सरकारी कायदो को नही मानते डॉक्टर जैन!
कारोबारी के बचाव और जुगाड के फेर में नही भेजी घायल मजदूर की तहरीर
चक्की में काम करते हुए दुर्घटना का शिकार हुए मजदूर के हाथ हुए चोटिल
(शम्भू यादव@9826550631)
शहडोल। निजी व शासकीय उपक्रमों के अलावा किसी भी प्रकार की दुर्घटना का शिकार हो कर ईलाज कराने चिकित्सालय पहुंचे, व्यक्तियों के साथ कारित हुई घटना की सूचना ईलाज के साथ-साथ ही स्थानीय थाने में देना आवश्यक है। लेकिन निजी संस्थानों में कार्य करने के दौरान जब कोई श्रमिक जब चोटिल हो जाते है, तो पुलिस प्रकरण से बचने के लिए और आपराधिक मामलों को छिपाने के लिए अक्सर संस्थान के मालिक चिकित्सकों से सांठ-गांठ कर चोरी छिपे ईलाज कराते है। खासकर कई मामलों में श्रमिकों की मौत और अपंगता जैसी स्थिति से खुद की जिम्मेदारी से बचने व श्रमिकों को श्रम कानून के तहत् लाभ न देने की मंशा के कारण संस्थानों के मालिक निजी अस्पतालों से सांठ-गांठ कर खुद कानून का उल्लंघन करने से नही चूकते।
जिले के धनपुरी थाना अंतर्गत गोल बाजार स्थित चक्की का कारोबार करने वाले व्यवसायी के यहां कार्यरत नंदू महोबिया नामक संभवत: युवक सोमवार की शाम दुर्घटना का शिकार हो गया, युवक के साथ बुरी तरह से चोटिल हो गये। पुलिस को सूचना देने की जगह कथित व्यापारी ने युवक को ले जाकर चोरी छिपे निजी अस्पताल में उसका ईलाज कराना शुरू कर दिया। बुढार थाना अंतर्गत धनपुरी रोड स्थित डॉ. आरसी जैन के अस्पताल में संभवत: आज सुबह उसे भर्ती कराया गया, अस्पताल प्रबंधन ने बिना स्थानीय थाने को तहरीर भेजे, मामले को छिपाने के नीयत से उसका ईलाज शुरू कर दिया, खुद डॉ. आरसी जैन ने बताया कि सुबह 12 बजे भर्ती किया गया है, लेकिन शाम 5:30 तक थाने में सूचना नही दी गई। इस संदंर्भ में धनपुरी थाना प्रभारी रत्नाकर शुक्ला और बुढार थाना प्रभारी महेन्द्र सिंह चौहान को भी अस्पताल द्वारा अभी तक के 6 घंटो के दौरान सूचना नही दी गई। इसके पूर्व भी डॉ. आरसी जैन का कथित अस्पताल और डॉ. जैन चोर छिपे ईलाज कर पुलिस को जानकारी देने से बचने के मामले में विवादों में रह चुका है।