मसीहा बने वर्दीधारी @ बुढ़ार में छत्तीसगढ़ से पैदल आ रहे 30 मजदूरों को परोसा भोजन

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(शुभम तिवारी)
शहडोल। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और उसके बाद आगामी 14 अप्रैल तक 21 दिनों के लॉगआउट के दौरान कोरोनावायरस से जूझ रहे पूरे विश्व में प्रदेश में सबसे अधिक यदि कोई प्रभावित है, तो वह है दिहाड़ी मजदूर, जिन्हें मिल मालिकों व फैक्ट्री के संचालकों ने उद्योग धंधे बंद होने के बाद अपने यहां से छुट्टी दे दी। बीते 4 दिनों से छत्तीसगढ़ से पलायन कर रहे मजदूरों के जत्थे लगातार मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले से होते हुए शहडोल सड़क मार्ग से उत्तर प्रदेश सहित मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में जा रहे हैं, इन मजदूरों की जगह जगह स्क्रीनिंग हो रही है, कई जगह समाज सेवी संगठन सामने आकर उन्हें भोजन करवा रहे हैं और अधिकांश स्थानों पर तो यह जिम्मेदारी वर्दी धारियों नहीं अपने कंधे पर ले ली है, जिन्हें रास्ते में ही भोजन कराने के साथ ही उनके आश्रय तक की व्यवस्था पुलिस वाले बना रहे हैं।

अभी कुछ देर पहले जिले के बुढ़ार थाना अंतर्गत छत्तीसगढ़ के रतनपुर से पैदल आ रहे ये सभी मजदूर उत्तरप्रदेश के बांदा और बरही जा रहे थे, लगभग 30 मजदूरों को थाना प्रभारी बुढार महेंद्र सिंह चौहान ने स्वयंसेवी संस्था जैनब फाउंडेशन और शहीद भगत सिंह यूथ क्लब के सहयोग से भोजन उपलब्ध कराया, जैनब फाउंडेशन की ओर से सरदार की रिक्की दुआ व अफसर खान के अलावा यूथ फाउंडेशन की ओर से पंकज शर्मा जैसे युवकों ने बीते सप्ताह भर से लगातार अंचल में निराश्रित और पलायन करके जा रहे ऐसे मजदूरों को भोजन कराने का बीड़ा अपने कंधों पर लिया हुआ है।

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