विराट धरा पर फिर शुरू हुआ एक से अस्सी करने का खेल

ऋषि के राज में अंकगणित से लक्ष्मी बटोर रहे नारायण

(शंभू यादव+91 98265 50631)
शहडोल। नगर में चल रहे सट्टा कारोबार पर रोक नहीं लग पा रही है, पुलिस कार्रवाई के नाम पर जब तब सटोरियों के खिलाफ धरपकड़ अभियान चलाती है, लेकिन कुछ ही समय तक शांत होने के बाद यह अवैध कारोबार फिर शुरू हो जाता है। पुलिस की निगाह में भले ही सट्टा कारोबार बंद हो, लेकिन हकीकत यह है कि नगर के विभिन्न मुहल्लों में बीट प्रभारियों की शह पर यह कारोबार फल-फूल रहा है, विषबेल की तरह फैल चुके सट्टे और जल्द अमीर बनने की चाहत में गरीब और मजदूरी पेशा वर्ग बर्बाद हो रहे हैं। यहां तक कि बच्चे और महिलाएं भी अब सट्टा लगा रहे हैं। सूत्रों की माने तो पुलिस से सेटिंग के चलते और सट्टे में लिप्त लोगों के पकड़े जाने पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई न होना भी इस पर रोक न लगने की एक बड़ी वजह है। बहरहाल वजह चाहे कुछ भी हो, लेकिन क्षेत्र में सट्टे का कारोबार बदस्तूर जारी है।
लक्ष्मी को मिला संरक्षण
कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न वार्डाे में सट्टे का कारोबार पुरानी तर्ज पर फिर शुरू हो गया है, पुराने ठीहों के अलावा इस बार कुछ नये ठीहों पर भी सट्टोरियों ने अपने दुकानें सजा ली हैं, जिसमें संबंधित बीट प्रभारी की सहभागिता स्पष्ट नजर आती है। किरण टाकीज के समीप लक्ष्मी नामक कारोबारी सट्टे की आड़ में दिन भर नारायण-नारायण कर रहे हैं, जिसमें बीट प्रभारी के भी संलिप्ता के चर्चे हैं, दिन भर लगी सट्टा प्रेमियों की भीड़ यहां वर्षाे पहले सब्जी मण्डी और इतवारी मोहल्ले के ठीहों की याद ताजा कर दी है।
गंज में गोलू का ठीहा
कोतवाली से महज 200 से 300 मीटर की दूरी के अंदर सब्जी मण्डी और गंज में सट्टे का कारोबार गोलू नामक युवक के द्वारा संचालित किया जा रहा है, गोलू के ठीहे में रिक्शे और ठेले वालों के साथ ही सब्जी वाले और आस-पास के देहात के ग्रामीण आसानी से देखे जा सकते हैं, इस मार्ग से कोतवाली पुलिस की आवाजाही दिन भर बनी रहती है, लेकिन पुलिस का मुखबिरी तंत्र इतना लाचार हो चुका है कि उसे इसकी खबर तक नहीं हैं।
अंडर ब्रिज में लगता है जमावड़ा
कभी चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा बाजार आजकल कानून की ढीली पकड़ की वजह से खाईवाल गुड्डा के संरक्षण में खुलेआम संचालित हो रहा है। ओपन, क्लोज और रनिंग के नाम से चर्चित इस खेल में जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है, उससे यही प्रतीत होता है कि प्रमुख खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है। कोतवाली थाना क्षेत्र में इस खेल के बढ़ते कारोबार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि शहर के शहर के युवा दिन-रात अंकों के जाल में उलझे रहते हैं।

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