भवसागर पार कराने वाले गुरु दद्दाजी दद्दा धाम में इंद्रेश जी महाराज का आध्यात्मिक संदेश दद्दा धाम में हर वर्ष मनेगा महोत्सव: संजय पाठक ने सभी विभागों व मीडिया का धन्यवाद जताया
भवसागर पार कराने वाले गुरु दद्दाजी दद्दा धाम में इंद्रेश जी महाराज का आध्यात्मिक संदेश
दद्दा धाम में हर वर्ष मनेगा महोत्सव: संजय पाठक ने सभी विभागों व मीडिया का धन्यवाद जताया


कटनी। झिझरी स्थित दद्दा धाम में बीते 9 नवंबर से चल रहे पांच दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव और अमृतकथा अंतिम दिन कथा व्यास पर पहले से सुप्रसिद्ध कथा वाचक पंडित इंद्रेश उपाध्याय जी महराज के साथ ही पूज्य युवराज स्वामी बद्री प्रपन्नाचार्य जी महराज ,भागवत प्रभु जी महराज विराजमान का शिष्य परिवार की ओर से महोत्सव के संयोजक संजय पाठक एवं आशुतोष राणा ने संतों का माल्यार्पण करते हुए स्वागत किया इस अवसर पर दद्दाजी के पुत्रों डॉ.अनिल त्रिपाठी, डॉ. सुनील त्रिपाठी, पं नीरज त्रिपाठी शास्त्री ने उपस्थित रहे। अमृतकथा में इंद्रेश उपाध्याय जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि गुरु के बिना भवसागर से पार उतरना असंभव, आप सभी का सौभाग्य रहा कि दद्दाजी जी जैसे दिव्य महापुरुष आपके गुरु रहे जिन्होंने पार्थिव शिवलिंग निर्माण एवं पूजन से शिव को प्रसन्न करने की राह दिखाई। आप सभी ने अपने गुरु के निर्देश पर उनका इतना भव्य और दिव्य मंदिर बनाया और महोत्सव का आयोजन किया । शिष्यों के इन कार्यों से उसके गुरु का पता चलता है दाद्दाजी एक दिव्य महापुरुष रहे हैं । मेरा मानना है कि जीवन में गुरु बनाने का निर्णय बहुत सोच समझकर लेना चाहिए क्योंकि गुरु के बगैर भव सागर को पार किए जाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जीवन के कार्य में सफलता तथा जीवन में उत्तरोत्तर वृद्धि करना है तो सभी को गुरु अवश्य ही बनाया जाना चाहिए। इंद्रेश उपाध्याय जी महराज ने आगे समझाते हुए बताया कि ठाकुर जी के तीन दर्शनों जिनमें स्वप्न दर्शन, अनुभूति दर्शन और साक्षात दर्शन होते है के बारे में विस्तार से कथा के माध्यम से इंद्रेश महराज ने कहा कि ठाकुर जी के दर्शन तीन प्रकार से होते हैं। पहले स्वप्न दर्शन फिर अनुभूति दर्शन और सबसे अंत में साक्षात दर्शन होते हैं। इसलिए जिसको स्वप्न दर्शन और अनुभूति दर्शन हो गए उसे ठाकुर जी के साक्षात दर्शन अवश्य होंगे।

उत्तर प्रदेश से ज्यादा धार्मिक हैं मध्यप्रदेश के राजनेता
कथा व्यास से कथा सुनाते हुए इंद्रेश जी महराज ने कहा कि हमारे उत्तर प्रदेश में केवल मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ धार्मिक हैं जबकि मध्यप्रदेश के अधिकांश राजनेता धार्मिक हैं। मध्यप्रदेश के राजनेता धार्मिक आयोजनों में बढ़ चढ़ कर न केवल हिस्सा लेते हैं बल्कि धार्मिक आयोजनों में उनके संबोधन भी धर्ममय होते हैं। कटनी के लोग भी धार्मिक प्रवृत्ति में रुचि रखते है मैं स्वयं देख रहा हूं कि अमृतकथा में तीन दिनों में पचास हजार लोगों के लिए बैठने का पंडाल छोटा पड़ रहा है दस बीस हजार लोग प्रभु लीला, धर्म संस्कृति की बातों को सुनने के लिए बाहर बैठें है । दद्दा शिष्य मंडल के संरक्षक एवं महोत्सव के संयोजक विधायक संजय पाठक ने प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के आयोजन एवं अमृतकथा में सहयोग देने के लिए आयोजन में भाग लेने वाली जनता , शिष्य मण्डल के सहयोगियों साथियों, सभी शासकीय विभाग के साथ ही मीडिया के बंधुओं का आभार व्यक्त किया, प्रख्यात अभिनेता आशुतोष राना ने अगले साल से प्रतिवर्ष इन्ही तीन दिनों में दद्दाधाम में महोत्सव मनाने के शिष्य मण्डल के निर्णय की जानकारी दी।