नंद के आनंद भयो… जय कन्हैया लाल की कटनी में भक्तिमय उल्लास के साथ मनाया गया 71वां दाधिकांदों महोत्सव,सुभाष चौक पर 30 फुट ऊँची मटकी फोड़ कर गोपालों ने रचा इतिहास, देर रात तक उमड़ा भक्तों का सैलाब
नंद के आनंद भयो… जय कन्हैया लाल की
कटनी में भक्तिमय उल्लास के साथ मनाया गया 71वां दाधिकांदों महोत्सव,सुभाष चौक पर 30 फुट ऊँची मटकी फोड़ कर गोपालों ने रचा इतिहास, देर रात तक उमड़ा भक्तों का सैलाब
कटनी। “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” के गगनभेदी जयघोष से पूरा शहर भक्तिमय माहौल में डूबा रहा। श्री बधाई उत्सव कमेटी कटनी के तत्वावधान में आयोजित 71वें दाधिकांदों महोत्सव ने इस बार भव्यता और ऐतिहासिकता के नए कीर्तिमान स्थापित किए।
सुबह से ही शहर के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जगह-जगह श्रीकृष्ण भजनों की गूंज, झांकियों की शोभा और मटकी फोड़ प्रतियोगिताओं ने पूरे नगर को कृष्णमय बना दिया।
सुभाष चौक बना आकर्षण का केंद्र

शहर के हृदय स्थल सुभाष चौक पर इस वर्ष का मुख्य आयोजन पूरे उत्सव का केंद्र रहा। यहाँ बाँधी गई 30 फुट लंबी विशाल मटकी ने लोगों का मन मोह लिया। गोपालों की टोली ने अदम्य साहस और उत्साह के साथ ऊँचाई पर लटकती मटकी फोड़ कर पूरे चौक को उल्लास से भर दिया। यह क्षण न केवल ऐतिहासिक बना बल्कि देर रात तक शहरवासियों की चर्चा का केंद्र भी रहा। गोपालों की टोली ने जयकारों के बीच मानव पिरामिड बनाकर इस ऐतिहासिक मटकी को फोड़कर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की परंपरा को जीवंत कर दिया। मटकी फूटते ही चारों ओर गुलाल और पुष्प वर्षा होने लगी। भव्य आयोजन देर रात तक चलता रहा। जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन संध्याएँ और भक्तिमय नृत्य ने जनमानस को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सुरक्षा और यातायात व्यवस्था रही चाक-चौबंद
इतने बड़े आयोजन को देखते हुए प्रशासन ने भी पुख्ता इंतजाम किए। पुलिस बल हर जगह मुस्तैदी से तैनात रहा। भीड़ प्रबंधन और यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए अलग-अलग स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को लगाया गया। पूरे आयोजन को शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न कराया गया।
भक्तिमय माहौल में डूबा शहर

पूरे कटनी शहर ने कृष्णमय वातावरण में दाधिकांदों महोत्सव को आत्मसात किया। हर गली-कूचे में मटकी फोड़ का आयोजन हुआ और हर मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं।,शहर की गलियों से लेकर मंदिरों तक हर जगह भक्ति की गंगा बही। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, हर कोई भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं में खो गया। जगह-जगह मटकी फोड़ प्रतियोगिताएँ आयोजित हुईं। श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन और झाँकियों का आनंद लिया।
भव्यता बनी मिसाल
कटनी में इस वर्ष का दाधिकांदों महोत्सव केवल आस्था का प्रतीक ही नहीं, बल्कि आयोजन की भव्यता और अनुशासन की मिसाल भी बन गया। देर रात तक सुभाष चौक और आसपास के क्षेत्र में उत्सव की गूँज बनी रही और हर कोई इस अनुपम दृश्य का साक्षी बन गर्व महसूस करता रहा।