कटनी कलेक्टर का यह आदेश पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी में सरकार,आचार संहिता के समाप्त होने का इंतजार गलत प्रक्रिया अपनाकर आदिवासियों से जमीन खरीदने वालों सहित भू-माफियाओं में मच गया हड़कंप अवैधानिक तरीके से खरीदी गई आदिवासियों की जमीन अब होगी सरकारी

कटनी कलेक्टर का यह आदेश पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी में सरकार,आचार संहिता के समाप्त होने का इंतजार
गलत प्रक्रिया अपनाकर आदिवासियों से जमीन खरीदने वालों सहित भू-माफियाओं में मच गया हड़कंप
अवैधानिक तरीके से खरीदी गई आदिवासियों की जमीन अब होगी सरकारी
कटनी।। अवैधानिक तरीका अपनाकर आदिवासियों से जमीनों की खरीदी की है, तो आपक़ो एक नए कानून का सामना करना पड़ेगा जिसे सरकार कें द्वारा जल्द ही लागू करने की तैयारी चल रही है बस इंतजार है तो प्रदेश लगी अचार सहित खत्म होनें का, आदिवासियों से गलत तरीके से खरीदी गई जमीन अब सरकारी होगी यानी मध्यप्रदेश सरकार उसे अपने कब्जे में लेगी। कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद ने इस तरह का एक आदेश जिले में पारित किया है। अब इस आदेश को राज्य सरकार पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी में है। मध्यप्रदेश सरकार की जानकारी में आया है कि भोपाल और इंदौर सहित प्रदेश के कई शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में गलत प्रक्रिया अपनाकर आदिवासियों से जमीनों की खरीदी की गई है। जमीन खरीदने वालों में IAS, IPS, IFS से लेकर दिग्गज राजनेता तक शामिल हैं। जिले सहित पुरे प्रदेश में इस तरह के बहुत सारे मामले सामने आए हैं। तमाम लोगों ने इसको लेकर अफसरों के सामने शिकवा-शिकायतें भी की हैं। सरकार इसको लेकर अब नया कानून लागू करने की पूरी तैयारी में है। कटनी कलेक्टर का आदेश इस जटिल समस्या से निपटने कें लिए सबसे आसान तरीका लगा है। जिला कलेक्टर के जरिए सरकार वैध प्रक्रिया को अपनाए बिना खरीदी गई जमीनों को सरकारी करा दी। इससे सरकार के पास भूमि का बड़ा बैंक लैंड बैंक तैयार हो जाएगा। इससे सरकार की माली हालत में भी सुधार आएगा। इसको लेकर ठोस प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं। तमाम दस्तावेजों और तथ्यों को खंगाला जा रहा है। दरअसल कटनी कलेक्टर के सामने जिले के ग्राम बड़वारा स्थित खसरा नंबर 17 रकवा 0.60 हेक्टेयर जमीन आदिवासी के पट्टे की थी। उक्त जमीन को अवैधानिक प्रक्रिया अपनाकर गैर आदिवासी के नाम नामांतरण करा दिया गया था। उसके बाद उस भूमि की बिक्री भी कर दी गई थी। कलेक्टर की ओर से पारित किए गए आदेश में गैर आदिवासी के नाम पर किए गए नामांतरण के आदेश को निरस्त करते हुए मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के तहत तहसीलदार बड़वारा को उपरोक्त भूमि को अंतरिम व्यवस्था के तहत शासकीय मद में दर्ज किए जाने का आदेश दिया गया है। कलेक्टर न्यायालय के इस आदेश के बाद आदिवासियों की जमीन पर गिद्ध दृष्टि जमाए बैठे भू-माफियाओं में हड़कंप मच गया है। अब जब से यह पता चला है कि इस तरह का अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा, तब से जमीन हड़पने वालों की सांसें भी ऊपर-नीचे हो रही हैं।
ऐसे हुआ निराकरण
कलेक्टर ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि आदिवासी भूमि-स्वामी संतराम कोल के स्वत्व की जमीन मेहरुनिशा खान के नाम पर कैसे हो गई, इसको लेकर एसडीएम से जांच कराई थी। एसडीएम ने जांच के दौरान इस मामले में हल्का पटवारी से प्रतिवेदन मांगा था। पटवारी के प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने बडवारा निवासी मेहरुनिशा, हनुमानगंज कटनी निवासी रमेश कुमार बजाज पिता नरसिंह दास बजाज, बड़वारा निवासी सुमन कोल पिता संतराम कोल, सत्तोबाई पति संतराम कोल और आशीष कुमार गुप्ता पिता महेंद्र गुप्ता नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। उनके जवाब के बाद कलेक्टर ने उक्त आदेश पारित किया है। तत्कालीन पटवारी मोहन सिंह बरकडे द्वारा दिए गए प्रतिवेदन में बताया गया कि बड़वारा कला स्थित भूमि वर्तमान खसरा में रमेश कुमार बजाज हनुमानगंज कटनी के नाम पर दर्ज है। यह जमीन वर्ष 1988-89 में आदिवासी संतराम कोल पिता हिंदरई के नाम पर दर्ज थी। उसके बाद फौती नामांतरण के जरिए यह जमीन गैर आदिवासी मेहरुनिशा खान पति संतराम कोल के नाम पर दर्ज हो गई। चूंकि किसी व्यक्ति की जाति, जन्म के आधार पर तय होती है। इसलिए नियमतः आदिवासी की जमीन मेहरुनिशा के नाम पर नहीं होनी थी। अपने नाम पर जमीन होने के बाद मेहरुनिशा ने इसकी पावर ऑफ अटार्नी आशीष कुमार गुप्ता को दे दी थी। गुप्ता ने जमीन रमेश कुमार बजाज को बेंच दी। बजाज ने इस जमीन को 30 जुलाई 2014 को कटनी के मदनमोहन चौबे वार्ड में रहने वाली समिधा त्रिपाठी पति राजेश त्रिपाठी को बेंच दी थी। सुनवाई के बाद कलेक्टर ने नामांतरण निरस्त कर भूमि को शासकीय मद में दर्ज करने का आदेश दिया है।
कलेक्टर ने ये दिया था यह आदेश
कलेक्टर न्यायालय ने इस प्रकरण में विधिसम्मत सूक्ष्म परीक्षण के बाद ग्राम बडवारा स्थित खसरा नंबर 17 रकवा 0.60 हेक्टेयर भूमि का नामांतरण निरस्त करने और म0प्र0 भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 110 में विहित प्रावधानों के तहत अंतरिम व्यवस्था के रूप में भूमि म0प्र0शासन मद में दर्ज किये जाने का आदेश पारित किया है।