श्रीविधि से धान की बुवाई में रिलायंस फाउंडेशन की सक्रिय भूमिका


(Anil Tiwari+91 88274 79966)
शहडोल। रिलायंस फाउंडेशन सीबीएम-सीएसआर परियोजना के अंतर्गत विगत तीन वर्षो से श्रीविधि से धान रोपनी को बढ़ावा दे रहा है, श्रीविधि से बीज कम लगता है व उत्पादन भी बढ़ता है। राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर श्रीविधि से ही धान की रोपाई हो रही है जिसका काफी अच्छा परिणाम हुआ है। भारत में यह विधि विगत कुछ वर्षो से काफी लोकप्रिय हो रही है। रिलायंस फाउंडेशन हमेशा कृषि के नए आयाम से क्षेत्र के किसानों को लाभ पंहुचा रही है। धान शहडोल में खरीफ की मुख्य फसल है। ऐसे में सीएसआर के तहत विभिन्न सहायता ग्रामीणों को दी जाती है। खाद-बीज के अलावा भी उन्नत खेती से ग्रामीणों को लाभान्वित कराया जाता है।
शुरुआत में ग्रामीण इसके लिए तैयार नहीं हुए पर रिलायंस के कर्मचारियों ने खुद खेतो में जाकर श्रीविधि से खेतीकर के दिखाया फिर जब उत्पादन में वृद्धि देखी तब ग्रामीणों ने अपनाया। सतत प्रयास का यह परिणाम है की आज हजारों की संख्या में किसानों ने इस विधि को अपनाया है। इसी के तहत इस वर्ष भी रिलायंस फाउंडेशन ने रिलायंस के सिक्यूरिटी टीम के साथ मिलकर अभियान चलाया है। ग्राम रायपुर व जरवाही में भी बुवाई कर ग्रामीणों को श्रीविधि की महत्ता समझाई गयी। इस विधि से 1 एकड़ खेत में 2-5 किलो ही बीज की खपत होती है। फाउंडेशन के कृषि वैज्ञानिक सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि जिन किसानों ने ये विधि अपनाई है उनके उत्पादन में 3-4 गुना वृद्धि हुई है। रोपाई कार्यक्रम में रिलायंस सिक्यूरिटी हेड महेश नायर, सीएसआर हेड राजीव श्रीवास्तव, सोमनाथ पूंगल, सूर्यप्रताप, प्रदीप कुमार रमणन सचिन, प्रशांत चौधरी आदि उपस्थित थे।