खरीददारी में फायदा जिनका भी हुआ, लेकिन नुकसान निवेशकों का…….लोगों के हाथ लग गया जमीन के रूप में बेशकीमती हीरा सहारा ज़मीन घोटाले की जांच कर निवेशकों का पैसा वापस कराने की माँग को लेकर बिफरी युवा कांग्रेस,किया प्रदर्शन
खरीददारी में फायदा जिनका भी हुआ, लेकिन नुकसान निवेशकों का…….लोगों के हाथ लग गया जमीन के रूप में बेशकीमती हीरा
सहारा ज़मीन घोटाले की जांच कर निवेशकों का पैसा वापस कराने की माँग को लेकर बिफरी युवा कांग्रेस,किया प्रदर्शन
कटनी। हाल ही में भोपाल में कई बिल्डर्स के ठिकानों पर हुई आयकर टीम की छापेमारी से प्राप्त जानकारी के बाद युवा कांग्रेस अध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा अंशु के नेतृत्व में युवा कांग्रेस ने सहारा निवेशकों एवं बड़ी संख्या में कांग्रेस जनों के साथ कचहरी चौक सहारा निवेशकों के साथ हुए धोके के विरोध में एवं सहारा ज़मीन घोटाले की जांच कर निवेशकों का पैसा वापस कराने की माँग को लेकर युवा कांग्रेस एवं कांग्रेस के नेताओं नें कचहरी चौक स्थित SDM कार्यालय के बाहर पहुंच कर जनहित की आवाज़ बुलन्द करने की मांग पर प्रदर्शन कर जमकर नारेवाजी की ,जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष दिव्यांशू अंशु मिश्रा ने विजयराघवगढ़ विधायक संजय सत्येंद्र पाठक पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
युवा कांग्रेस के कार्यकर्त्ता और पदाधिकारियों नें हाँथों में तख्ती एवं काले गुब्बारे लेकर जमकर नारेबाजी करते हुए उग्र प्रदर्शन किया।प्रदर्शनकारी जैसे ही ज्ञापन देने एसडीएम दफ्तर की और बढ़े पुलिस ने बर्बरतापूर्वक वाटर चार्ज कर युवा कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी देते हुए अंशु मिश्रा ने बताया कि भाजपा के कटनी विजयराघवगढ़ विधायक व पूर्व मंत्री संजय पाठक द्वारा अपने पद का दुरुपयोग एवं सहारा अधिकारियों की मिलीभगत से करते हुए बिना ऑक्शन कराए सहारा इंडिया के हजारों करोड़ की जमीनों को औने पौने दाम पर अपने परिजनों के नाम पर खरीद डाली। उन्होंने भोपाल में 110 एकड़ ज़मीन, कटनी में 100 एकड़ ज़मीन,एवं जबलपुर में 100 एकड़ ज़मीन बिना ऑक्शन प्रक्रिया कराए अपने परिजनों के नाम वर्ष 2022 में लगभग 90 करोड़ रुपये में ख़रीद डाली,इन जमीनों की वास्तविक क़ीमत लगभग 1000 करोड़ रुपये है,यह पैसा उन आम निवेशकों को मिलना था जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई सहारा में जमा की थी, मान.सुप्रीम कोर्ट के आदेश अमुसार सहारा की जमीनों का ऑक्शन कर पैसा सेबी एवं सहारा के जॉइंट अकाउंट में जमा करना था,और आम निवेशकों को देना था भोपाल ज़मीन में उस प्रक्रिया को भी दरकिनार किया गया।सहारा के कई निवेशक बड़े उद्योगपति डॉक्टर भी कटनी जिले है,आम निवेशक भी खुद को ठगा महसूस कर रहे है।
जमीनों की रजिस्ट्री निरस्त कर विधिवत प्रक्रिया के साथ हों री-टेंडरिंग
युवा कांग्रेस सरकार से माँग करती है इन जमीनों की रजिस्ट्री निरस्त कर इनकी विधिवत प्रक्रिया के साथ री-टेंडरिंग कर आम निवेशकों को पैसा अविलंब से वापस किया जाये,जिससे बड़ी और सही रकम खातों में पहुंचे और निवेशक लाभान्वित हो।
उच्च स्तरीय जाँच कमेटी बनानी चाहिए
भाजपा सरकार को इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच कमेटी बनानी चाहिए। हमारा विश्वास है जाँच होने पर हज़ारो करोड़ की बेनामी संपत्ति, मनी लांड्रिंग, हवाला का भी बड़े सिंडिकेट का खुलासा होगा।
दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन की संपत्तियों को बेचकर उसे प्राप्त राशि सेबी के खाते में जमा करने के आदेश दिए थे। सेबी के माध्यम से इस राशि को आम निवेशकों को लौटाया जाना था। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, भोपाल में बीते दिनों हुई विभिन्न जांच एजेंसियों की रेड में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी, क्वालिटी ग्रुप, ईशान ग्रुप और इनसे जुड़े कुछ दलालों से महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं। इनमें न केवल बेनामी संपत्तियों, शैल कंपनियों, सोना-चांदी आदि की जानकारी जांच एजेंसियों को मिली, बल्कि सहारा के निवेशकों से जुड़ा एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला भी उजागर हुआ है। इस मामले में करोड़ों की कीमत की सहारा समूह की जमीनों को मिलीभगत से आधे से भी कम दाम पर बेच दिया गया। इसका सीधा असर निवेशकों को लौटाई जाने वाली राशि पर पड़ा है।
जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के भोपाल, जबलपुर और कटनी में लगभग 1000 करोड़ रुपये मूल्य की जमीनों को मात्र 350 करोड़ रुपये में सांठगांठ कर बेच दिया गया। इस खरीद-फरोख्त में फायदा जिनका भी हुआ, नुकसान उन निवेशकों का हुआ है, जिनका पैसा सहारा में फंसा था और केंद्र सरकार ने जिसे लौटाने का वादा किया था। जानकारी के मुताबिक आधे से भी कम कीमत पर बेची गई इन जमीनों से मात्र 40 करोड़ रुपये SEBI के पास जमा कराए गए, ताकि निवेशकों को पैसा लौटाया जा सके।
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2022 में भोपाल के अंदर सहारा की 110 एकड़ जमीन मार्च में बेची गई। इस जमीन की कीमत मात्र 50 करोड़ रुपये लगाई गई, जबकि सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत 2014 की रिपोर्ट के अनुसार इसकी कीमत 125 करोड़ रुपये आंकी गई थी। वर्तमान में इस जमीन की बाजार कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये प्रति एकड़ है। जिस कंपनी ने यह जमीन खरीदी, उसका नाम सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी का मालिकाना हक बीजेपी कटनी के विधायक और पूर्व मंत्री संजय पाठक के परिजनों के पास है। मिली जानकारी के अनुसार, इस जमीन की रजिस्ट्री के लिए सिनाप कंपनी ने मयंक चौबे को अधिकृत किया था, जो पाठक के बेहद करीबी माने जाते हैं। सहारा की ओर से संतोष कुमार जैन ने रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी की थी।
जानकारी के अनुसार, जबलपुर और कटनी की जमीनों को भी सिनाप रियल एस्टेट से जुड़ी कंपनी नाइसा देव बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से खरीदा गया है, इस जानकारी की भी दस्तावेजों के माध्यम से पुष्टि हो चुकी है।
इनकी रही उपस्थिति
प्रदर्शन के दौरान मुख्य रूप से वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रियदर्शन गौड़,अधिवक्ता संघ अध्यक्ष अमित शुक्ला,गणेश राव,नीरज बघेल,विजय पटेल,मौसूफ़ अहमद बिट्टू,ब्लॉक अध्यक्ष कमल पांडे,मुकेश यादव,मोहम्मद इसराइल,राहुल पटेरिया,आईटी अध्यक्ष सुरेंद्र राणा,कपिल रजक,एनएसयूआई अध्यक्ष शुभम मिश्रा,विनीत जयसवाल,एनएसयूआई प्रदेश सचिव अजय खटिक,शशांक गुप्ता,सचिन गर्ग,बृजेश यादव,मंजू निषाद,हरीश यादव,अनुराग दहिया,सुशील जयसवाल,आशीष चतुर्वेदी,राहुल यादव,सुनील श्रीवास,चोखे भाई,अजय जावानी,देवीदिन गुप्ता,संजय बिलोहान,मंजू निषाद,रमेश अहिरवार,प्रिंस वंशकार,प्रज्ज्वल साहू,,अभय तिवारी,अभिलाष बर्मन,कार्तिक सिंह,अभिषेक शर्मा,कन्हैया बर्मन,मयंक सिंह,मोनू मैक्स,मुकेश काली,राहुल बर्मन,सत्येंद्र योगेन्द्र सिंह सहित बड़ी संख्या में युवा साथी एवं सहारा निवेशक उपस्थित रहे।