पूर्व खनिज मंत्री की खदान से पोकलेन जब्त

जांच के बाद खनिज विभाग दर्ज करेगा प्रकरण
ब्योहारी, जयसिंहनगर में लालपुर और अनूपपुर की खदानों की कट रही ईटीपी
अजय पाल+8871170034
शहडोल। जयसिंहनगर तहसील के ग्राम पंचायत हिडवाहा के ग्राम पतेरा टोला शासकीय निर्माण कार्य के लिये स्वीकृत की गई रेत खदान मेसर्स भैयालाल इंफाटे्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड भाजपा के मौजूदा विधायक और शिवराज सरकार में प्रदेश के खनिज मंत्री रहे और जिले के प्रभारी मंत्री की पत्नी सुनीता शुक्ला और पुत्री ऐश्वर्या शुक्ला की है, वहीं बुढ़ार के पद्म सिंघानिया की तिरूपति बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को संयुक्त रूप से भाजपा शासनकाल में तत्कालीन नौकरशाहों ने नियमों और कायदों को ताक पर रखकर खदान आवंटित की थी। शासकीय निर्माण कार्य की बजाय बाजार में बेची जा रही रेत का मामला सामने आने के बाद खनिज विभाग ने खदान पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पतेरा टोला खदान से रेत लेकर बाजार में बेचने जाने वाले वाहनों को जिले की लालपुर रेत खदान की और अनूपपुर जिले के सीतापुर की आशुतोष सिंह के रेत भण्डारण की ईटीपी जारी की जा रही है।
खदान से जब्त की पोकलेन
विशालकाय मशीन और बड़े वाहन लगाकर पतेरा टोला से रेत खनन और परिवहन का मामला सामने आने के बाद रविवार को खनिज विभाग की टीम पूर्व खनिज मंत्री की कम्पनी को आवंटित खदान पहुंची, जहां से टीम ने पोकलेन मशीन को जब्त करते हुए स्थानीय निवासी को सुपुर्द कर प्रकरण को जांच में लिया है। राजस्व सहित अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ खनिज विभाग की टीम जांच करेगी, जिसके बाद प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की जायेगी।
लालपुर और चोलना की ईटीपी
जयङ्क्षसहनगर और ब्योहारी में रेत माफियाओं के द्वारा पतेरा टोला सहित अन्य स्थानों से बड़े वाहनों में रेत अवैध रूप से खनन की जाती है, फिर जिले की लालपुर में स्थित वसुंधरा एग्रो की रेत खदान की पर्चियां वाहनों को दी जाती हैं, इतना ही नहीं अनूपपुर जिले के चोलना में आशुतोष कुमार सिंह के नाम से स्वीकृत रेत खदान की पर्चियां इन क्षेत्रों में धड़ल्ले से बेची जा रही है, बताया गया है कि खदान संचालकों ने जयङ्क्षसहनगर और ब्योहारी के माफियाओं को अपनी आईडी और पासवर्ड अग्रिम राशि लेकर दे दी है। सूत्र बताते हैं कि ब्योहारी में मुकेश सिंह नामक व्यक्ति के द्वारा रेत की कालाबाजारी और दूसरे स्थानों की आईडी अपने गुर्गों के माध्यम से कटवाई जाती है, फिर वाहनों को रीवा, इलाहाबाद की ओर भेजा जाता है।
शासन के खजाने में सेंघमारी
आमतौर पर ब्योहारी और जयसिंहनगर में सक्रिय रेत माफिया मानसून सत्र के दौरान ही रेत की तस्करी को अंजाम देते थे, लेकिन अब वह खुले तौर पर नदी और नालों से रेत की तस्करी कराते हैं और मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में दूसरी खदानों की ईटीपी लेने के बाद रेत बाहर भेज देते हैं, इस पूरे खेल से शासन को महीने में लाखों रूपये के राजस्व की हानि हो रही है, जानकार बताते हैं कि सरकार जरूर बदली लेकिन अधिकारियों का भाजपा मोह खत्म नहीं हुआ, जिसके फेर में कथित माफियाओं और तस्करों को खुला संरक्षण दे रखा है।
निर्धारित मात्रा से अधिक खनन
तत्कालीन खनिज मंत्री की कम्पनी को फायदा पहुंचाने के लिये अधिकारियों ने पहले नियमों और कानूनों को तोड़ एक ही खदान की दो अलग-अलग अनुमतियां जारी की, डिया के द्वारा निर्धारित 25 हजार घन मीटर मात्रा से अधिक रेत का खनन और परिवार किया गया। पतेरा टोला खदान स्वीकृत होने के बाद दो 100-100 पन्ने की मैनुयल टीपी जारी की गई थी, उस दौरान जमकर रेत का खनन और परिवहन किया गया था, बीते कुछ दिनों से शुरू हुई पतेरा टोला खदान में बाजार में बेचने के लिये रोजाना सैकड़ा भर वाहन चौबीसों घंटे खदान में उतरते थे और इन्हें बाहर की खदानों की ईटीपी जारी की जाती थी, शासकीय रिकार्ड के मुताबिक 2500 घन मीटर ही रेत अभी उठी है जबकि इससे कई गुना रेत का खनन और परिवहन उक्त खदान से हो चुका है। सब कुछ जानने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी खामोश बैठे हुए हैं।
इनका कहना है….
मशीन को जब्त कर स्थानीय व्यक्ति के सुपुर्द किया गया है, राजस्व सहित अन्य विभागों के साथ जांच की जायेगी, उसके बार प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही होगी।
सुरेश कुलस्ते
खनिज निरीक्षक, शहडोल
ये सच है कि ब्योहारी, जयसिंहनगर, टिहकी और पतेरा टोला में बाहर की खदानों की ईटीपी दी जा रही है।
मुकेश सिंह
ब्योहारी
मशीन पर हुई कार्यवाही की जानकारी नहीं है, जल्द ही हम खदान सरेण्डर करने वाले हैं, अपने उपयोग के लिये ही खदान स्वीकृत कराई थी।
नीरज त्रिपाठी
प्रबंधक भैयालाल इंफाटे्रक्चर
कम्पनीसाइड पतेरा टोला
ये सही है कि उक्त खदान राजेन्द्र शुक्ला और हमारी कम्पनी की है।
पद्म सिंघानिया
मेसर्स तिरूपति
बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड
अगर आशुतोष सिंह की खदान से ऐसी कुछ गतिविधियों का संचालन हो रहा है तो, कार्यवाही होगी।
राहुल शांडिल्य
प्रभारी खनिज अधिकारी, अनूपपुर