बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बेहोशी की हालत में मिला हाथी

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इलाज कर पुन: छोड़ा गया जंगल में

उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) में एक हाथी बेहोशी की हालत में पड़ा हुआ मिला। हाथी जंगल में चारा खाकर बेहोश हो गया था। हालांकि, समय रहते उसका इलाज किया गया और वह स्वस्थ होकर जंगल चला गया। फिलहाल बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की टीम लगातार उस हाथी की निगरानी कर रही है। गश्त के साथ ही इलाके में अन्य सभी हाथियों के मूवमेंट की निगरानी की जा रही है। जंगली हाथी बीटीआर के पनपथा बफर परिक्षेत्र की जमुनिया बीट में गश्ती दल को बेहोशी की हालत में मिला था। इस बात की जानकारी मिलने के बाद अधिकारियों ने रेस्क्यू दल और डॉक्टर को मौके पर भेजा और इलाज शुरू हुआ।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्सक डॉ.नितिन गुप्ता ने बताया कि हाथी के बेहोश होने की जानकारी लगते ही हम मौके पर पहुंचे। उसे 40 ड्रिप लगाते हुए मेडिसिन दी गई, जिसके बाद उसे होश आया। लेकिन, लंबे समय तक लेटे रहने के कारण हाथी को खड़े होने में दिक्कत हो रही थी। बाद में जेसीबी बुलाई गई और बमुश्किल उसे खड़ा किया जा सका। जब वह सामान्य हुआ, तो जंगल की तरफ चला गया। डॉ. गुप्ता ने बताया कि यह पहला मौका है जब हाथी अचेत अवस्था में मिला, अब वह स्वस्थ है।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक राजीव मिश्रा ने बताया कि हाथी बेहोश मिला था। उसने क्या खाया जिस कारण उसे दिक्कत हुई, इस बात की जांच की जा रही है। फिलहाल हाथी स्वस्थ है और लगातार निगरानी की जा रही है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सहायक संचालक एफएस निमाना ने बताया कि पनपथा बफर से जुड़े हुए क्षेत्रों में कोदो की खेती की जाती है। वहीं पर जंगली हाथियों ने कोदो खाया होगा और अधिक मात्रा में कोदो खाने से उसके बेहोश होने की आशंका है। हालांकि फिलहाल हम लगातार जांच में जुटे हुए हैं।

टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हाथियों के कई झुंड घूम रहे हैं, जिनकी संख्या लगभग 50 से ज्यादा है। यह अलग-अलग क्षेत्रों में विचरण करते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक हाथियों के झुंड का संचालन मादा हथिनी ही करती है और वहीं सभी बच्चों का ध्यान भी रखती है। बच्चे भले ही दूसरी मां के हों, लेकिन मादा हथिनी सभी बच्चों की देखरेख एक जैसी ही करती है ।

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