नेशनल लोक अदालत में हुआ 1893 प्रकरणों का निराकरण

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मोटर दुर्घटना के 345 प्रकरण हुए रेफर, समझौते से मिले परिवार

शहडोल। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेन्द्र कुमार जैन के मार्गदर्शन में 09 दिसंबर को वर्ष की चतुर्थ नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय शहडोल एवं सिविल न्यायालय ब्यौहारी, बुढ़ार तथा जयसिंहनगर में किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ सत्र न्यायाधीश महेन्द्र कुमार जैन तथा जिला न्यायालय शहडोल के अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष आर.एन. तिवारी एवं न्यायाधीशगण तथा अधिवक्तागण द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में मां सरस्वती एवं महात्मा गांधी के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया। जिला शहडोल में नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला न्यायालय शहडोल एवं सिविल न्यायालय ब्योहारी, बुढ़ार तथा जयसिंहनगर को सम्मिलित करते हुये कुल 23 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया था। नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय परिसर में विद्युत विभाग, नगरपालिका, राष्ट्रीयकृत बैंक, बी.एस.एन.एल आदि विभागों के स्टॉल लगाये गये। नेशनल लोक अदालत में कुल 1893 प्रकरणों का निराकरण हुआ, इनमें से 1354 प्रकरण प्रीलिटिगेशन के थे जबकि 539 प्रकरण न्यायालय में लंबित थे। नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों के कुल 345 प्रकरण लोक अदालत में रेफर किये गये थे जिसमे से 55 प्रकरणों में कुल मिलाकर 2 करोड़ 29 लाख रूपये के एवार्ड पारित किये गये। चेक बाउंस के 656 रैफर प्रकरणों में 77 प्रकरण निराकृत हुये तथा 82 लाख 69 हजार 943 रूपये की राशि के राजीनामा किये गये। न्यायालय में लंबित आपराधिक समझौता योग्य मामलों में 2023 प्रकरण रखे गये जिसमें से 346 प्रकरणों का निराकरण राजीनामा के आधार पर हुआ। वैवाहिक प्रकरणों के 133 प्रकरण रखे गये जिसमें से 31 प्रकरण राजीनामा के आधार पर निराकृत हुये। सिविल, विद्युत आदि अन्य श्रेणी के 791 प्रकरण रखे गये जिनमें से 30 प्रकरण निराकृत हुये। कुल मिलाकर न्यायालय में लंबित 3951 राजीनामा योग्य प्रकरण नेशनल लोक अदालत में रखे गये जिसमें 539 प्रकरणों में राजीनामा हुआ एवं 3 करोड़ 13 लाख 4 हजार 926 रूपये की कुल राशि एवार्ड एवं राजस्व प्राप्ति के रूप में प्रभावित हुई । प्रीलिटिगेशन स्तर पर बैंक रिकवरी के 4103 प्रकरणों में से 125 प्रकरण निराकृत हुये तथा 41 लाख 29 हजार 262 रूपये की राशि बैंको में जमा हुई । बिजली के 1845 पूर्ववाद प्रकरणों में से 921 प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा 4 लाख 14 हजार 246 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी तरह नगरपालिका के जलकर के 1408 प्रकरणों में से 117 प्रकरण निराकृत हुये और लगभग 6 लाख 36 हजार रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ तथा अन्य प्रकरणों में जिनमें दूरसंचार एवं संपत्तिकर आदि के प्रकरण शामिल हैं के 623 प्रकरणों में से 191 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण हुआ। इस प्रकार 09 दिसम्बर को आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुल 1893 प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा 2740 व्यक्ति लाभांवित हुए। नेशनल लोक अदालत में कई परिवारों में समझौता हुआ। ऐसे ही कुछ प्रकरणों में तसलीम खान और अब्दुल कादिर के बीच वैवाहिक विवाद था। दोनो का विवाह 2005 में हुआ था किन्तु वर्ष 2016 से पति और पत्नि के मध्य विवाद न्यायालय तक जा पहुंचा। प्रधान जिला न्यायाधीश के मार्गदर्शन में कुटुम्ब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश श्रीमती प्रतिभा साठवणे तथा अधिवक्तागण उमेश उपाध्याय एवं सत्येन्द्र मिश्रा और सुलहकर्ता नारायण प्रसाद शुक्ला के द्वारा समझाईश देने पर पक्षकारों के द्वारा नेशनल लोक अदालत में समझौता कर लिया गया। इसी प्रकार रावेन्द्र मिश्रा एवं स्नेहलता मिश्रा का तलाक का मुकदमा कुटुम्ब न्यायालय में लंबित था। न्यायाधीशगण एवं अधिवक्ताओं के द्वारा समझाए जाने पर दोनो के बीच आपसी समझौता हुआ तथा दोनो पक्षकारों ने जीवन भर साथ रहने का वादा करते हुए न्यायालय से प्रस्थान किया। नेशनल लोक अदालत के माध्यम से कई परिवारों में पति एवं पत्नि ने आपसमझौता किया एवं अपने परिवार को टूटने से बचा लिया। नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना में आहत हुए कई व्यक्तियों को मुआवजा प्राप्त हुआ जिससे वे आर्थिक रूप से सक्षम हुए। नेशनल लोक अदालत में राजीनामा करने वाले पक्षकारों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वन विभाग के सौजन्य से नि:शुल्क औषधीय एवं फलदार वृक्ष प्रदाय किये गये। इस प्रकार वर्ष 2023 की अंतिम नेशनल लोक अदालत का सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश बी.एल. प्रजापति, कुटुम्ब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश सुश्री प्रतिभा साठवणे, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव जिला न्यायाधीश श्रीमती निशा विश्वकर्मा, प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश अमोद आर्य, द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश संदीप सोनी, तृतीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रिवेन्द्र कुमार सेन, श्रीमती प्रीति साल्वे मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट, मधुसूदन जंघेल व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड, अंजय कुमार सिंह व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड, ऋषभ डोनल सिंह व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड, प्रशिक्षु न्यायाधीश सुश्री दीप्ती चैहान, श्रीमती मानसी सिंगोदिया, सुश्री अपेक्षा पाटीदार, विश्वजीत पटैल डी.पी.ओ., अमित शर्मा जिला विधिक सहायता अधिकारी, सुश्री आशा पाण्डेय, महेन्द्र मिश्रा अधिवक्ताओं के साथ पैनल अधिवक्तागण, लीगल एड डिफेंस काउंसिल के अधिवक्तागण, प्रशिक्षित मीडिएटर्स, पैरालीगल वालेंटियर्स,
सामाजिक कार्यकर्तागण, न्यायालय के समस्त कर्मचारीगण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समस्त कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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