भू माफिया के सामने बौना हुआ प्रशासन,आयुक्त के आदेश की उडाई धज्जियां स्थगन के बावजूद हो रहा निर्माण

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(जय प्रकाश शर्मा)
मानपुर।भूमाफियाओं के सामने कमिश्नर कार्यालय के आदेश भी औधे गिर रहें हैं बता दे की मानपुर निवासी कमलेश पिता मोहितलाल गुप्ता ने कमिश्नर कार्यालय शहडोल में दिनांक 27 जून को ग्राम मानपुर की  आरजी खसरा नंबर 714 /1रकवा 17.4 एकड़ भूमि में रजिस्ट्री,नामांतरण एवं निर्माण कार्य के संबंध में माननीय न्यायालय से स्थगन संबंधी आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिसमें विचार करते हुए माननीय न्यायालय ने आगामी सुनवाई तक उक्त आराजी 714/1 का क्रय विक्रय एवम निर्माण कार्य न करने का आदेश जारी किया था जिसका पालन स्थानीय प्रशासन द्वारा भू माफियाओं को लाभ पहुंचाने के उद्देश से नही कराया जा रहा है।
बता दे की उक्त आराजी 714/1 रकवा 17.4 एकड़ जंगल मद की भूमि है जिसे कूट रचित रचना करते हुए फर्जी तरीके से मानपुर निवासी स्वर्गीय चंद्र मोहन भट्ट,रमाशंकर श्रीवास्तव व राम लखन भट्ट के नाम पर जंगल मद की भूमि का व्यवस्थापन कर दिया गया था जिसे पूर्व के कलेक्टर उमरिया के द्वारा प्रकरण क्रमांक28/स्व 0 निगरानी /2013/ 2014 के तहत दिनांक 09/01/2014 कोअवैध व्यवस्थापन का आदेश पारित करते हुए पूर्ववत मध्य प्रदेश शासन किस्म जंगल अंकित किए जाने का आदेश पारित किया था।
बाबजूद इसके उक्त आराजी को  मानपुर के भू माफियाओं, दलालों ने भूमि स्वामी द्रोपती बाई एवम उप पंजीयक उमरिया के साथ साठ गांठ करके जंगल मद के व्यवस्थापन की भूमि का नियम विरुद्ध कई लोगो को विक्रय कर दिया इतना ही नहीं अब कमिश्नर कार्यालय से स्थगन आदेश होने के बाबजूद भी क्रेतागणो से भू माफियाओ ने तहसीलदार और पुलिस से अच्छी तरह से सेटिंग कर दी है और निर्माण कार्य को तेजी से करने को कहा गया है
अब सवाल यह उठता है कि यदि कमिश्नर के स्थगन का आदेश तमिल होने के बाबजूद क्रेता गण निर्माण कार्य तेजी से कर रहे है तो निश्चित रूप से इस पूरे प्रकरण में भू माफिया एवं स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार है लोगों ने जिले के लोकप्रिय कलेक्टर  से कहा है कि उक्त आरजी में चल रहे निर्माण कार्य के संबंध में कार्यालय कमिश्नर द्वारा किए गए आदेश का पालन कराए एवं विक्रय हो चुके रकबे के नामांतरण पर रोक लगाएं जिससे की उक्त आराजी सार्वजनिक हित के उपयोग में आ सके।

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