श्रद्धा और शौर्य का संगम: चार साहिबजादे के विशेष शो में गूंजा बलिदान का संदेश
शहडोल। सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों अजीत सिंह, जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के अतुलनीय बलिदान को नमन करते हुए आज के-स्क्वायर मल्टीप्लेक्स में चर्चित एनिमेटेड फिल्म चार साहिबजादे का विशेष प्रदर्शन श्रद्धा, सम्मान और भावनात्मक माहौल के बीच किया गया। इस अवसर पर मल्टीप्लेक्स के दोनों ऑडिटोरियम पूरी तरह भरे रहे, जो साहिबजादों के प्रति लोगों की गहरी आस्था और जुड़ाव को दर्शाता है।दोपहर 1 बजे से शुरू हुए इस विशेष शो में बड़ी संख्या में संगत और शहरवासी शामिल हुए। फिल्म के माध्यम से दर्शकों को सिख इतिहास के उस स्वर्णिम अध्याय से रूबरू होने का अवसर मिला, जिसमें धर्म, मानवता और सत्य की रक्षा के लिए साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति दी। फिल्म ने त्याग, वीरता और आत्मसम्मान के संदेश को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया, जिसे दर्शकों ने भावविभोर होकर सराहा।
इस सेवा का आयोजन सरदार बलमीत सिंह खनूजा परिवार की ओर से किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रसाद वितरण किया गया तथा साहिबजादों के बलिदान को स्मरण करते हुए श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर उपस्थित संगत ने गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह द्वारा बताए गए सत्य, साहस, समानता और धर्मरक्षा के मार्ग पर चलने का संकल्प भी लिया।
कार्यक्रम में गुरु तेग बहादुर के धार्मिक स्वतंत्रता के लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान और गुरु गोविंद सिंह द्वारा खालसा पंथ की स्थापना के ऐतिहासिक महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने कहा कि चारों साहिबजादों का बलिदान सिख इतिहास ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
कार्यक्रम की समुचित और अनुशासित व्यवस्थाएं के-स्क्वायर मल्टीप्लेक्स के संचालक बलमीत सिंह खनूजा एवं उनकी टीम द्वारा की गईं, जिसकी उपस्थितजनों ने सराहना की। आयोजन की सफलता पर सरदार बलमीत सिंह खनूजा ने कार्यक्रम में शामिल सभी संगत, दर्शकों और सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
यह आयोजन केवल एक फिल्म प्रदर्शन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को साहिबजादों के त्याग, शौर्य और बलिदान के मूल्यों से जोड़ने का एक प्रभावी और प्रेरणादायक प्रयास सिद्ध हुआ, जिसे उपस्थितजनों ने मुक्त कंठ से सराहा।