सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक फर्जी खातों का मामला–::–बैंक खाता खुलवाकर खातों का दुरूपयोग करके, गैरकानूनी काम कर खातों से अवैध लाभ उठाकर धोखाधडी करने वाले आरोपियों कों पुलिस नें किया गिरफ्तार, मुख्य आरोपी दुर्गेश यादव फरार
सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक फर्जी खातों का मामला–::–बैंक खाता खुलवाकर खातों का दुरूपयोग करके, गैरकानूनी काम कर खातों से अवैध लाभ उठाकर धोखाधडी करने वाले आरोपियों कों पुलिस नें किया गिरफ्तार, मुख्य आरोपी दुर्गेश यादव फरार
कटनी।। सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक में छात्रों व बेरोजगार युवकों के नाम सें खाते खोलकर करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन किए जाने के मामले में पुलिस नें भोपाल सें 9 सहआरोपियों कों गिरफ्तार किया सभी आरोपियों सें पुलिस पूछताछ कर रही है. आरोपियों सें कुल 3 लेपटाप, 9 मोबाईल फोन जप्त किये गये है। इस फर्जीवाड़े का प्रमुख मास्टर माइंड दुर्गेश यादव फरार है जिसकी पुलिस पूरी सरगर्मी सें तलाश कर रही है।
प्राप्त जानकारी अनुसार एक फरवरी कों अंकिता गुप्ता शाखा प्रबंधक, सूर्योदय बैंक राजीव गाँधी वार्ड नं 13 कटनी ने पुलिस कों शिकायत मे बताया कि विवेक पटेल पिता राकेश पटेल निवासी ग्राम पंचायत गैंतरा , दुर्गेश यादव निवासी शाहनगार पन्ना द्वारा अन्य लोगों के बैंक खाता खुलवाकर खातों का दुरूपयोग करके, गैरकानूनी काम व धोखाधड़ी कर खातों से अवैध लाभ उठाकर धोखाधडी की गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। शिकायत के विरुद्ध पुलिस में जांच पड़ताल कर विवेक पटेल, दुर्गेश यादव एवं अन्य लोगों के विरूध्द प्रथम दृष्टया अपराध धारा 420, 34 के तहत प्रकरण पंजीबध्द कर विवेचना मे लिया। संपूर्ण कार्यवाही के लिए थाना प्रभारी माधवनगर मनोज गुप्ता के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच शुरू की गई। प्रकरण की विनवेचना के दौरान संबंधित सूर्योदय बैंक में खुले सभी खातों के बैंक स्टेटमेंट एवं अन्य दस्तावेजो की जांच की गई। जांच के दौरान पुलिस नें भोपाल के एक अपार्टमेंट के कमरे मे 9 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई जिन्होने बताया कि उक्त कार्य के लिए दुर्गेश यादव ने सभी को काम पर रखा था। दुर्गेश यादव द्वारा अलग अलग लोगो के सिम कार्ड जारी करवाकर बैंक में खाता खुलवाया गया। उन सिम कार्डों व खातो का प्रयोग आनलाईन गैमिंग मे इस्तेमाल किया जाता था। इस कार्य के लिए दुर्गेश यादव द्वारा लेपटाप और मोबाईल उपलब्ध कराये गये थे। विवेचना के दौरान अभी तक सूर्योदय बैंक से प्राप्त 17 खातों को प्राप्त कर उनका अध्ययन किया गया। उक्त 17 खातो मे लगभग 4 करोड रूपयो का लेन देन होना पाया गया है। उक्त रूपयों के लेन देन के बारे में गिरफ्तार आरोपियो से पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तारशुदा आरोपियो से कुल 3 लेपटाप, 9 मोबाईल फोन जप्त किये गये है।
पकड़े गए आरोपियों में लावन्य पाल पिता मनीष पाल उम्र 21 साल निवासी धन्वन्तरी नगर थाना गढा जिला जबलपुर,कमल केसवानी पिता मनोज केसवानी उम्र 21 साल निवासी जबलपुर दमोह नाका थाना गोहलपुर। शिवम राय पिता उरताज प्रसाद राय उम्र 19 साल निवासी राम मंदिर के सामने धमतरा थाना शाहनगर जिला पन्ना,विपुल जैन पिता अखिल जैन उम्र 21 साल निवासी फूटा ताल थाना ओमती जिला जबलपुर,अजय बजाज पिता मंगा राम बजाज उम्र 42 साल निवासी बीना सागर,धर्मेन्द्र वर्मा पिता शिव कुमार वर्मा उम्र 23 साल निवासी पटपरी थाना शाहनगर जिला पन्ना
, रोहित नामदेव पिता श्री विजय नामदेव उम्र 23 साल निवासी ग्राम खम्हरिया थाना कुठला जिला कटनी,रामप्रकाश विश्वकर्मा पिता नारायण प्रसाद विश्वकर्मा उम्र 22 साल निवासी ग्राम खमतरा शाहनगर,राहुल आसवानी पिता बबलू आसवानी निवासी जबलपुर और विवेक पटेल निवासी गैंतरा कटनी कों पुलिस नें पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस कों ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े मामलों में 17 खातों में करोड़ रुपए से अधिक के ट्रांजेक्शन की जानकारी प्राप्त हुई थी जिस पर पुलिस ने FIR दर्ज एक आरोपी कों पहले ही हिरासत में लिया.मामला ब्लैक मनी को व्हाइट करने के साथ ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ा है।
खातों में अत्यधिक रुपए जमा होने पर एफआरएम द्वारा खातों की गई निगरानी
पुलिस को बैंक मैनेजर अंकिता गुप्ता ने जानकारी में बताया है कि 12 दिसंबर को ग्राम गैंतरा निवासी विवेक पटेल ने बैंक में खाता खुलवाया। इसके बाद कई युवकों के खाते खुलवाए। खातों में अत्यधिक रुपए जमा होने पर एफआरएम द्वारा खातों की निगरानी की गई। खाते संदेहास्पद होने पर जांच के निर्देश प्राप्त हुए। जिसके बाद खातों को डेविट फ्रीज करने के साथ खाताधारकों से पूछताछ शुरू की गई। जब खाताधारकों से पूछताछ की गई तो बताया गया कि विवेक पटेल के कहने पर उन्होंने खाता खुलवाया था, जिसके बदले उन्हें 700-700 रुपए कमीशन मिले। युवकों ने बताया है कि ट्रांजेक्शन का काम विवेक पटेल देखता था। पुलिस की पूछताछ में विवेक पटेल ने पुलिस को बताया है कि इस पूरे मामले का प्रमुख सूत्रधार शाहनगर निवासी दुर्गेश यादव है। प्रतिमाह उसने 25 हजार रुपए वेतन व एक हजार रुपए अलग से कमीशन देने की बात कही थी। इस दौरान दुर्गेश अपनी सिमें देकर खाता खुलवाते समय वहीं नंबर देता था, फिर वहीं खातों को ऑपरेट कर ट्रांजेक्शन करता था। पुलिस अब प्रमुख सूत्रधार दुर्गेश के तलाश में जुट गई है।