तरस को तरस रही बतसिया: फिर लौटी थाने से, 60 लाख की जमीन, 25 में सौदा, दिया 1 लाख

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बुढ़ार थाना क्षेत्र के हाथीडोल की निवासी है 75 वर्षीय वृद्धा  शहडोल। जिले की ट्रांसपोर्ट नगरी बुढ़ार के इर्द-गिर्द भू-माफियाओं ने अपने पैर इतने पसार लिए हैं कि अब कोई भी उनकी जद से बाहर नही रहा। धनपुरी के वार्ड नंबर 01 में रहने वाली 75 साल की वृद्धा बतसिया ढीमर को अपने पिता ढुर्रू ढीमर से वसीयत में मिली भूमि जिसकी बाजार में कम से कम 60 लाख कीमत बताई जा रही है, उस भू-खण्ड को भू-माफिया ने चंद लोगों को आगे करके महज एक लाख रूपये नगद और ऐसे चेक जो बाद में बाउंस हो गये, देते हुए मुख्तियारनामा करा लिया। मामले की शिकायत पीडि़ता और उसके परिजनों के  द्वारा बुढ़ार थाने में की गई, पुलिस जब इस मामले में सक्रिय हुई और दस्तावेज खंगालने लगी तो, प्रदीप जैन जिसके नाम पर मुख्तियारनामा किया गया है, उसके पीछे शिब्बू और छोटू जैसे कई नाम आते गये। पुलिस ने क्या किया, यह तो वही जाने, लेकिन वृद्ध बतसिया तब से लेकर अब तक लगातार थाने के चक्कर काट रही है।
1 लाख में 60 लाख जुगाड़
बुढ़ार तहसील अंतर्गत धनपुरी के वार्ड नंबर 01 हाथीडोल में बतसिया ढीमर नामक वृद्धा को अपने पिता ढुर्रू ढीमर से पटवारी हलका नंबर 25 का आराजी खसरा नंबर 161/2/1/4 का अंश भाग 0.1907 हेक्टेयर जो लगभग 50 डिस्मिल बताई गई है, सडक़ के किनारे स्थित इस भूमि का वर्तमान में बाजार में लगभग 60 लाख से अधिक कीमत बताई गई है, बुढ़ार के वार्ड नंबर 14 के सिंधी बाजार के रहने वाले प्रदीप जैन उम्र 43 साल के द्वारा उक्त जमीन का सौदा वृद्धा से करते हुए अपने पक्ष में 7 जून को मुख्तियारनामा कराया गया, जिसमें यह बताया गया कि 25 लाख रूपये में दोनों के मध्य सौदा हुआ है, 5 लाख की राशि वृद्धा को इलाज के लिए जरूरत होने पर चेक से दी गई, बाद में चेक वापस लेकर 5 लाख नगद दे दिये गये। वहीं 10 लाख रूपये का एसबीआई का एक चेक क्रमांक 201743, जिसमें 8 जुलाई 2024 की तिथि अंकित थी, वह दिया गया, यह चेक बाद में बैंक से अनादरित हो गया। कुल 10 लाख नगद और शेष 5 लाख एक अन्य चेक क्रमांक 201742 से देने का उल्लेख मुख्तियारनामें में किया गया है।
चेक बाऊंस, एफडी में खुद नामिनी
60 लाख के भू-खण्ड की मालिक रही वृद्धा आज क्षेत्र के घरों में झाडू, बर्तन का काम कर रही है, न तो उसके सर पर छत है और न ही दो वक्त की रोटी ही उसके पास खाने को है, प्रदीप जैन के द्वारा दिया गया चेक जब बाऊंस हो गया तो, इस मामले के सामने आने के बाद प्रदीप जैन ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा बुढ़ार में वृद्धा के नाम पर 10 लाख की एफडी कर दी और शिब्बू नामक बिचौलिए को नामनी बना दिया, आज तक वृद्धा को 6 माह पूर्व सिर्फ एक लाख रूपये ही प्राप्त हो सका। लगातार कई दस्तावेजों में ऑन रिकार्ड धोखाधड़ी की गई, यह सब स्पष्ट होने के बाद भी बुढ़ार पुलिस ने तथाकथित प्रदीप-छोटू गैंग के खिलाफ कोई मामला कायम नहीं किया। यह बात भी सामने आई कि बीते माह पुलिस ने इस मामले में दर्जनों दस्तावेज खंगाल लिये थे, फिर सौदेबाजी की बात सामने आने लगी, इस दौरान बुढ़ार पुलिस ने उक्त भू-खण्ड के विक्रय पर रोक लगाने का पत्र भी प्रेषित किया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया।
इनका कहना है…
यह शिकायत एक माह पहले आई थी, संभवत: निराकरण भी हो गया था, यदि वृद्धा के साथ क्रेताओं ने गलत किया है, तो पुन: मामले की जांच करवाई जायेगी।
कुमार प्रतीक

पुलिस अधीक्षक शहडोल

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