सावन में धर्म की धारा बहाती कावड़ यात्रा,संकल्प सेवा समिति धनपुरी के तत्वावधान में भव्य आयोजन, सैकड़ों श्रद्धालुओं ने लिया भाग

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धनपुरी।सावन मास में जब शिवभक्ति चरम पर होती है, तब कांवड़ यात्रा धार्मिक आस्था, श्रद्धा और सामाजिक समरसता का जीवंत प्रतीक बन जाती है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए संकल्प सेवा समिति धनपुरी के तत्वावधान में एक भव्य कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं, महिलाओं और बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
यह पवित्र यात्रा ज्वालामुखी मंदिर प्रांगण के समीप से प्रारंभ होकर नगर भ्रमण करती हुई आजाद चौक तक पहुँची और अंततः राधाकृष्ण मंदिर में जलाभिषेक के साथ संपन्न हुई। पूरे मार्ग में ‘हर हर महादेव’, ‘बोल बम’, ‘ऊँ नमः शिवाय’ जैसे जयघोष गूंजते रहे और भक्ति गीतों से वातावरण गुंजायमान रहा।

कांवड़ यात्रा में श्रद्धालु अपने कांवरों में अमरकंटक से लाया गया नर्मदा जल लेकर चल रहे थे, जिसे क्षेत्रीय सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह द्वारा विशेष रूप से उपलब्ध कराया गया था। यह टैंकर श्रद्धा के साथ-साथ सांसद की धार्मिक आस्था और जनप्रतिबद्धता का प्रतीक बना।
भव्य शोभायात्रा में जैतपुर विधायक जय सिंह मरावी, नगर विधायक मनीषा सिंह, धनपुरी नगर पालिका की अध्यक्ष श्रीमती रविंदर कौर छाबड़ा, पूर्व सीएमओ रवीकरण त्रिपाठी, पूर्व कुलपति प्रो. मुकेश तिवारी, वार्ड पार्षद श्रीमती दिव्या रेखा सिंह, मंदाकिनी तिवारी, मनोज गौतम (सेवा विभाग प्रमुख), नरहरी मिश्रा, विनय सिन्हा, बब्बू केशरवानी, गुड्डू अजय शर्मा, पं. राममिलन शर्मा, रोहित गुप्ता, आशीष तिवारी, राम अवतार शर्मा, लक्ष्मण प्रसाद तिवारी, जजमान के तौर पर सुभाष गुप्ता दंपति तथा संकल्प सेवा समिति के समस्त पदाधिकारी शामिल रहे।
इसके अतिरिक्त थाना प्रभारी धनपुरी श्री खेम सिंह पेंड्रा अपने पूरे स्टाफ के साथ, विद्युत विभाग एवं नगर पालिका के कर्मचारी, तथा नगर के अनेक पार्षद और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
महिलाओं और बच्चों की बड़ी भागीदारी ने इस धार्मिक यात्रा को और भी पावन बना दिया। सभी श्रद्धालु पारंपरिक वस्त्रों में कांवर लिए हुए, शिवभक्ति में लीन नज़र आए। महिलाओं ने भी पूरे उत्साह से सहभागिता निभाई, जिससे सामाजिक समरसता का सशक्त संदेश प्रसारित हुआ।

सावन मास में भगवान शिव की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है। कांवड़ यात्रा, जिसमें श्रद्धालु विभिन्न जल स्रोतों से जल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं, शंकर भगवान को प्रसन्न करने का परंपरागत माध्यम है। यह आयोजन धार्मिक चेतना, सामाजिक एकता, और शांति-सद्भाव का प्रतीक बन गया।
संकल्प सेवा समिति के आयोजकों ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि समाज में संस्कृति, परंपरा और युवा सहभागिता को बढ़ावा देना भी है।यह कांवड़ यात्रा श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गई, जिसने सावन की शिवभक्ति को और अधिक प्रभावशाली ढंग से जीवंत कर दिया।

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