इंदौर में भिखारी मुक्त शहर अभियान: भीख देने पर दर्ज होगी FIR

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जागरूकता अभियान के बाद 1 जनवरी से सख्ती लागू, कलेक्टर ने की अपील – “भीख देकर पाप में भागीदार न बनें”
सूरज श्रीवास्तव
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इंदौर।
इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के उद्देश्य से प्रशासन ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। ज़िला कलेक्टर आशीष सिंह ने घोषणा की है कि भिक्षावृत्ति रोकने के लिए जागरूकता अभियान इस महीने के अंत तक चलेगा। इसके बाद, 1 जनवरी से यदि कोई व्यक्ति भीख देते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी।

कलेक्टर ने अपील करते हुए कहा, “भीख देना समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि यह इसे और बढ़ावा देता है। भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। समाज में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद के लिए अन्य संरचित माध्यमों का उपयोग करें, लेकिन भीख देकर पाप के भागीदार न बनें।”

प्रशासन का रुख

प्रशासन का मानना है कि भीख मांगने वालों की वास्तविक स्थिति की जांच ज़रूरी है, क्योंकि कई मामलों में यह एक संगठित गिरोह का हिस्सा होती है। इसके अतिरिक्त, सड़क पर भीख देने से ट्रैफिक और अन्य सुरक्षा समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं।

जागरूकता अभियान जारी

इस अभियान के तहत शहर के मुख्य स्थानों पर जागरूकता पोस्टर, बैनर और घोषणाएं की जा रही हैं। इसके अलावा, विभिन्न सामाजिक संगठनों को भी इस अभियान से जोड़ा गया है।

भविष्य की कार्रवाई

1 जनवरी से नियम लागू होते ही सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी। अगर कोई व्यक्ति सड़क पर भिखारियों को पैसा या अन्य वस्तुएं देते पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी प्रावधानों के तहत FIR दर्ज की जाएगी।

समाज के लिए संदेश

प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे भीख न दें और ज़रूरतमंदों की मदद के लिए सही चैनल्स का सहारा लें। इस प्रकार, इंदौर को भिखारी मुक्त और स्वच्छ शहर बनाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।

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