खाली कुर्सियों को वर्चुअल कार्यक्रम दिखाकर किसान सम्मेलन की खानापूर्ति

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किसान और अधिकारियों के बिना ही संपन्न हो गया ‘किसान सम्मेलन‘

खाली कुर्सियों को वर्चुअल कार्यक्रम दिखाकर किसान सम्मेलन की खानापूर्ति

कार्यक्रम में बैठे रहे मरीजों के परिजन, क्षेत्र के किसानों को नही दी जानकारी

राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन का आयोजन मुख्यालय के स्व सहायत भवन में आयोजित किया गया था। कृषि विभाग, आत्मा परियोजना में वर्षो से पदस्थ अधिकारियों ने दर्जनभर किसानों को बुलाकर कार्यक्रम को संपन्न करा दिया। जहां मंच की कुर्सी खाली तथा किसानों की कुर्सी भी खाली रही और वर्चुअल कार्यक्रम पूर्ण कर दिये। कर्मचारियों ने खाली कुसी देखी तो अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों और परिजनो को ही बैठाकर नास्ता करा दिया और सम्मेलन को सफल बना दिया।

अनूपपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों के लिए खून-पसीना एक कर उनकी आय को दुगनी करने में लगे हुए है, विभाग के माध्यम से विभिन्न योजनाएं तथा सुविधाओं को प्रदान करते हुए किसान सम्मेलन जैसे कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को लाभ पहुंचाने तथा जागरूक करने का पहल तो किया जा रहा है, लेकिन कृषि विभाग के अधिकारी इतने लापरवाह है कि उन्हे न तो शासन की योजनाओं/कार्यक्रमों से मतलब है और न ही किसानों से कोई लेना-देना है। शासकीय धन की होली खेलने वाले और फर्जी बिलों का भुगतान करने वाले कृषि विभाग और आत्मा परियोजना के अधिकारी मनमर्जी में जुटे हुए है। यही कारण है कि महत्वपूर्ण किसान सम्मेलन में न तो किसानों को बुलाया गया और न ही कोई अधिकारी कार्यक्रम में पहुंचे, महज कर्मचारियों के भरोसे किसान सम्मेलन को संपन्न कर वाह-वाह लूट लिये।

सम्मेलन में नही पहुंचे किसान

कृषकों से मिली जानकारी के अनुसार कार्यक्रम की जानकारी न मिलने के कारण किसान सम्मेलन में क्षेत्र के कृषक नही पहुंचे, महज दर्जनभर किसानों को फोन के माध्यम से एक दिन पहले जानकारी प्रदान की गई थी। कुलमिलाकर खाना पूर्ति करने व दिखावे के लिए वर्चुअल किसान सम्मेलन का आयोजन कर दिया। कार्यक्रम में न तो अधिकारी पहुंचे और न ही किसान, जिससे सम्मेलन में आधी से ज्यादा कुर्सियों खाली पडी रही। गौरतलब हो कि कृषि उप संचालक एनडी गुप्ता कभी भी किसानों के हित में कोई कार्य करते हुए दिखाई नही दिये, फिलहाल उनके अवकाश पर सहायक संचालक वर्षा त्रिपाठी के द्वारा कार्यक्रम को संपन्न कराते हुए कागजों में किसानों का हित कर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लिये। वही सात-आठ वर्षो से पदस्थ महिला अधिकारी सहायक संचालक वर्षा त्रिपाठी को शायद ही कोई किसान पहचानता तो, इनके भरोसे पूरे कार्यक्रम का संचालन हो जाता है और कभी भी इनके कार्यो की जांच नही होती है।

मरीजों को बैठाये कार्यक्रम में

जिला चिकित्सालय के बगल में स्थित स्व सहायता भवन में राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जहां एग्रीकल्चर इंश्योरेंश कंपनी की जानकारी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी तथा कृषि विभाग से संबंधित अन्य जानकारियों को किसानों तक पहुंचाना था, लेकिन महज वर्चुवल कार्यक्रम में स्क्रीन चालू कर प्रवचन को संपन्न करा दिया गया। जब कार्यक्रम में किसान नही पहुंचे तो दिखावे के लिए अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों और उनके परिजनो को बुलाकर नास्ता वितरण कर दिया गया, तांकि कार्यक्रम को सफल बताया जा सके, उसके बावजूद भी कुर्सियां खाली दिखाई दी।

क्षेत्रवार देनी थी जानकारी

वर्चुअल माध्यम से राज्य स्तरीय आयोजित किसान सम्मेलन में विधिवत तरीके से क्षेत्रवार किसानों को पत्राचार, अखबार तथा वाट्अप समूह के साथ फोन के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराना था, लेकिन वर्षो से बैठे लापरवाह अधिकारी कृषि उपसंचालक एनडी गुप्ता, सहायक संचालक कृषि वर्षा त्रिपाठी तथा आत्मा परियोजना के उप संचालक निशा सिन्हा के द्वारा गरीब किसानों के साथ भेद भाव करते हुए शासन की योजनाओं के अलावा किसान सम्मेलन जैसे आयोजन को मजाक बनाकर रखा दिया। इनके द्वारा यह पहला मौका नही है जब ऐसे लापरवाही किया गया हो, जब से विभाग में पदस्थापना हुई है तब से इन पर कोई कार्यवाही न होने के कारण लापरवाह हो चुके है, इसलिए कार्यवाही अन्यंत आवश्यक है।

इनका कहना है

हमारे द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, किंतु कलेक्टर साहब की मीटिंग में व्यस्तता के कारण किसान सम्मेलन में नही पहुंच पाई, कार्यक्रम में क्या हुआ इसकी जानकारी मुझे नही है।

वर्षा त्रिपाठी, सहायक संचालक

कृषि विभाग अनूपपुर

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मैं अवकाश पर हूं, मुझे इसकी जानकारी नही है।

एन.डी. गुप्ता, उप संचालक

कृषि विभाग अनूपपुर

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मैं इसकी जानकारी लेता हूं, कार्यक्रम में लापरवाही बरनते वालों पर कार्यवाही की जायेगी।

आशीष वशिष्ठ, कलेक्टर अनूपपुर

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