सुनने और बोलने में बच्ची को होती थी तकलीफ, साहस्स फाउंडेशन ने करवाया इलाज

(सुधीर शर्मा-9754669649)

शहडोल। कहते है मानव सेवा से बढ़कर संसार में कोई और सेवा नही होती, इसी का एक श्रेष्ठ उदाहरण साहस्स फाउंडेशन ने प्रस्तुत किया है, माता-पिता के पास आर्थिक समर्थता न होने और जागरूकता के अभाव में एक गरीब बच्ची के कान में सुनाई देना कम हो गया, यही नही दर्द के कारण वह अच्छे से बोल भी नही पा रही थी। इलाज के अभाव कान के घाव और भी गहरे होते जा रहे थे, लेकिन जैसे ही यह खबर साहस्स फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं के पास पहुंची वे सभी बच्ची के घर पहुंच गए, परिजनों से उन्होंने चर्चा कर बिटिया का इलाज कराने के बात कही, पिता की मंजूरी मिलते ही युवाओं ने बीमार बच्ची को जिला अस्पताल लेकर आये और उसके कानों का समुचित इलाज कराकर एक पुनीत कार्य किया है। जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित उधिया गांव में रहने वाली अंजली चौधरी पिता सरजू चौधरी बीते चार सालों से कान के बीमारी से पीड़ित थी जिसको समुचित इलाज नही मिल पा रहा था।
चार सालों से थी समस्या

फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने बताया कि अंजली को कान में बीते चार सालों से समस्या थी जिसका उचित उपचार नही हो पा रहा था। जिसके चलते अंजली के कानों में मवाद बनने लगा था। पिता के सहमति मिलने के बाद हम जिला अस्पताल लेकर आये जहां पर डॉ. इजहार खान के निर्देशन और डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह परिहार के कुशल मार्गदर्शन में अंजली के कान का इलाज प्रारम्भ हुआ। करीब एक हफ्ते इलाज चलने के बाद बच्ची को बराबर सुनाई देने लगा है। युवाओं के इस पहल से अंजली को इलाज मिल सका जिसको लेकर पिता सरजू चौधरी और मां संगीता चौधरी ने साहस्स फाउंडेशन को हृदय से आभार व्यक्त किया है।
इनकी रही भूमिका

अंजली के उपचार में साहस्स फाउंडेशन के पदाधिकारियों में अध्यक्ष सचिन रोहरा, सचिव अंकित मंगलानी, कोषाध्यक्ष चेतन बजाज, हर्ष लहोरानी, श्वेता कुशवाहा, अमित बजाज, आदित्य मिश्रा, सिद्धार्थ गुप्ता आदि का सराहनीय सहयोग रहा।