प्रतिष्ठित कारोबारी व डिप्टी जेलर की वर्दी ने कर दी सामाजिक हत्या : कौन है साजिशकर्ता,क्या मिलेगा दंड, होगी लूटी इज्ज़त की भरपाई…???

अधिकारी को अंधेरे में रखकर कोतवाली पुलिस कर रही गंदा काम
मंगलवार की सुबह डिप्टी जेलर के ऊपर पहले नाबालिग के अपहरण का मामला पुलिस ने दर्ज किया, दबी जुबान में उसे बलात्कारी भी बताया, जबकि जिस होटल में बंधक बताया गया, वहां घटना से कुछ घंटे पहले जेलर की सगाई हुई थी, रिश्तेदार मौके पर थे, अपनी खीज निपटाने के लिए पुलिस ने डिप्टी जेलर की सामाजिक हत्या जैसा घिनौना काम कर दिया।
शहडोल के गांधी चौक में स्थित जिस होटल में विकास सिंह एक सप्ताह पहले अपने नवजीवन के लिए शुरुआत करने की तैयारी में लगा था, कोतवाली पुलिने ने उसी होटल में अपहरण का मामला दर्ज दिया, उस पर नाबालिक युवती को बंधक बनाने और गंदाकम करने की नियत के आरोप लगे, उसे ठीक 24घटे पहले इस होटल में विकास सिंह ने अपनी होने वाली अर्धांगिनी के साथ जीने मरने की कसमें खाई थी,उसी होटल में रिश्तेदारों के सामने संभ्रांत नवयुवक कैसे किसी नाबालिक का अपहरण कर उसके साथ गंदा काम करने की नियत रख सकता है, लेकिन वर्दी ने सगाई के अगले चंद घंटों में किस नियत से उसे इस तरह बदनाम करवाया यह तो वही जाने,लेकिन डिप्टी जेलर के साथ श्री कृष्ण होटल और ज्वेलर्स की जो प्रायोजित सामाजिक हत्या इस मामले में करवाई गई, जो मट्टी पलीत पुलिस की जल्दबाजी से हुई है, देश भर के मीडिया में पुलिस के जो बयान सामने आने के बाद बदनामी हुई है,उसकी भरपाई शहडोल तो क्या पूरे मध्य प्रदेश की पुलिस भी नहीं कर पाएगी, वर्दी के अहंकार और रुपयों की लालच में इतना घिनौना काम कोई कैसे कर सकता है…….पढ़िए हाल ए हलचल की इस मामले में खास रिपोर्ट……
शहडोल। कोतवाली पुलिस ने गुरूवार की सुबह अपने मुखबिरों से बड़ी सफलता का ढिढ़ोरा पिटवाया, बुढ़ार जेल में पदस्थ डिप्टी जेलर विकास सिंह के ऊपर आरोप लगाये गये कि उसने नाबालिग बच्ची को अपहरण कर कृष्णा होटल में बंधक बनाकर रखा। पुलिस ने यह मामला दर्ज कर दिया, लेकिन बाद में अपने ही कर्माे के कारण कोतवाली पुलिस वर्दी को खूंटी पर टांग खड़ी नजर आयी। पुलिस ने बाद में जब जांच की तो, घटना से दो दिन पहले नाबालिग के साथ चार अलग-अलग युवकों के द्वारा बलात्कार करने का मामला सामने आया। पुराने पन्ने खंगाले गये तो, पहले भी किशोरी के साथ ऐसी घटना हो चुकी थी। इधर डिप्टी जेलर का मामला प्रदेश की सुर्खी बन चुका था, मातहतों के कारनामों के कारण शहडोल पुलिस ने डिप्टी जेलर के खिलाफ आनन-फानन में मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन शाम होते-होते पुलिस की ऐसी भद्द पिटी की, डिप्टी जेलर से ज्यादा कोतवाली पुलिस पर सवाल उठने लगे।
यह हुआ आधी रात को
बुधवार और गुरूवार की दरमियानी रात डिप्टी जेलर विकास सिंह गांधी चौक शहडोल से रेलवे स्टेशन की ओर जा रहे थे, इस दौरान उन्होंने कुछ पुलिसवालों के साथ किशोरी को खड़े देखा, वापसी में किशोरी अकेले खड़ी थी, मानवतावश उससे सबब पूछा और किशोरी के द्वारा स्टेशन से जबलपुर जाने की बात कही गई, रात में ट्रेन न होने के कारण युवती ने शरण मांगी, शहडोल के गांधी चौक स्थित कृष्णा पैलेस में विकास सिंह ने युवती को लाकर शरण दी, इसी होटल में बीते दिवस ही विकास सिंह की सगाई हुई थी और घर परिवार के दर्जनों महिलाएं और बच्चे इन्हीं कमरों में रूके थे, जहां के कमरे में किशोरी को शरण दी गई, उसे पानी और भोजन भी उपलब्ध कराया गया, यहीं विकास सिंह चूक कर गये और पुलिस ने उन्हें निशाने पर ले लिया।
…तो नजर रखी हुई थी वर्दी
गुरूवार को पुलिस के द्वारा जो तथ्य सामने किये गये, उसमें बताया गया कि विश्वनाथ तिवारी और एक अन्य आरक्षक ने किशोरी को स्टेशन तरफ जाते देखा, बाद में उसे विकास सिंह के साथ कृष्णा होटल जाते देखा, यहीं से दोनों ने विकास सिंह का पीछा किया और होटल पहुंच गये, पुलिस की यदि मदद की मंशा होती तो, किशोरी से पहले ही अकेले घूमने का सबब पूछा जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, होटल में पहुंचने के बाद किशोरी ने विकास सिंह के द्वारा की जा रही मदद की जानकारी उपस्थित लोगों के सामने दी, लेकिन वर्दी के रौब में शहडोल पुलिस के जवान जुगाड़ के खातिर डिप्टी जेलर पर अपहरण और गंदी नीयत के आरोप लगाते रहे। यह पूरा वाक्या होटल के सीसीटीवी कैमरे में भी कैद होना बताया गया।
जुगाड़ नहीं तो, एफआईआर
गुरूवार को पुलिस जांच में किशोरी के साथ दो दिनों पहले चारो लोगों के द्वारा किये गये बलात्कार का मामला सामने आया, जिसमें समीर खान, अनमोल, आकिब व अन्य के खिलाफ सोहागपुर थाने में मामला दर्ज किया गया, किशोरी का पुराना रिकार्ड भी थाने में दर्ज है, यह बताया गया कि किशोरी का पूरा रिकार्ड और स्वभाव कोतवाली सहित सोहागपुर के लगभग वर्दीधारियों के जानकारी में है, सिर्फ जुुगाड़ न बनने और डिप्टी जेलर की सामाजिक हत्या करने की नीयत से ही यह पूरा खेला गया और कोतवाल सहित वरिष्ठ अधिकारियों तक भी मामला तोड़मरोड़ कर पहुंचा गया। सवाल तो यह भी उठता है कि जब मौके पर डिप्टी जेलर से वर्दीधारियों ने मुलाकात की, बहसबाजी की, उस पर अपहरण करने के आरोप लगाये तो, उसे मौके से जाने क्यों दिया गया। यह भी बताया गया कि कोतवाली में किशोरी के परिजनों के द्वारा पूर्व में ही घर से गायब होने की शिकायत दी गई थी, जिस पर नाबालिग होने के कारण अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। जिसे बाद में नामजद कर लिया गया।