प्रणाम, परिक्रमा और फिर चोरी: भक्त बनकर आया बदमाश, भगवान के मुकुट ले उड़ा

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(अनिल तिवारी)
शहडोल।संभागीय मुख्यालय में आस्था को झकझोर देने वाली सनसनीखेज वारदात सामने आई है। कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत रेलवे कॉलोनी स्थित भगवान श्री तिरुपति बालाजी मंदिर से अज्ञात बदमाश ने भगवान के तीन छोटे और तीन बड़े चांदी के मुकुट चोरी कर लिए। यह घटना संध्या आरती के कुछ ही देर बाद की बताई जा रही है। हैरानी की बात यह है कि पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, जिसमें बदमाश का तरीका लोगों को स्तब्ध कर रहा है।
जूते उतारे, प्रणाम किया, परिक्रमा की… फिर आस्था पर वार
सीसीटीवी फुटेज में साफ नजर आता है कि बदमाश मंदिर परिसर में प्रवेश करता है, जूते-चप्पल बाहर उतारता है, भगवान को प्रणाम करता है, प्रतिमा की परिक्रमा करता है और इसके बाद बड़ी सहजता से भगवान के चांदी के मुकुट उतारकर फरार हो जाता है। यह दृश्य न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि यह भी दिखाता है कि चोर ने भक्त का भेष धरकर आस्था का फायदा उठाया।
तीन लाख की चोरी, मंदिर समिति स्तब्ध
मंदिर से चोरी किए गए मुकुटों की अनुमानित कीमत करीब 3 लाख रुपये आंकी गई है। मंदिर समिति और श्रद्धालु इस घटना से आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि जिस स्थान को आस्था और विश्वास का केंद्र माना जाता है, वहीं इस तरह की वारदात ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सीसीटीवी में कैद ‘अनूठी’ वारदात, शहर में चर्चा
यह चोरी अपने आप में इसलिए भी अनूठी है क्योंकि बदमाश ने न तो जल्दबाजी दिखाई और न ही किसी तरह की तोड़फोड़ की। पूरा घटनाक्रम शांत और योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया। इसी कारण यह वीडियो सोशल चर्चा का विषय बन गया है—लोग पूछ रहे हैं कि क्या अब भगवान भी सुरक्षित नहीं?

संभागीय मुख्यालय में भी नहीं बचे देवालय
घटना ने यह चिंता और गहरी कर दी है कि संभागीय मुख्यालय जैसे महत्वपूर्ण शहर में भी मंदिरों की सुरक्षा कितनी कमजोर है। श्रद्धालुओं का कहना है कि यदि भगवान के मंदिर में भी बदमाश बेखौफ होकर वारदात कर सकते हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या भरोसा?
पुलिस मौके पर, जल्द गिरफ्तारी का दावा
घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी गई। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्ध की पहचान की जा रही है और जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा। पुलिस आसपास के क्षेत्रों के कैमरों की भी जांच कर रही है ताकि बदमाश की आवाजाही का पूरा ट्रेल मिल सके।

आस्था पर चोट या व्यवस्था की चूक?
प्रणाम और परिक्रमा के बाद चोरी की यह वारदात केवल एक अपराध नहीं, बल्कि आस्था पर सीधा आघात है। अब सवाल यह है कि क्या भक्त के वेश में आने वाले बदमाशों से देवालयों को बचाने के लिए सुरक्षा के नए मानक तय होंगे, या फिर ऐसी घटनाएं यूं ही लोगों की आस्था को छलती रहेंगी।

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