वन अधिकारी रंजिशन नष्ट करने में लगे वाहन 

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एसडीओ-रेंजर से कराई जाये नुकसान की भरपाई

शहडोल। लोकायुक्त रीवा द्वारा रेंजर महेंद्र यादव एवं एसडीओ मुकुल सिंह ठाकुर पर ट्रैपिंग की कार्यवाही उपरांत आवेदक कृष्ण कुमार तिवारी एवं अरविंद सिंह परिहार निवासी ठेंगरहा जयसिंहनगर के ट्रैक्टर ट्राली को लगभग 14 माह बाद भी नहीं छोड़ा गया। मुख्य वन संरक्षक को दी गई शिकायत में शिकायतकर्ता वाहन मालिक द्वारा आरोप लगाया गया है कि 6 अक्टूबर 2021 को रेत की अवैध उत्खनन का झूठा प्रकरण मसीरा वन भाग 1 में बनाया गया था। ट्रैक्टर ट्राली के राजसात प्रक्रिया जल्दी पूरी करा देने के लिए तत्कालीन रेंजर महेंद्र यादव द्वारा डीएफओ एवं एसडीओ के लिए डेढ़ लाख रुपए की मांग की गई थी। जिसकी पुष्टि उपरांत लोकायुक्त रीवा द्वारा 4 अप्रैल 2022 पंजीबद्ध करष्टाचार अधिनियम के तहत ट्रैपिंग की कार्रवाई की गई थी।
अपने कोर्ट में लंबित किया मामला फरियादी ने शिकायत में उल्लेख किया कि लोकायुक्त की कार्यवाही के पश्चात रेंजर महेंद्र यादव का स्थानांतरण वन विभाग अमरकंटक कर दिया गया, परंतु एसडीओ मुकुल सिंह ठाकुर पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, एसडीओ मुकुल सिंह ठाकुर द्वारा रंजिशन पिछले 8 महीने से फरियादी का ट्रैक्टर ट्राली अपने क्वैशी कोर्ट में लंबित रखा गया है, साथ ही फरियादी वाहन मालिक को सुपुर्द नामा पर भी नहीं दिया गया है, जबकि वन अधिनियम 1927 अनुसार, वाहन मालिक के बंधपत्र प्रस्तुत करने पर सुपुर्दनामा में देने का प्रावधान है, ताकि जप्त वाहन खराब न हो।
6 माह में निराकरण के प्रावधान एसडीओ जयसिंहनगर द्वारा रंजिशवश सुपुर्दनामा नहीं दिया गया है, जिससे ट्रैक्टर नष्ट होने की कगार पर पहुंच गया है। वन अधिनियम 1927 एवं फॉरेस्ट रेगुलेशन तथा समय-समय पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल से जारी राजसात प्रकरण निराकरण निर्देश अनुसार प्रक्रिया का निराकरण 6 महीने के अंदर हर हाल में करने का प्रावधान है। परंतु लोकायुक्त के ट्रैपिंग कार्यवाही से रंजिश वश एसडीओ मुकुल सिंह ठाकुर द्वारा अपने कोर्ट में मामले को रंजिशन लंबित रखा गया है। जिससे कि वाहन मालिक का वाहन पूर्णत: नष्ट हो जाए।
दूसरे वाहनों को छोड़ रहे जिम्मेदार वन अपराध में पकड़े गए अन्य वाहनों को वाहन मालिक से सांठ-गांठ कर चार से छह महीने के अंदर रिश्वत लेकर के निराकृत कर उन्हें छोड़ दिया गया है, परंतु आवेदक के लोकायुक्त में शिकायत कर देने एवं रिश्वत की मांग पूरी न होने से वाहन को 14 माह बाद भी नहीं छोड़ा गया है । वन अपराध में जप्त किए गए ट्रैक्टर ट्राली वाहन को रेंजर के शासकीय आवास में खड़ा कराया गया था, जहां पानी एवं धूप पडऩे से वाहन में घास एवं पौधे उग आए हैं जो ट्रैक्टर एवं ट्राली को पूर्णत:नष्ट कर रहे हैं। हाल ही में रेंजर जयसिंहनगर के आवासीय परिसर में भवन निर्माण कार्य शुरू होने से ट्रैक्टरों को निकाल कर के बाहर कर दिया गया है तथा उन ट्रैक्टर के ऊपर भवन निर्माण की सामग्री फेंक दी गई है जिससे ट्रैक्टरों के इंजन में रेत व धूल बैठ जाए और ट्रैक्टर पूर्णता खराब हो जाए।
की गई रिश्वत की मांग वन अधिनियम 1927 के अनुसार जब तक एसडीओ के क्वाशी कोर्ट से राजसात का निराकरण नहीं कर दिया जाता वाहन मालिक अपने वाहन को छुड़ाने के लिए अन्य कोर्ट में अपील नहीं कर सकता है। इसका पूरा फायदा एसडीओ मुकुल सिंह ठाकुर द्वारा उठाया गया और वाहन के राजसात की प्रक्रिया को लंबित रखा
गया है और वाहन को नष्ट करने के कगार पर पहुंचा दिया गया है। आवेदक कृष्ण कुमार तिवारी ने आरोप लगाया है कि उसके वाहन को निरपराध फंसाया गया है, उनका वाहन मिट्टी लेने के लिए अरविंद सिंह परिहार के खेत में गया था , जहां से की रेंजर महेंद्र सिंह यादव एवं उसके कर्मचारी ट्रैक्टर को बिना चाबी के चला कर के ले आए हैं और उसमें रेत भरकर अवैध रेत उत्खनन का प्रकरण पंजीबद्ध कर रिश्वत की मांग की गई रिश्वत की मांग पूरी ना होने पर ट्रैक्टर को 14 माह से रेंज परिसर में खड़ा करके रखा गया है और उसका कोई निराकरण नहीं किया जा रहा है।
तुलनात्मक हो जांच
वाहन मालिक द्वारा मुख्य वन संरक्षक से गुहार लगाई है कि वह स्वयं इस मामले को अपने संज्ञान में लें एवं निराकरण कराएं तथा एसडीओ मुकुल सिंह ठाकुर के जयसिंहनगर कार्यकाल में वन अपराध के राजसात कार्यवाही का अन्य वाहन के कार्यवाही से तुलनात्मक जांच करा अनुशासनात्मक कार्यवाही करे। वाहन मालिक ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि अगर सुपुर्दनामा के समय वाहन खराब मिलता है तो, वाहन को एसडीओ तथा रेंजर से नुकसान की भरपाई कराया जाए।
इनका कहना है…
इस संबंध में जब एसडीओ मुकुल सिंह ठाकुर से बात करने का प्रयास किया गया तो, उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
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