मासूम बालक के हत्या का हुआ खुलासा

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जादू टोना के शक पर की गई थी हत्या, लापरवाह थाना प्रभारी को कप्तान ने किया निलंबित

उमरिया। जिले के इंदवार थाना में 02 जनवरी को मृतक बालक के दादा दिलभरण सिंह निवासी ग्राम मझौली ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मेरा नाती प्रकाश सिंह गोड़ का शव सामुदायिक भवन मझौली में पड़ा है, जिसे हम सब मिलकर घर ले आये हैं। सूचना पर थाना इंदवार में मर्ग पंजीबद्ध कर जांच की गई। प्रथमदृष्टया मृतक के गले एवं पेट पर चोट के निशान थे, 03 जनवरी को अज्ञात आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया। मामला अत्यंत गंभीर प्रकृति का होने से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी.सी. सागर, उप पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक श्रीमती निवेदिता नायडू तत्काल मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का सूक्ष्मता से निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण किया। साथ ही मृतक के परिजनों से मुलाकात की और सांत्वना देते हुए पूछताछ की। विवेचना अधिकारी को प्रकरण में वैज्ञानिक, फोरेंसिक और संवेदनशीलता से जांच करने के लिए निर्देश दिये गये। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक द्वारा अंधीहत्या का खुलासा करने एवं अज्ञात आरोपी की गिरफ्तारी के लिये 30000 रूपये की उद्धघोषणा जारी की गई। पुलिस अधीक्षक द्वारा थाना प्रभारी इंदवार द्वारा जांच में की गई लापरवाही के कारण उन्हे तत्काल निलंबित कर जांच उप निरीक्षक मुकेश मर्सकोले को सौपी गई। प्रकरण के घटना स्थल का निरीक्षण किया गया एवं डाग स्काड दल की भी मदद ली गई। विवेचना दौरान मृत बालक के गले में लगे साडी के टुकड़े को जप्त कर मृतक के पड़ोस के लोगों से तस्दीक की गई। बालक के परिजनों एवं गांव के लोगों से पूछताछ की गई। पूछताछ में दलबीर सिंह गोड पिता स्व. बाला सिंह गोंड से जमीनी रास्ते को लेकर पुराना विवाद होना पता चला, जब दलबीर सिंह गोड से पूछताछ की तो उसने अपराध स्वीकार किया और उसके घटना में प्रयोग किए गए साड़ी का टुकड़ा और टुकड़े की साड़ी को धारा 27 साक्ष्य अधिनियम के मेमोरेण्डम में जप्त कराया। दलवीर ने बताया कि मृतक की दादी जादू टोना करती है जिससे मेरे 02 बेटे जन्म लेने के कुछ देर बाद मृत हो गये थे, कुछ समय पूर्व मेरे पिता की भी मृत्यु 02 दिन की बीमारी में हो गई थी, इस कारण से मुझे इस परिवार से बहुत रंजिश थी। 01 जनवरी को दोपहर करीब 12 बजे मृतक प्रकाश सिंह अपने भाई के साथ मेरे खेत से जा रहा था, जिनको मैंने अपने खेत से जाने से मना किया तो प्रकाश मुझे बुरा-भला कहकर वहां से भाग गया, फिर करीब शाम 04 बजे मुझे प्रकाश दुधरिया मंदिर के पास अकेले खेलते मिला, जिसे मैंने अपने पास बुलाया एवं उसे कुंडा नाला के पास ले जाकर मारपीट किया, मृतक को कुंडा नाला के फर्श पर पटक दिया। बच्चे के चिल्लाने पर पास में रखे साडी के टुकड़े से उसका गला घोट कर हत्या कर दी एवं उसकी लाश को तालाब की झाडियों में छुपा दिया, फिर डर के कारण रात करीब 01 बजे शव को वहां से लाकर गांव के खंडहरनुमा सामुदायिक भवन में छिपा दिया था। आरोपी के कब्जे से घटना के समय पहने हुए कपड़े जिसमें रेत, मिट्टी एवं मृतक का रक्त लगा हुआ है एवं जिस साडी के टुकड़े से गला घोटा गया, उसे जप्त किया जाकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। मामले से संबंधित अन्य विधि संगत साक्ष्य एकत्र कर विवेचना की जा रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं नगर पुलिस अधीक्षक उमरिया, थाना प्रभारी अमरपुर मुकेश मर्सकोले, प्रधान आरक्षक अजय सिंह, गोपाल सिंह, आरक्षक उपेन्द्र, उदय सिंह, संजय बघेल, वाकिफ खान, महिला आरक्षक जिवनी सिह. सहायक उप निरीक्षक चालक शहजाद सिंह एवं सायबर सेल से प्रधान आरक्षक राजेश सोंधिया का योगदान रहा।

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