पंचायत सचिव द्वारा किये गये भ्रष्टाचार के विरोध में जनप्रतिनिधि सहित ग्रामीण एकजुट

नाराज जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
कलेक्टर को दी आमरण अनशन की चेतावनी
(रामनारायण पाण्डेय +91 99938 11045)
जयसिंहनगर। जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत छूदा के सरपंच, पंच एवं ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते बताया कि उनके द्वारा 20 सितम्बर को जनपद पंचायत में सचिव व रोजगार सहायक के विरूद्ध धरना देकर किये गये भ्रष्टाचार की जांच के साथ ही दोषियों पर कार्यवाही की मांग की गई थी, जिसके बाद सीईओ द्वारा मौखिक आश्वासन देकर अनशन समाप्त करा दिया गया था, लेकिन आज दिनांक तक दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई, जिससे क्षुब्ध होकर वह पुन: 30 अक्टूबर तक अगर निराकरण नहीं होता है तो वह जिला पंचायत के मुख्य द्वार पर शिकायत के निराकरण न होने तक आमरण अनशन पर बैठ सकते हैं।
आश्वासन के बाद नहीं हुई कार्यवाही
ग्रामीण जन एवं जन प्रतिनिधियों द्वारा ग्राम पंचायत छूदा में पदस्थ सचिव रामसरोज सिंह व रोजगार सहायक द्वारा किये जा रहे अनैतिक कार्यों जैसे प्रधानमंत्री आवास में पात्र हितग्राहियों से अवैध पैसा न पाने से उन्हें अपात्र करने, ग्राम पंचायत में कराई गई मजदूरी का भुगतान मजदूरों को न देना, सचिव का स्थानीय होने से अपने सगे संबंधियों को नियम विरूद्ध लाभ पहुंचाने तथा सचिव का ग्राम पंचायत छूदा अंतर्गत ग्राम बहेरहा का मूल निवासी होने के बावजूद भी गृह पंचायत में गलत तरीके से पदस्थापना कराकर पद का दुरूपयोग कर अनैतिक दबाव डालने के संबंध में कई बार ग्रामीणों व जन प्रतिनिधियों द्वारा स्थानीय स्तर से लेकर उच्चस्तर तक व सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की जाती रही है, किंतु ग्रामीण द्वारा किये गये शिकायतों का न तो निष्पक्ष जांच हुई और न ही दोषियों के विरूद्ध किसी प्रकार कार्यवाही की गई। जिससे क्षुब्ध होकर ग्रामीण जन व जनप्रतिनिधियों द्वारा 20 सितम्बर को जनपद पंचायत जयसिंहनगर के मुख्यद्वार पर अनशन पर बैठे, अनशन के दो घंटे बाद ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा अनशन स्थल पर आकर मौखिक अश्वासन दिया गया कि 8 दिन के अंदर ही शिकायत पर जांच कराकर निराकरण कर दिया जायेगा, सभी जन अनशन समाप्त कर दें।
कानूनी कार्यवाही की भी मांग
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जयसिंहनगर के मौखिक अश्वासन पर अनशन वापस ले लिया गया, किंतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी ग्राम पंचायत छूदा के रोजगार सहायक को जनपद पंचायत में रोजगार सहायक से आवेदन लेकर अटैच कर लिये तथा आज दिनांक तक सचिव व रोजगार सहायक के द्वारा किये गये भ्रष्ट कार्यो की न तो जांच की गई और न ही सचिव रामसरोज सिंह को अंयंत्र स्थानांतरित कर समुचित जांच कर किसी तरह की कार्यवाही की गई। परिणाम स्वरूप रामसरोज सिंह द्वारा ग्राम सभा में प्रस्तावित विकास कार्यों को (जैसे सड़क निर्माण व अन्य निर्माण कार्य जिनके माध्यम से मजदूरों को काम मिल सके) नहीं होने देते हैं। ग्रामीणों सहित सरपंच, पंच ने मांग की है कि सचिव का स्थानांतरण अन्यत्र कर शिकायत की जांच कर कानूनी कार्यवाही की जाये, अन्यथा 30 अक्टूबर को सरपंच, पंच व ग्रामीण जन आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे।