अपने ही घर में असुरक्षित…? वर्षों से रह रहे रईस खान के घर के सामने विवाद का साया

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शहडोल, बुढार। वार्ड क्रमांक 15, टिकुरीटोला बुढार निवासी रईस खान अपने पुत्र, बहू, पत्नी और नाती-पोतों के साथ कई वर्षों से अपने पैतृक भूमि पर निवासरत हैं। खसरा नंबर 1251/2/1 की इस भूमि में परिवार के सभी सदस्यों के नाम दर्ज हैं।

आपसी सहमति से वर्षों पहले इसका पारिवारिक बंटवारा भी हो चुका है। इसी भूमि पर उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से एक मुख्य गेट का निर्माण करवाया था, जो न केवल उनके निजी परिसर में आता है, बल्कि उनके अपने पारिवारिक आवागमन के लिए अत्यंत आवश्यक भी है।

लेकिन बीते कुछ समय से रईस खान और उनके परिवार को पड़ोसी द्वारा लगातार धमकियां, गालियां और गेट तोड़ने की चेतावनी मिल रही है। पड़ोसियों के जान से मारने की धमकी देने की बात को लेकर रईस खान के पुत्र सलीम शहजादा ने थाना बुढार में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई, जिसमें उन्होंने कहा कि परिवार को लगातार डराया-धमकाया जा रहा है।

रईस खान बताते हैं कि रात के समय कुछ संदिग्ध गाड़ियों की आवाजाही उनके घर के सामने वाले मार्ग पर होती रहती है, जिससे परिवार की सुरक्षा को लेकर वे चिंतित रहते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने निजी भूखंड पर ही गेट लगाया है – न तो वह रेलवे की जमीन है और न ही कोई सरकारी भूमि।

चौंकाने वाली बात यह है कि मामला न्यायालय में लंबित होने के बावजूद भी हाल ही में तहसील से पटवारी और आरआई द्वारा विवादित स्थल का नाप  कर लिया गया, जो न्यायालय की प्रक्रिया में हस्तक्षेप जैसा प्रतीत होता है।

“मेरे छोटे-छोटे नाती-पोते हैं, बहू और पत्नी अक्सर अकेली रहती हैं। ऐसे में मैंने अपने ही हिस्से की ज़मीन पर गेट लगवाकर सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास किया, लेकिन अब उसी को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है,”     – रईस खान ने कहा।

 

यह पूरा मामला एक बुजुर्ग परिवार की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों से जुड़ा है, जहां न्यायालय में मामला विचाराधीन है फिर भी प्रशासनिक स्तर एवं कुछ अन्य लोगो द्वारा दबाव की स्थिति बनाई जा रही है। अब रईस खान को प्रशासन से उम्मीद है कि उन्हें उनके वैध अधिकारों की सुरक्षा और न्याय अवश्य मिलेगा

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