छात्रावासों में अंगद बन बैठे दर्जनों जुगाडू अधीक्षक

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   5 से 8 साल से पदस्थ हैं हॉस्टलों के अधीक्षक

 

                                         आशीष 9406677672

शहडोल। जिले के पांचों विकास खण्डों में स्थित आदिवासी विकास विभाग सहित अन्य विभागों के अधीन संचालित
छात्रावासों में आदिवासी बालक-बालिकाओं के नाम पर जुगाड़ का खेल-खेला जा रहा है, छात्रावासों को अतिरिक्त
प्रभार और उनमें अधीक्षकों की नियुक्ति के नाम पर छात्रावास लेकर ब्लाक और मुख्यालय तक में रेवडिय़ा आपस में
बांटी जा रही हैं, जिला पंचायत की शिक्षा समिति की हर माह होने वाले बैठक बीते दिनों 8 माह बाद कोरम पूरा करने
के लिए आहुत की गई और सहायक आयुक्त को यहां भी आने का समय नहीं मिला, उनके स्थान पर एम.एस. अंसारी
बैठक में शामिल हुए और आधी-अधूरी जानकारी देकर कोरम पूरा कर दिया गया। न तो नियमानुसार तीन वर्ष से
अधिक समय से पदस्थ अधीक्षकों की न तो सूची सामने लाई गई और न ही ऐसे अधीक्षकों के स्थानांतरण की समय-
सीमा ही तय की गई।
    हकीकत से परे जिंप का कोरम
सहायक आयुक्त आनंद राय सिन्हा के स्थान पर आयोजित बैठक में 16 एजेंण्डे रखे गये और पहले से तयशुदा
बिन्दुओं पर सदस्य व सचिव एम.एस.अंसारी ने कोरम पूरा करवा दिया, गुरूवार को शिक्षा समिति की बैठक में
सत्यता की पूरी मर्यादा तोड़ डाली है, जिले में 8 से लेकर 5 साल तक के 2 दर्जन से अधिक अधीक्षक छात्रावास में
तैनात हैं, इसके बाद भी जिला पंचायत की शिक्षा समिति की बैठक में झूठी जानकारी देकर पद की गरिमा को तार-

तार कर दिया है। शिक्षा समिति की बैठक में प्रभारी अधिकारी ने सहायक आयुक्त की ओर से बताया कि 3 साल से
अधिक पदस्थापना वाले छात्रावास अधीक्षकों को बदल दिया गया है। जो हकीकत से बिलकुल जुदा हैं। अब तक जिले
के जयसिंहनगर एवं गोहपारू जनपद में 6, सोहागपुर जनपद में 6 एवं बुढ़ार जनपद में 14 छात्रावास अधीक्षक 5 से
लेकर 8 साल से पदस्थ हैं। जबकि शासन के नियम के अनुसार 3 साल से अधिक कोई भी अधीक्षक छात्रावास में
पदस्थ नहीं रह सकता। जिला पंचायत की शिक्षा समिति की बैठक में कार्यवाही का विवरण देते हुए बिन्दू क्रमांक 4 में
बताया कि 01 अप्रैल 2022 से अब तक तीन वर्ष एवं उसके पश्चात अधीक्षकों के परिवर्तन नियमानुसार आधार और
प्रस्ताव की जानकारी संलग्न कर अवलोकनार्थ प्रस्तुत की गई, जिसकी समीक्षा की गई।
              पांचो विकास खण्डों में यही स्थिति
अकेले आदिवासी विकास विभाग के द्वारा संचालित छात्रावासों में ही दो दर्जन से अधिक अधीक्षक ऐसे हैं, जो तीन
वर्षाे से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं। जिसमें सोहागपुर में राकेश पटेल, सतेन्द्र शुक्ला, संजीव
द्विवेदी, गायत्री शुक्ला, सुलोचना बट्टे व मनु गुप्ता के अलावा गोहपारू तथा जयसिंहनगर ब्लाक में आरती
प्रजापति, रामावतार सिंह, तरशिला भगत, कमल सिंह, सतेन्द्र सिंह, सोनू सिंह, बुढ़ार विकास खण्ड में गुलाब कली,
लक्ष्मी सिंह, कविता सिंह, अनीता उद्दे, चंद्रवती, ममता सिंह, कमला सिंह, बैसाहन टांडिया, जय प्रकाश, विश्वनाथ,
बहादुर सिंह, राजेन्द्र सिंह, हरीश सिंह, शीतल शामिल है। नियमत: तीन वर्ष पूरे होते ही इन्हें मूल पद पर वापस भेज
देना चाहिए, लेकिन ब्लाक से लेकर मुख्यालय तक जुड़े तार और मैनेजमेंट के कारण न तो प्रभार हटाये जा रहे हैं न ही
जिला पंचायत के शिक्षा समिति या अन्य बैठकों में इन्हें गंभीरता से लिया जाता है।

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