काला सच कड़वा और सफेद झूठ हवा में तैरता है : बीजेपी विधायक बनाम आरटीओ

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शहडोल। आजकल लोगों को सफेद झूठ बोलने की आदत पड़ गई है और सफेद झूठ लिखने की भी आदत पड़ गई है, लेकिन सच हमेशा काला और कड़वा ही होता है, जो सामने आने पर काला सच पूरे मुंह के स्वाद को खराब कर देता है, लेकिन उसका असर दूरगामी और अच्छा भी होता है, सफेद झूठ को चीरता हुआ काला सच यह है कि परिवहन विभाग अपने सरकारी भवन की जगह होटल अमन पैलेस से संचालित हो रहा है, इसकी शिकायत संभाग आयुक्त श्रीमती सुरभि गुप्ता को दी गई है और इसकी जांच भी शुरू हो गई है, दूसरा काला और कड़वा सच यह भी है कि भाजपा के दो-दो विधायकों ने शहडोल परिवहन कार्यालय के मुद्दे को विधानसभा में रखा है, भले ही इसका भंडाफोड़ न हो और सब मैनेज हो जाए, लेकिन विधानसभा के पटल पर रखे गए प्रश्न और उनके दिए जाने वाले उत्तर इतिहास के पन्नों में जरूर भोपाल के भ्रष्टाचार के मामले की तरह इतिहास में दर्ज हो जाएंगे।
भारतीय जनता पार्टी के दो कद्दावर नेताओं और विधायकों ने विधानसभा में एक साथ शहडोल के परिवहन विभाग के मामले को उठाया है, आखिर उन्हें क्या जरूरत पड़ गई, कहां परेशानी आ गई, क्या परिवहन विभाग जो सरकार के अधीन संचालित है और यह सरकार भारतीय जनता पार्टी की है, उसमें अधिकारी क्या इतने बेलगाम हो गए हैं कि उन्होंने सत्ताधारी दल के नेताओं तक को दरकिनार कर दिया है और अपनी मनमानी शुरू कर दी है, जिस कारण या मामला जमीन या स्थानीय स्तर पर नहीं सुलझ रहा था और मजबूरन में एक नहीं बल्कि एक बस मालिक से होता हुआ यह मामला भाजपा नेता के मार्फत दो दो विधायकों को विधानसभा में यह मुद्दा उठाना पड़ा, बहरहाल परिवहन विभाग ने जानकारी भेज दी है और कल 4 दिसंबर को यह विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा, इस बात की उम्मीद की जा सकती है कि रखे गए प्रश्नों के बाद के समय के दौरान रखे गए प्रश्न और जब तक उनका जवाब भेजा जाता है, और जब तक पटल पर रखे जाते हैं, तब तक अन्य मामलों की तरह या मामला भी कहीं ना कहीं मैनेज हो जाएगा ।
शायद यही कारण है कि 26 नवंबर को परिवहन विभाग द्वारा विधानसभा में यह जानकारी भेजने की अंतिम तारीख थी, उस दौरान शहडोल की परिवहन विभाग की अधिकारी और परिवार विभाग का अमला काफी बेचैन था, जो बीते कुछ दिनों से राहत महसूस करते हुए परेशानियों से दूर खड़ा नजर आ रहा है, ये अच्छी बात है की परेशानियां खत्म हो गई,शायद सब मैनेज हो गया, लेकिन फिर भाजपा के नेताओं और विधायकों की परेशानियां खत्म हुई या फिर आने वाले दिनों में जो आरोप परिवहन विभाग की अधिकारी पर लगे थे, उनमें विभाग द्वारा और परिवहन अधिकारी के द्वारा कुछ सुधार भी लाया जाएगा।
यह माना जा रहा है कि भोपाल की कहानी एक बार फिर शहडोल में दोहराई जा रही है,भोपाल में क्या हुआ था यह दर्जनों न्यूज़ वेबसाइट में आप देख सकते हैं, नीचे उसका एक स्क्रीनशॉट भी दिया गया है कि भोपाल में क्या हुआ था और कैसे मीडिया और भाजपा के नेताओं को खुद आगे जाकर हस्तक्षेप करना पड़ा था तब कुछ स्थितियों ठीक हुई थी।
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व कैबिनेट मंत्री बिसाहू लाल सिंह जो वर्तमान में अनूपपुर से विधायक है उनके द्वारा शहडोल के परिवहन विभाग के सवाल उठाए गए हैं, वही भी बांधवगढ़ विधायक शिव नारायण सिंह लल्लू भैया ने भी इस मामले को विधानसभा में उठाया है,
 यह बहुत बड़ा सवाल उठता है कि क्या दोनों विधायकों की और भाजपा के नेताओं की नहीं सुनी जा रही है, मैडम की लकीर इन नेताओं के सामने इतनी बड़ी हो गई है कि अब परिवहन अधिकारी जैसे पद पर बैठे एक ऐसी महिला अधिकारी जिस पर पूर्व में भी भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगे हो और खुलकर उनके खिलाफ शहडोल के कमिश्नर कार्यालय में शिकायत भी दी गई हो, वह अपना कार्यालय सरकारी भवन की जगह निजी होटल से संचालित कर रही हो उसकी लकीर के आगे जिले के तमाम प्रशासनिक अधिकारी और भाजपा के दो-दो विधायक बौने साबित हो चुके हैं।
यदि ऐसा है तो भाजपा के विधायकों को भी यह सोचना चाहिए, उन्हें विचार करना चाहिए और 4 दिसंबर के बाद भी उन्हें यह विचार करना पड़ेगा कि यदि वे इस मामले में शांत हो जाते हैं तो उनकी शहडोल संभाग और उनकी विधानसभा क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में इतनी भद्द पिटेगी, जिसकी शायद उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी बहरहाल यह तो तय है कि परिवहन अधिकारी श्रीमती अनपा खान ने इतनी बड़ी लाइन खींच दी है कि विधायक भी बौने हो गए हैं और नौकरशाह अपनी मनमानी पर है।

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