खनिज अधिकारी व कलेक्टर से नहीं छूट रहा भाजपा का मोह
अभद्रता के बाद भी मामला ठण्डे बस्ते में
(अमित दुबे-8818814739)
शहडोल। जिला प्रशासन और उसके अधीनस्थ विभिन्न विभागों में बैठे अधिकारियों का केशरिया प्रेम अब भी बना हुआ है, शिकायतों व साक्ष्यों के बाद भी भाजपा नेताओं के खिलाफ जांचे लंबित पड़ी है, वहीं कांग्रेस नेताओं को बेवजह फंसाने और बदनाम करने का सिलसिला सत्ता परिवर्तन के बाद भी बदस्तूर जारी है, खासकर खनिज और नागरिक आपूर्ति निगम इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं, बीते सप्ताह खनिज निरीक्षकों के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा की गई अभद्रता के मामले में भले ही कलेक्टर ने जांच के आदेश दिये हैं, लेकिन ऑफ रिकार्ड जो दबाव खनिज निरीक्षकों पर डाला गया, वह उनकी बदली जुबान से खुद सुना जा सकता है। सप्ताह भर बीतने के बाद भी सरेराह खनिज निरीक्षकों के साथ हुई घटना के मामले में खनिज अधिकारी और कलेक्टर कितने गंभीर है, यह मामले की प्रगति देखकर ही समझा जा सकता है।
अनूपपुर का दौरा
जिले में दर्जन भर से अधिक ऐसे स्थान हैं, जहां रेत और पत्थरों का अवैध उत्खनन बीते अर्से से जारी है, इन स्थानों पर खनिज विभाग द्वारा कार्यवाही तो की जाती रही है, लेकिन वह खानापूर्ति तक ही सीमित रही है, बीते कई महीनों से एक दर्जन से अधिक प्रमुख स्थान जिनमें सेमरा, जरवाही का बटली घाट, बटुरा, हड़हा, नवलपुर का डाला घाट, श्यामडीह, पटासी, गोहपारू धौनहा, पतेरा टोला, सौंता, बुड़वा, जमुड़ी, जैतपुर तहसील में समधिन नदी से रेत का अवैध उत्खनन के अलावा ब्यौहारी और जयसिंहनगर के अन्य क्षेत्र भी शामिल हैं, इनमें से अधिकांश पर किसी न किसी भाजपा नेता या कार्यकर्ता का कब्जा है, बावजूद इसके इन पर सीधे रोक लगाने की बजाय खनिज अधिकारी और कलेक्टर मुख्यमंत्री के ”जीरो टॉलरेंसÓÓ को चुनौती देते हुए इन्हें बढ़ावा दे रहे हैं, बीते दिनों खनिज विभाग द्वारा पड़ोसी जिले अनूपपुर के बकही और खमरौध क्षेत्र में अवैध रेत से लदी 9 गाडिय़ा पकड़ी गई, जबकि जिले में अवैध उत्खनन अपने चरम पर है।
दबाव या मोह
जिला प्रशासन सहित खनिज अमला या तो अभी भी भाजपा के मोह या दबाव में डूबा हुआ है या फिर उनका मुख्यमंत्री की ”जीरो टॉलरेंसÓÓ की घोषणा से कोई नाता नहीं है, भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा खनिज निरीक्षकों से अभद्रता कर वाहन छुड़ा ले जाने के मामले के बाद लगातार ये बातें सामने आ रही हैं कि जब खनिज और जिला प्रशासन ने जिलाध्यक्ष को अवैध उत्खनन व परिवहन की छूट दे रखी है तो अन्य राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों पर कार्यवाहियां क्यों की जा रही हैं। पूरा मामला शीशे की तरह साफ होने के बाद भी जिला प्रशासन इस मामले में अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को स्वच्छ व भयहीन माहौल नहीं दे पा रहे हैं, घटना के सप्ताह भर बाद भी खनिज निरीक्षकों के बयान तक नहीं लिये, जिससे उनका मनोबल टूट रहा है और भाजपा के पदाधिकारियों को अवैध काम करने का बल मिल रहा है।
पहचान लेंगे आरोपी को: कुलस्ते
सोमवार की शाम जब इस संदर्भ में खनिज निरीक्षक श्री कुलस्ते से चर्चा की गई तो उनके बयानों में प्रशासनिक दबाव व भय स्पष्ट नजर आया, घटना के दूसरे दिन जो निरीक्षक खुलेआम कथित आरोपी का नाम ले रहे थे, अब वे सामने आने पर गाली-गलौज करने वालों को पहचान लेने की बातें कहीं, यह भी हो सकता है कि भाजपा नेताओं के दबाव में अगली बार वे इस बयान से भी मुकर जायें, हालाकि श्री कुलस्ते ने इस बात को दोहराया कि घटना के दिन बुढ़ार थाने के समीप जब वे ओव्हर लोड वाहन को लेकर आये थे तो एक सरदार और तीन अन्य लोगों ने उन्हें रोका और गाड़ी जबरिया वापस लेकर चले गये, जिला प्रशासन को खनिज निरीक्षकों के साथ हुई गंभीर घटना से शायद कोई वास्ता नहीं, यही कारण है कि घटना के सप्ताह भर बाद भी जबरिया वाहन छुड़ाने व शासकीय काम मे व्यवधान उत्पन्न करने वालों के खिलाफ अज्ञात में ही सही प्राथमिकी तो दर्ज कराई जा सकती थी।
खनिज कार्यालय में डेरा
घटना के अगले दिन से ही खनिज कार्यालय में अचानक ही भाजपा नेताओं की आवाजाही बढ़ गई, खनिज विभाग व प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए कई बार अवैध उत्खनन के मामले में पकड़े जा चुके जगन्नाथ शर्मा व खैरहा भाजपा मण्डल अध्यक्ष दीपक शर्मा ने तो बीते दिनों खनिज विभाग के खिलाफ संगठन तक बनाया, जिसमें इनके द्वारा विभाग द्वारा पूर्व में की गई गलतियों को आधार बनाकर धरने व आंदोलन तक की धमकी दे दी गई, सोमवार को जैतपुर से भाजपा विधायक श्रीमती मनीषा सिंह का कई घंटो तक खनिज कार्यालय में डेरा रहा।