यह है कि कथित लोगों द्वारा सिंहपुर और खैरहा क्षेत्रों से लगी लगभग पंचायतों में रेत की सप्लाई की है, लेकिन जनपद सहित जिला पंचायत में बैठे जिम्मेदारों ने आज तक मातहतों से कहां से रेत ली या उसकी रॉयल्टी कहां है, इसकी सुध नहीं है, सूत्रों का कहना है कि काले रेत के कारोबार से जुड़े सिंहपुर के तिवारी और पडमनिया के सुनील ने पंचायतों में फर्जी बिल भी लगवाया हुआ है।
बैसहा सहित सरफा पर कब्जा
जहां एक ओर मंजू ने अपने एक मेटाडोर के सहारे बैसहा नदी और सरफा नदी में काली रेत का उत्खनन कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गुप्ता ने भी सिंहपुर में 9 से 10 हजार और खैरहा सहित बुढ़ार क्षेत्र में 7-8 हजार रूपये काली रेत प्रति ट्राली उपलब्ध कराई जा रही है, सिंहपुर थाना क्षेत्र में कुछ आरक्षकों पर पूर्व में भी रेत के अवैध कारोबार में संलिप्त होने की खबर सामने आई थी, लेकिन अब तो साहब खुद ही इस गोरखधंधे में कूदकर कथित लोगों के लिए ढाल बने हुए हैं।
संकट में नदिया
नदियों में अवैध रूप से चल रहे रेत उत्खनन कार्य से जहां शासन को लाखों रुपए के रॉयल्टी का नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है, इसके साथ ही नदियों के अस्तित्व पर संकट भी गहराता जा रहा है, साथ ही सिंहपुर से लगी पंचायतों में भी अगर रेत के रॉयल्टी की मांग की जाये तो, जिम्मेदारों सहित रेत माफियाओं की कलई खुल सकती है।
ग्रामीणों में दहशत
सिंहपुर क्षेत्र में दिन और रात रेत का अवैध कारोबार चला रहे है, ग्रामीणों का आरोप है कि अगर रेत खनन का विरोध भी किया जाता है तो उन्हें दबंग और नेताओं द्वारा न केवल धौंस देकर डराया जाता है, ग्रामीणों का कहना है कि अगर शासन प्रशासन से मदद मांग भी ले तो उन्हें किसी का सहारा नहीं मिलता, इससे ग्रामीण भी काफी डरे हुए महसूस कर रहे है।

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