फाईलों में कैद ”वॉटर वर्ड” के भ्रष्टाचार का जिन्न

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मामला आदिवासी विकास विभाग के छात्रावासों में सप्लाई हुए वॉटर प्यूरीफाई का

(अमित दुबे-8818814739)
शहडोल। आदिवासी विकास विभाग के संभागीय कार्यालय के संरक्षण में बीते वर्षाे में हुए भ्रष्टाचार एक-एक कर सामने आ रहे हैं, बीते सप्ताह पीटीआई अजय द्विवेदी के द्वारा किया गया भ्रष्टाचार और उसके बाद उपायुक्त जे.पी. सरवटे द्वारा कार्यवाही न कर फाईल को दबा देने का मामला सुर्खियों में था, इसके बाद उपायुक्त कार्यालय में ही पदस्थ एक अन्य प्रदीप द्विवेदी नामक लिपिक के द्वारा अपने पुत्र के माध्यम से दुगने दामों में छात्रावासों वॉटर प्यूरीफाई सप्लाई कराने का मामला सामने आया है, हालाकि यह सप्लाई 2 वर्ष पहले प्रदीप द्विवेदी के पुत्र रितेश द्विवेदी द्वारा की गई थी, लेकिन उसी समय जब छात्रावासों में भुगतान के लिए दुगने बिल पहुंचे और उपायुक्त कार्यालय से भुगतान के लिए दबाव बनाये जाने लगा तो मामला सतह पर आ गया। उसी समय मामले की शिकायत हुई, लेकिन अजय द्विवेदी की तरह ही प्रदीप द्विवेदी और उसके पुत्र का यह कारनामा भी फाईलों में कैद हो गया, लेकिन बीती 4 जनवरी को संभागायुक्त और 13 फरवरी को जिले के पालक मंत्री को कांग्रेस नेता संजीव निगम द्वारा इस मामले की फाईल सौंपने और कार्यवाही की मांग करने के बाद एक फिर इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।
यह हैं आरोप
जिले के पालक मंत्री व आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम को 13 फरवरी को दी गई शिकायत में कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि शहडोल के उपायुक्त कार्यालय से अनूपपुर के सभी अधीक्षकों को फोन कराकर अपने पुत्र के लिए प्रदीप द्विवेदी द्वारा आरो प्यूरीफॉयर क्रय कराया गया, उक्त मामले की जब उपायुक्त कार्यालय से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई तो दस्तावेज नहीं दिये गये। चूंकि आरो सप्लाई करने वाले प्रदीप द्विवेदी के पास ही कार्यालय में सूचना के अधिकार का प्रभार भी है और उन्हीं के द्वारा 60 से 70 लाख का वॉटर प्यूरीफॉयर क्रय नियमों का उल्लंघन करके दबाव डालकर क्रय करवाया गया, जिसकी जांच चाही गई है।
12 हजार की जगह 39 हजार के बिल
संभागीय उपायुक्त कार्यालय के शह पर हुए भ्रष्टाचार में तात्कालीन संभागायुक्त के आदेशों का हवाला देकर पहले आधीक्षकों को बच्चों के लिए वॉटर प्यूरीफॉयर खरीदने के आदेश दिये गये, बाद में संबंधित बाबू ने अपने पुत्र के नाम पर जिसकी फर्म शहडोल की जगह अनूपपुर में न्यू एक्वा वॉटर वर्ड के नाम पर कभी संचालित थी, वर्तमान में उक्त पते पर फर्म का भी पता नहीं है। उक्त फर्म के नाम पर बाबू द्वारा दबाव बनाये जाने के बाद अधीक्षक डर गये और 12 से 18 हजार की लागत का आरो यूवी वॉटर प्यूरीफॉयर 39 हजार 490 रूपये तथा फिटिंग के नाम पर 5450 रूपये के बिल पकड़ाये गये, आरोप है कि उक्त मामले में क्रय नियमों का नजर अंदाज किया गया। न ही निविदा बुलाई गई और न ही पालक समिति के सदस्यों से भौतिक सत्यापन कराया गया और दबाव बनाकर न्यू एक्वा वॉटर वर्ड के नाम पर भुगतान ले लिया गया।
इनका कहना है…
मामला बहुत पुराना है, पूरी खरीदी में कहीं नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है, कुछ लोगों द्वारा द्वेषवश शिकायत की गई है।
रितेश द्विवेदी
संचालक, न्यू एक्वा वॉटर वर्ड

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