एसडीएम अनुराग पर गंभीर आरोप, बुजुर्ग की शिकायत पर अब तक नहीं हुई कार्रवाई

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अनूपपुर/रीवा।
अनूपपुर जिले के मौहार टोला चचाई निवासी बुजुर्ग लल्लूलाल मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक विस्तृत पत्र भेजकर रीवा (गुढ़) के तत्कालीन एसडीएम अनुराग तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मिश्रा का आरोप है कि अनुराग तिवारी ने अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर अनूपपुर एसडीएम कमलेश पुरी से फोन करवा कर उनके पूरे परिवार के खिलाफ फर्जी ढंग से धारा 97-98 का मामला दर्ज करवाया।

पीड़ित के अनुसार, 26 मई 2022 को सुबह 11.30 बजे करीब 12 पुलिसकर्मी टीआई चचाई के साथ उनके घर पहुंचे और आरोप लगाया कि एस मिश्रा नामक बच्चा उनके घर में बंधक बनाकर रखा गया है। मिश्रा ने स्पष्ट किया कि उनके पोते का नाम आयुष मिश्रा है, एस मिश्रा नहीं। बावजूद इसके, पुलिस ने उन्हें अगले दिन बच्चे को लेकर एसडीएम कोर्ट आने को कहा।

27 मई 2022 को पुलिस दोबारा आई और पूरे परिवार को एसडीएम कोर्ट ले गई। मिश्रा का आरोप है कि वहां उनसे दबाव में बयान दिलवाया गया और बाद में उन्हें बाल कल्याण समिति भेज दिया गया, जहां उनकी पत्नी को मानसिक दबाव के चलते बेहोशी तक आ गई।

बुजुर्ग का कहना है कि बाद में जब उन्होंने एसडीएम कोर्ट से दस्तावेज प्राप्त किए, तो उसमें साफ उल्लेख है कि यह मामला धारा 97-98 के अंतर्गत नहीं आता, इसलिए स्वतंत्र किया जाता है। इसके बावजूद उनके परिवार को बेवजह प्रताड़ित किया गया।

मिश्रा ने आरोप लगाया कि यह पूरा षड्यंत्र अनुराग तिवारी और एक महिला अंजुली मिश्रा की मिलीभगत का परिणाम है, क्योंकि तिवारी के घर कोई बच्चा नहीं है और वे किसी बच्चे को गोद लेने या वारिस बनाने की मंशा से यह सब करवा रहे हैं।

पीड़ित ने सीएम हेल्पलाइन के साथ-साथ पीएमओ पोर्टल (CPGRAMS) पर भी शिकायतें की हैं, लेकिन अब तक न तो निष्पक्ष जांच हुई है और न ही किसी तरह की कानूनी कार्रवाई। मिश्रा का आरोप है कि जब भी जांच का आदेश होता है, खुद अनुराग तिवारी या उनके प्रभाव वाले अधिकारी जांच अधिकारी बन जाते हैं और बिना उनसे कोई पूछताछ किए मनमानी रिपोर्ट भेज दी जाती है।

शिकायत संख्या 24671042 जो 11 अक्टूबर 2023 से संबंधित यह मामला सीएम हेल्पलाइन पर आज भी लंबित है। दस्तावेजों के अनुसार, 24 मार्च 2025 तक इस पर कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक कि शिकायत का निराकरण भी स्वयं एसडीएम अनुराग तिवारी के द्वारा ही किया गया, जो स्वयं आरोपित हैं।

लल्लूलाल मिश्रा ने मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच रीवा या अनूपपुर जिले के बाहर के किसी निष्पक्ष अधिकारी से कराई जाए और जांच में उन्हें भी शामिल किया जाए। उनका कहना है कि उनके पास इस प्रकरण से जुड़े सभी दस्तावेजी प्रमाण मौजूद हैं, जो जांच में प्रस्तुत किए जा सकते हैं।

इस गंभीर मामले को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या मध्यप्रदेश शासन में शिकायतकर्ता को न्याय मिलेगा या सत्ता और पद की ताकत के आगे एक बुजुर्ग की आवाज यूं ही अनसुनी रह जाएगी।

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