दायित्वों के निर्वहन में असफल होने पर सीएस पर गिरी गाज@ सीएमएचओ को सीएस का प्रभार
शहडोल। संभागीय मुख्यालय के जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन दंत चिकित्सक जी.एस. परिहार को पदीय दायित्वों के निर्वहन में असफल रहने के चलते वरिष्ठ संयुक्त संचालक (विज्ञप्त) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें डॉ. राजू निदारिया ने आगामी आदेश तक अस्थाई रूप से वरिष्ठ संयुक्त संचालक क्षेत्रीय संचालक रीवा संभाग रीवा में संलग्न किया गया है। कलेक्टर जिला शहडोल द्वारा शहडोल के पत्र क्रमांक/ कले/स्टोनों/2024/256/ शहडोल द्वारा दिनांक 18 नवम्बर प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को डॉ. जी.एस. परिहार सिविल सर्जन सह मुख्य अस्तपाल अधीक्षक, जिला चिकित्सालय शहडोल के विरूद्ध प्रस्ताव प्रेषित किया गया, जिसका संचालनालय स्तर पर सूक्ष्म परीक्षण किया गया, प्रतिवेदन के आधार पर स्पष्ट है कि डॉ. जी.एस. परिहार सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला शहडोल अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में असफल रहे, परीक्षणोंपरांत डॉ. जी.एस. परिहार सिविल सर्जन सह मुख्य अस्तपाल अधीक्षक, जिला शहडोल को अन्य आगामी आदेश तक अस्थाई रूप से वरिष्ठ संयुक्त संचालक क्षेत्रीय संचालक रीवा संभाग रीवा में संलग्न किया जाता है, साथ ही सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय शहडोल का प्रभार अन्य आगामी आदेश तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला शहडोल को सौंपा जाता है।
कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में सिविल सर्जन के पद पर पदस्थ डा जीएस परिहार के कारगुज़ारियों को लेकर पिछले कुछ समय से लगातार विरोध होता आ रहा है। डा जीएस परिहार के ऊपर एक महिला डाक्टर ने गंभीर आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया था, जिसके समर्थन में गोड़वाना गणतंत्र पार्टी सड़क में उतरकर विरोध जताते हुए सिविल सर्जन के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की मांग करते हुए उग्र आंदोलन की चेतवानी दी थी, इसी बीच कुछ कलमकार भी सिविल सर्जन के विरोध में मोर्चा खोल दिया था, शायद यही कारण है कि सिविल सर्जन के खिलाफ इतनी संख्या में शिकायतें और विरोध के दौरान तबादला किया गया, सिविल सर्जन डॉ जीएस परिहार को अस्थाई रूप से वरिष्ठ संयुक्त संचनालय क्षेत्रीय संचालक रीवा अटैच किया गया है। विभाग ने सिविल सर्जन डॉ जीएस परिहार को अपने दायित्वों के निर्वहन में असफल रहने पर कार्यवाही की है। सिविल सर्जन का पिछले कुछ समय से लगातार विरोध हो रहा था, विरोधकर्ताओं की विरोध की ध्वनि प्रदेश के मुखिया तक भी पहुंची थी, जिसके बाद उनका तबादला होना माना जा रहा है।