उपसंचालक एनडी गुप्ता से होगी 2 करोड़ 29 लाख की वसूली, साथ ही होगी निलंबन की कार्रवाई

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जैविक खेती के नाम पर डीडीए ने किया जमकर भ्रष्टाचार
सवा 2 करोड़ से अधिक की होगी वसूली, एनडी गुप्ता के लिए निलंबन का भेजा गया प्रस्ताव
मामला अनूपपुर के किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग का

वर्षो से कृषि विभाग में पदस्थ उपसंचालक और दर्जनभर कर्मचारियों ने मिलकर ऐसा खेल खेला कि जिले के किसानों का दुगना आय बढना तो दूर, खुद का आय चौगुना कर लिया गया। यहां पदस्थ महिला अधिकारी सहित उपंचालक के चेले-चपाटी भी इस भ्रष्टाचार में शामिल है।

अनूपपुर। जिले में डीएमएफ द्वारा प्रदत्त बजट में विभागों के द्वारा भ्रष्टाचार के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। वर्ष 2020 में इसी मद से कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग को 7 करोड रुपए जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदान किए गए थे। उप संचालक एनडी गुप्ता पर इस राशि का दुरुपयोग करने तथा बिना किसानों को लाभान्वित किया ही राशि को खर्च कर देने का आरोप लगा। वर्ष 2023 में आर्थिक अपराध शाखा में मामले की शिकायत राज्य स्तरीय दिशा समिति के सदस्य दीपक मिश्रा के द्वारा की गई थी। कलेक्टर अनूपपुर के द्वारा पूरे मामले की जांच अपर कलेक्टर अमन वैष्णव के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम से कराया गया, 16 जुलाई को अपर मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय को जांच प्रतिवेदन भेजा गया है। जिसमें स्पष्ट उल्लेखित किया गया है कि उपसंचालक एनडी गुप्ता के द्वारा शासकीय धन का दुरुपयोग किया गया है तथा उनसे दो करोड़ 29 लाख की वसूली के साथ ही विभागीय जांच एवं निलंबन की कार्रवाई की जाए।

जैविक खेती के नाम पर खेल
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 5 हजार किसानों को लाभान्वित किया जाना था। जिनमें से 2 हजार किसानों को वर्मी बेड, केंचुए, शेड नेट तथा एनजीओ के माध्यम से कृषकों को प्रशिक्षण भी दिया जाना था। जिनके लिए 2 करोड़ 90 लाख रुपए खर्च किए गए। इसी तरह शेष 3000 किसानों को कृषि के अत्याधुनिक उपकरण एवं प्रशिक्षण भी दिया जाना था जिसके लिए प्रत्येक कृषक के मान से 9770 रुपए स्वीकृत किए गए थे।
हवा में मृदा परीक्षण
मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए कागजों में ही मृदा परीक्षण भी कराया गया। जिसके लिए बाकायदा सील बायोटिक संस्था को करोड़ों रुपए का भुगतान भी किया गया। अपर कलेक्टर द्वारा की गई जांच में यह तथ्य सामने आया कि किसानों के द्वारा स्वयं ही खेत की मिट्टी को प्रयोगशाला तक पहुंचाया गया था। वही आधा दर्जन से ज्यादा ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने कृषि विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की सामग्री का वितरण किसानों को नहीं किए जाने की बात बतलाई।
होगी वसूली और निलंबन
जांच समिति के द्वारा कृषि मंत्रालय एवं आर्थिक अपराध शाखा को जांच प्रतिवेदन सौपा गया है, जिसमें उल्लेखित किया गया है कि एनडी गुप्ता कृषि विभाग एवं परियोजना संचालक आत्मा के द्वारा वित्तीय अनियमितता एवं अपने पद का दुरुपयोग किया गया है। जांच में 2 करोड़ 29 लाख 9 हजार 972 रुपए की वित्तीय अनियमितता का दोषी एनडी गुप्ता पाया गया है। यह राशि उपसंचालक से वसूली योग्य है साथ ही उनके विरुद्ध निलंबन एवं आर्थिक अपराध शाखा में प्रकरण दर्ज करने का उल्लेख भी किया गया है।
इनका कहना है
मामला बेबुनियाद है, फोन पर नही समझा सकता, कार्यालय पहुचिये इस पर चर्चा करेंगे।
एन.डी. गुप्ता, उपसंचालक
किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग अनूपपुर
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कल ही पूरे मामले के संबंध में जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।
किरन कीरो
डीएसपी, ईओडब्ल्यू रीवा
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शिकायत की जांच में अनियमितता पाई गई है, जांच प्रतिवेदन वरिष्ठ कार्यालय को भेजा गया है।
अमन वैष्णव
अपर कलेक्टर,अनूपपुर
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जांच प्रतिवेदन प्राप्त होते ही कार्रवाई की जाएगी।
एम सेल्वेंद्रम
डायरेक्टर, किसान कल्याण तथा कृषि विभाग, भोपाल

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