खुद नरक में पहुंच गया स्वर्ग पहुंचाने वाला रथ
खुद नरक में पहुंच गया स्वर्ग पहुंचाने वाला रथ
एक महीने से स्वर्गरथ खराब, निजी वाहन से पहुंच रहे मुक्तिधाम
नगरपालिका की अनगिनत अनहोनी कहानी, जिंदा परेशान और मुर्दा हैरान
लापरवाह नपा के जिम्मेदार, बदतर धाम में कैसे मिलेगी मनुष्य को मुक्ति
दुनिया की झंझटो जर, जोरू, जमीन, थाना, कचहरी, अस्पताल से मुक्ति मिलने के बाद जब मनुष्य शव के रूप में अंतिम यात्रा में निकलता है तो पीछे चलने वाले लोग मृत आत्मा को ईश्वर के चरणों में सीधे स्थान की कामना करते है। परंतु अनूपपुर नगरपालिका में ऐसा प्रावधान बनाया गया है कि यहां हर मुर्दे को हैरान और जिंदा इंसान को परेशान होना पडता है। चूंकि दम तोड चुकी स्वर्गरथ फिलहाल नरकपालिका में खडी हुई है।
अनूपपुर। नगरपालिका अनूपपुर संभाग की एक मात्र ऐसी पालिका है जहां के रहवासियों की मृत्यु होने के बाद भी देवलोक तक पहुंचने में भारी कठिनाईयों का सामना करना पडता है। शव को मुक्तिधाम तक पहुंचाने के लिए जिस स्वर्गरथ का सहारा लिया जाता है अब वह खस्ताहाल हालत में खड़ी कर दी गई है, बमुश्किल ही सौभाग्यशाली शव होगा जिसे नगरपालिका अनूपपुर की स्वर्गरथ नसीब होता होगा, नही तो कंधो का सहारा के बिना आप स्वर्ग तक नही पहुंच सकते है। मुश्किल से शवयात्रा सोन नदी किनारे बने मुक्तिधाम में पहुंचता है तो वहां की हालत देखकर शव को भी लौटने का मन करता होगा, परंतु रिश्तेदार, संबंधीजन और दोस्त यार उसे वही दाह संस्कार कर वापस आ जाते है।
अंतिम यात्रा में नही साथ
नगरपालिका अनूपपुर के जिम्मेदार अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं कर्मचारियों की जमीर इस हद तक गिर चुकी है कि नगरवासियों की अंतिम यात्रा में भी साथ नही देते है। न ही ऐसी कोई वैकल्पिक व्यवस्था बनाई गई है, जिससे नगर में अगर दो-तीन घरो में एक साथ शोक हुआ तो उसे मुक्तिधाम तक महफूज पहुंचाया जा सके। परिजन परेशान रहते और और नगरपालिका के जिम्मेदार अपनी अलग यात्रा का आनंद उठाते हुए मोह-माया में विचरण करते रहते है। लगभग एक महीने से स्वर्गरथ खराब खड़ा हुआ है, पिछला बिल का भुगतान नही होने से कोई मैकेनिक बनाने को तैयार नही है और मुख्य नगरपालिका अधिकारी अस्थाई होने से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड रहा है।
खराब हालत में स्वर्गरथ
एक स्वर्गरथ के भरोसे चल रही नगरपालिका अनूपपुर की यात्रा बद से बदतर है, यह पहला अवसर है जब नगरवासियों को इतनी समस्याओं का सामना करना पड रहा है। बमुश्किल अगर स्वर्गरथ को चलने लायक बनाया जाता है तो कुछ दिनों बाद फिर नरक में पहुंच जाता है यही कारण है कि लोगों को स्वर्गरथ की सुविधा नही मिल पाता है और परिजनों को परेशान होना पडता है। यही नही न तो वार्डो में नाली है, न तो चलने के लिए ढंग से सडक है और ही अन्य सुविधाओं के ०लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था है। जगह-जगह कचरो का अंबार पड हुआ है, सिर्फ स्वच्छता के नाम पर पैसो को साफ किया जा रहा है, बाकी असुविधाओं के लिए नगरवासी खुद जिम्मेदार है।
श्रद्धांजलि सभा के लिए कोई स्थान नहीं
कहने को अनूपपुर जिला मुख्यालय का नगरपालिका है किन्तु यहाँ बदहाली का आलम है। श्मशान घाट हैं पर भारी उपेक्षा का शिकार है। यहाँ अंतिम संस्कार कार्यक्रम में काफी जद्दोजहद का सामना करना पडता है, अंतिम यात्रा में शामिल लोगों को यहाँ जबर्दस्त परेशानियों से जूझने को मजबूर होना पडता है। दाह संस्कार के लिए लकडिय़ाँ बडी मुश्किल से मिलती हैं। श्मशान घाट पर न तो छायादार स्थान है और है न ही पर्याप्त पानी की व्यवस्था। तपती धूप में तो यहाँ मुश्किलें और बढ जाती हैं। एकाध स्थान है भी तो वहां रात्रि में जानवरो का डेरा रहता है, जिससे गंदगी बनी रहती है। मुक्तिधाम घोर दुर्दशा का शिकार हैं। मुक्तिधाम पर जहाँ गंदगी का अंबार है तो बैठने, श्रद्धांजलि सभा के लिए कोई स्थान नहीं है। मुक्तिधाम मानो लावारिस हैं, कोई व्यवस्था देखने वाला ही नहीं है।
ढूँढना पढता है स्थान
मुक्तिधाम पर जहाँ-तहाँ झाड-झाडियाँ होने से लोगों को उठने बैठने के लिए ठीकठाक स्थान ढूँढना पड़ता है। नगर प्रशासन की लापरवाही के कारण पर्याप्त साफ-सफाई का अभाव है झाड-झाडियाँ लगातार बढती जा रही हैं। गेट क्षतिग्रस्त होने से आवारा मवेशी विचरण करते रहते हैं और कई बार अंतिम क्रिया के दौरान उत्पात मचाकर भारी परेशानी खडी कर देते हैं। लोगों को राख एकत्र करने व अस्थियँा बीनने तक में परेशानी आती है। वही छाँवदार स्थान नहीं नही होने से अभाव बना हुआ है। अंतिम संस्कार में करीब तीन घंटे का समय लग जाता है और गर्मी के दिनों में तपती धूम में छाया की कमी लोगों को खूब खलती है। मुक्तिधाम पहुंचने वाले लोगों को बैठने के न छांव की व्यवस्था कराई गई है थोडी सी है भी तो वह गंदगी के ढेर में इस कदर समाई हुई है कि वहां जाने कि किसी की हिम्मत नही हेाती।
इनका कहना है
लगभग 20-25 दिनों से स्वर्गरथ खराब है, सीएमओ के नही होने से तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड रहा है, जल्द ही हम नगरवासियो को सुविधाएं देने की कोशिश करेंगे।
श्रीमती सोनाली पिंटू तिवारी, उपाध्यक्ष
नगरपालिका परिषद अनूपपुर