पंडित एसएन शुक्ल विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो0 रामशंकर के मार्गदर्शन में  परिचर्चा का आयोजन

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शहडोल। पंडित एसएन शुक्ल विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो0 रामशंकर के मार्गदर्शन में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ बीए प्रथम वर्ष की छात्रा जागृति तिवारी द्वारा सरस्वती वंदना के साथ प्रारंभ हुआ और विधानसभा निर्वाचन- 2023 एक अवलोकन शीर्षक के अंतर्गत हाल में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा निर्वाचन को प्रभावित करने वाले मुख्य कारकों के संदर्भ जैसे राजनैतिक दलों के चुनावी घोषणा पत्र, संसदीय लोकतंत्र में सशक्त विपक्ष की अनिवार्यता, शासन की योजनाएं एवं दलीय भूमिका, मतदान व्यवहार की मुख्य प्रवृत्तियां, भारत की सामाजिक संरचना के संदर्भ में सहभागी राजनीतिक संस्कृति के स्वरूप, विकास के मुद्दे बनाम लोकलुभावन वादे आदि पर चर्चा की गई। एम ए तृतीय सेमेस्टर  के छात्र राहुल सिंह कवर ने एक दलीय शासन व्यवस्थाओं का उदाहरण देते हुए भारत में बहुदलीय लोकतंत्र की श्रेष्ठता के साथ विपक्ष की महत्व को बताया और कहा कि राजनीति विज्ञान के छात्रों को तटस्थता के साथ तार्किक विश्लेषण करना सीखना चाहिए। एम ए प्रथम सेमेस्टर  के पवन कुशवाहा ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के संदर्भ में राजनैतिक दलों के चुनावी घोषणाओं में लोक लुभावन वादों के नुकसानों के विषय में विचार रखें। बीए द्वितीय वर्ष के छात्र पप्पू नायक ने निर्वाचन में प्रमुख दलों की भूमिका के विषय में बताया बीए प्रथम वर्ष से तनिष्का सोनी व अंकुल यादव ने भी चर्चा में भाग लिया। भूगोल विभाग से  सहायक प्राध्यापक डॉ सौरभ शिवा ने  राजनीतिक लाभ आधारित चुनावी घोषणाओं के दुष्प्रभावों तथा मतदाताओं को तात्कालिक लाभों के बजाय दूरगामी विकासात्मक मुद्दों पर जोर देना चाहिए, इस प्रकार के विचार व्यक्त किए। प्रो0 गीता सराफ वरिष्ठ प्राध्यापक राजनीति विज्ञान के द्वारा राष्ट्रीय मुद्दों के प्रांतीय चुनाव पर प्रभाव को रेखांकित किया। विभागाध्यक्ष डॉ चेतना सिंह ने विधानसभा निर्वाचनो में महिला मतदाताओं की अधिक सहभागिता के सकारात्मक पहलू पर प्रकाश डालते हुए भारत में राजनीतिक सहभागिता की संस्कृति के अनुरूप निर्वाचन व्यवहार की स्वाभाविकता को रेखांकित किया। परिचर्चा के विषय का प्रतिपादन करते हुए डॉ पूर्णिमा शर्मा सहायक प्राध्यापक राजनीति विज्ञान ने छात्रों को बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया जानना एक प्रैक्टिकल कक्षा जैसा है। अतिथि व्याख्याता डॉक्टर संजली गुप्ता ने सत्तापक्ष एवं विपक्ष  की भूमिका पर विचार प्रकट किये। विभाग के विजिटिंग फैकल्टी अनुराग पटेल ने मुफ्त योजनाओं के बजट पर प्रभाव एवं आधारभूत संरचना के विकास पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो करूणेश झा (परिसर संचालक) द्वारा निर्वाचन में युवा मतदाता के विवेकपूर्ण निर्णय की आवश्यकता पर जोर दिया कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर पूर्णिमा शर्मा के द्वारा किया गया।

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