उद्धार कारक है,मां भगवती की उपासना
भोपाल।श्रीमद् देवी भागवत पुराण कथा के समापन सत्र का संबोधन करते हुए विद्वान आचार्य डॉ निलिम्प त्रिपाठी जी ने महर्षि वैदिक सांस्कृतिक केंद्र में यह बात कही की संसार के जियो मोक्ष से कम चाहते हैं, तो वे कुछ भी नहीं चाहते। ईस अवसर पर ब्रह्मचारी डॉ गिरीश जी द्वारा भी शुभकामनाएं प्राप्त हुईं।
समग्र वसुधा में लोग विश्व शांति और प्रेम से जीना चाहते हैं किंतु मानव की अति महत्वाकांक्षा ने व्यक्ति को व्याकुल, दुर्बल और आत्मघाती प्रवृत्तियों वाला बना दिया है। सत्य के मार्ग से चलकर, भक्ति का आश्रय लेकर, अध्ययन, चिंतन, मनन के साथ जीवन व्यतीत कर व्यक्ति प्रसन्नता और पूर्णता का अनुभव करता है।