NH-43 पर स्कूल बस हादसा : प्रशासनिक लापरवाही या ठेकेदार की चूक? 19 बच्चों की जान बची, एक छात्र गंभीर — NH निर्माण में सुरक्षा मानकों पर सवाल

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NH-43 पर स्कूल बस हादसा : प्रशासनिक लापरवाही या ठेकेदार की चूक?
19 बच्चों की जान बची, एक छात्र गंभीर — NH निर्माण में सुरक्षा मानकों पर सवाल
कटनी।। बड़वारा थाना क्षेत्र अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग-43 पर मंगलवार सुबह हुए स्कूल बस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा, प्रशासनिक निगरानी और एनएचएआई के ठेकेदारों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। धनवारा गांव के पास तेज रफ्तार ट्रक द्वारा किड्स केयर निजी विद्यालय की बस को पीछे से टक्कर मारे जाने की घटना में 19 बच्चे सुरक्षित रहे, जबकि एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। मंगलवार सुबह करीब 9 बजे बस विलायत कला गांव से बच्चों को लेकर कटनी की ओर जा रही थी। निर्माणाधीन हाईवे खंड पर अचानक ट्रक क्रमांक CG 10 BS 8292 ने पीछे से बस को टक्कर मार दी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार दुर्घटना स्थल पर न तो पर्याप्त संकेतक साइन बोर्ड लगे थे और न ही गति नियंत्रण के प्रभावी इंतजाम मौजूद थे।
घटना के बाद ट्रक चालक का वाहन छोड़कर फरार होना, मोटर वाहन अधिनियम एवं भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत गंभीर आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है। पुलिस द्वारा ट्रक जब्त कर चालक की तलाश की जा रही है। मामले में लापरवाही से वाहन चलाने, दुर्घटना कर मौके से फरार होने एवं गंभीर चोट पहुंचाने की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया जाना प्रस्तावित है।
प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि एनएच-43 पर सड़क निर्माण कार्य लंबे समय से अधूरा है, बावजूद इसके भारी वाहनों का निर्बाध आवागमन जारी है। निर्माण स्थल पर सुरक्षा बैरिकेड, चेतावनी बोर्ड और वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था न होने से दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। यह स्थिति एनएचएआई एवं संबंधित ठेकेदार की प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है।
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने हाईवे पर जाम लगाकर ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। सूचना मिलते ही बड़वारा पुलिस मौके पर पहुंची, स्थिति को नियंत्रित कर यातायात बहाल कराया तथा जांच शुरू की। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते सड़क सुरक्षा ऑडिट, निर्माण स्थलों की नियमित मॉनिटरिंग और ठेकेदारों पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में ऐसे हादसे और अधिक गंभीर रूप ले सकते हैं। फिलहाल पुलिस मामले की विवेचना कर रही है, वहीं जिला प्रशासन एवं एनएचएआई की भूमिका भी जांच के दायरे में मानी जा रही है।

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