सिविल सर्जन को ना आए आँच, मुख्यमंत्री से मिलने पत्रकारों को रोकने का प्रयास-

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पत्रकार हुए एकजुट- मिलकर सौंपेंगे ज्ञापन

शहडोल- कुशाभाउ ठाकरे जिला चिकित्सालय में पदस्थ सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार के कारनामों और लगे सैकड़ो आरोपो, तथा हाल ही में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकार समाज को अस्पताल के अंदर न घुसने का अल्टीमेटम, बोर्ड में आदेश चशपा करके फोटो वीडियो ना बनाने की हिदायत के बाद पूरा पत्रकार समाज एक होकर इसका विरोध कर रहा है, साथी मुख्यमंत्री के आगमन पर अस्पताल में व्याप्त व्यवस्था भ्रष्टाचार तानाशाही और खुद के के ऊपर सिविल सर्जन द्वारा खींचे गए लक्ष्मण रेखा के विरोध में सुबह के मुखिया से मिलकर पूरी बात रखने का आह्वान किया है, जिससे बौखलाऐ प्रशासन अब अनेकों माध्यमो से पत्रकारों को मुख्यमंत्री से न मिलने की सलाह और हिदायत दे रहा है, जिससे पत्रकारों में और ज्यादा आक्रोश व्याप्त हो गया है,

आधा दर्जन से अधिक कलेक्टर अब तक CS का बने रहे संरक्षक-

सिविल सर्जन की पदस्थापना से लेकर अब तक न जाने कितने चिकित्सक अस्पताल छोड़ दिऐ हैं,भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे कई महिलाओं ने भी गंभीर आरोप लगाए बावजूद के भी न जाने सिविल सर्जन के पास ऐसा कौन सा ब्रह्मास्त्र है जिसके वजह से आज तक ना तो उसके विरुद्ध कलेक्टर कार्रवाई कर पाते ना ऊपर का प्रशासन न सरकार जिस बजह से दिन-ब-दिन अस्पताल की हाल खस्ता होता जा रहा है!

पत्रकारों ने कहा रुकेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं, मिलेंगे नहीं-

खबर है कि जिला प्रशासन द्वारा पत्रकारों को रोकने और मिलने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है, पर सवाल यह उठता है कि जब मुख्यमंत्री का दौरा है तभी प्रशासन के कान क्यों खड़े हो रहे हैं ? और आखिर सिविल सर्जन को बचाने की इतनी कवायत क्यों हो रही है, साथी पत्रकारों ने शंका जाहिर की है कि कहीं प्रशासन के मिली भगत से तो सिविल सर्जन निरंकुश और तानाशाह बने हुए हैं!

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