संकट में चपरा तालाब का अस्तित्व
ट्रैक्टर व अन्य साधनों से मलवा डालकर पाट रहे तालाब
(Amit Dubey-8818814739)
शहडोल। शहर के बीचो-बीच बंद हो चुके किरण टाकीज के ठीक पीछे स्थित तालाब का अस्तित्व अब कुछ दिनों में ही सिमटने वाला है, संभवत: आने वाले सप्ताहों में तालाब सिर्फ राजस्व रिकार्ड में ही नजर आये, ग्रीन सिटी की तरह इस तालाब के ऊपर भी कब इमारतें खड़ी हो जाये, यह कहा नहीं जा सकता। स्थानीयजनों की माने तो उक्त तालाब के भू-खण्ड व आस-पास के रकवे को लेकर राजस्व व नपा अमले के साथ विवाद भी चल रहा है, लेकिन इन सबके ऊपर चपरा परिवार का रसूख भारी पड़ता नजर आ रहा है, शायद यही वजह है कि चंद मीटरों में सिमट चुके तालाब में मिट्टी डालकर पाटा जा रहा है और नपा का राजस्व अमला आंखे मूंदे बैठा है।
यह हो रहा वार्ड नंबर 31 में
किरण टाकीज के ठीक पीछे चारो तरफ से रिहायशी आवासों से घिरा तालाब अब महज एक कुण्ड जैसी स्थिति में आ चुका है, जहां आस-पास के आवासों का गंदा पानी व मलबा इक_ा रहता है, यही नहीं स्वच्छ भारत अभियान व स्वच्छ शहडोल का दावा करने वाले वार्ड पार्षद के घर का गंदा पानी भी संभवत: इसी तालाब में जाता है। बीते कुछ दिनों से तालाब में ट्रैक्टर व अन्य साधनों से मलवा डाला जा रहा है, जिसे नपा की ही जेसीबी आकर तालाब में ढकेल कर पाटने का काम कर रही है। यही क्रम यदि कुछ दिन और जारी रहा तो तालाब ढूंढे नहीं मिलेगा।
यह हैं आरोप
आरोप हैं कि चपरा परिवार के राजनैतिक रसूख के चलते इसी परिवार द्वारा तालाब को पटवाया जा रहा है, जिसे बाद में अपने कब्जे में लिया जायेगा, यही नहीं इस पूरे कार्यक्रम में स्थानीय वार्ड पार्षद व नपा के उपाध्यक्ष तक का इन्हें साथ मिला हुआ है, यही वजह है कि नपा का राजस्व अमला व अन्य जिम्मेदार अधिकारी पाटे जा रहे सरकारी तालाब को रोकने संबंधी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।
ट्रैक्टर से पाट रहे तालाब
बीते कुछ दिनों से लगातार ट्रैक्टर से दिन में ही तालाब में मलबा डाला जा रहा है, मामले की शिकायत जब राजस्व व नपा अमले तक पहुंची तो गुरूवार की शाम एसडीएम रमेश सिंह और तहसीलदार अन्य महकमें के साथ यहां पहुंचे, फिलहाल तालाब का काम रूकवा दिया गया, यह कब तक रूका रहेगा, यह कहा नहीं जा सकता, सवाल यह है कि जब तालाब को पाटने की अनुमति नहीं है तो ऐसा करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन मामले कब दर्ज करेगी। नागरिकों ने अपेक्षा की है कि एसडीएम और तहसीलदार की रिपोर्ट जल्द सामने आयेगी और तालाब में डाली गई मिट्टी निकालकर उसे पुराना स्वरूप दिया जायेगा।
इनका कहना है…
हम मौके पर गये थे, तालाब चपरा परिवार अपने हक में बता रहा है, इसकी जांच की जायेगी, तालाब भले ही निजी या सरकारी भूमि पर हो उसे पाटना गलत है।
रमेश सिंह
एसडीएम, सोहागपुर