सिंधी बाजार में किराना दुकान की आड़ में चल रहा लाखों का अवैध बीसी कारोबार!
शहडोल। संभागीय मुख्यालय के सिंधी बाजार क्षेत्र में स्थित एक साधारण सी किराना दुकान, इन दिनों शहर में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। वजह है — इस दुकान के पीछे चल रहा अवैध और भारी मुनाफे वाला बीसी (ब्याज चालू) कारोबार, जिसे अमित नामक व्यक्ति द्वारा संचालित किया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह बीसी कारोबार बीते 8 वर्षों से संचालित हो रहा है और प्रतिमाह 20,000 से लेकर 5 लाख रुपये तक की रकम का लेनदेन इसमें किया जाता है।
स्थानीय व्यापारियों और लोगों का कहना है कि इस कारोबार में अमित व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बीसी ऑपरेट करता है, जिसमें शामिल लोगों से हर माह बोली लगवाई जाती है। बीसी की रकम उस व्यक्ति को दी जाती है जो सबसे अधिक छूट की बोली लगाता है। यह पूरी प्रक्रिया बेहद सुनियोजित ढंग से डिजिटल माध्यमों पर संचालित की जा रही है, लेकिन इसकी कोई वैधानिक स्वीकृति या सरकारी निगरानी नहीं है।
सेकंड बीसी और बिना ब्याज की चालाकी
अमित के कारोबार का सबसे चौंकाने वाला हिस्सा यह है कि वह स्वयं “सेकंड बीसी” चलाता है, जिसमें वह बिना ब्याज के पैसा उठाता है और फिर उसे गैरकानूनी वसूली और काले धंधों में लगाकर 2 से 3 गुना तक का मुनाफा कमाता है। इसके अलावा, जो लोग नकद की तंगी से जूझ रहे होते हैं, उन्हें वह 30 से 35 प्रतिशत की भारी ब्याज दर पर फाइनेंस करता है, जो स्पष्ट रूप से सूदखोरी और अवैध फाइनेंसिंग के अंतर्गत आता है।
कानून से परे चल रहा है पूरा खेल?
मौजूदा भारतीय कानूनों के अनुसार, इस प्रकार का बीसी या वित्तीय कमेटी संचालन केवल रजिस्टरड एनबीएफसी या सहकारी समितियां ही कर सकती हैं। बिना किसी लाइसेंस, आयकर रिटर्न और वित्तीय पारदर्शिता के इतने बड़े स्तर पर नकद लेनदेन न केवल काले धन और टैक्स चोरी का संकेत है, बल्कि इससे मनी लॉन्ड्रिंग और फाइनेंशियल फ्रॉड जैसी आशंकाएं भी जुड़ी हुई हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस बीसी कारोबार की गहन जांच की जाए, तो कई स्तरों पर नियमों की अनदेखी और गड़बड़ी सामने आ सकती है।
प्रशासन की चुप्पी, आम जनता की चिंता
वर्तमान में प्रशासन या पुलिस विभाग की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक जांच या कार्रवाई की खबर सामने नहीं आई है। लेकिन स्थानीय लोग अब इस बीसी सिस्टम से जुड़ी गतिविधियों को लेकर संदेह और चिंता प्रकट कर रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि शहर में नकदी का इतना तेज़ बहाव बाजार और आम नागरिकों की आर्थिक संरचना पर भी असर डाल रहा है।
जरूरत है सख्त जांच और कार्रवाई की
इस प्रकार के अनियमित वित्तीय सिस्टम न केवल लोगों को त्वरित लाभ का लालच देकर फँसाते हैं, बल्कि आर्थिक असमानता और कानून के उल्लंघन को भी बढ़ावा देते हैं। प्रशासन और संबंधित विभागों को चाहिए कि इस बीसी नेटवर्क की वित्तीय, कानूनी और सामाजिक स्तर पर जाँच करें और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें।