शहडोल कोरोना अपडेट @ जिले में कर्फ्यू_ दोनों पॉजिटिव पहुंचे मेडिकल कॉलेज_गांव की सीमाएं सील_सम्पर्क में आने वालों की बन रही सूची

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शहडोल। रविवार की शाम जिले में कोरोनावायरस के अचानक 2 मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है, कलेक्टर डॉ सत्येंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र शुक्ला सहित स्वास्थ्य विभाग और दोनों ही विभागों के सैकड़ों अधिकारी प्रशासनिक व्यवस्था को बनाने के लिए बीते 12 घंटों से सोए ही नहीं। पूरी रात पुलिस की गस्त के साथ अधिकारियों की रणनीति बनाने की बैठकें और संबंधित दोनों कोरोना पॉजिटिव मरीजों से मिले लोगों की सूची और उनकी हिस्ट्री इकट्ठा करने में बीती, रात में पहले मरीज के ग्राम बरेली से मिलने के बाद देर रात पुलिस ने ग्राम लेदरा से कोरोनावायरस युवती को भी ढूंढ लिया दोनों को मेडिकल कॉलेज लाकर आइसोलेट करते हुए उनका उपचार शुरू किया गया है। इधर शहडोल में दो दिनों सहित अनूपपुर कलेक्टर ने भी एक दिन के कर्फ्यू की घोषणा कर दी है, साथ ही पुलिस विभाग ने पत्र जारी कर कहा है कि दोनों कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आये लोग खुद आगे आकर शाषन को सूचना देवें, ताकि उनका इलाज आदि भी समय पर किया जा सके, दूसरी तरफ प्रदेश सरकार ने पत्र जारी कर सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर रुपए 1000 एक हजार का जुर्माना लगाने और वसूलने के अधिकार स्थानीय निकाय के अधिकारियों को दे दिए हैं।

बाहर से आये दो मजूदर मिले कोरोना पॉजीटिव
मेडिकल कालेज में प्रशासन ने किया आईसूलेट
महराष्ट्र के अहमदनगर और प्रदेश के विदिशा से आये थे मजदूर
गोहपारू सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सैंपल लेने के बाद भेज दिया था घर

लॉक डाउन-2 के 12 दिन बाद प्रशासनिक लापरवाही ने ग्रीन जोन रहे जिले को ओरेंज में तब्दील कर दिया, 3 दिन पहले अहमदनगर और विदिशा से आये मजदूरों को गोहपारू में सैंपल लेने के बाद क्वारंटाइन करने की बजाय घर भेज दिया गया। रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर सोमवार को प्रशासन ने उनकी खोज-खबर शुरू की, देर रात तक दोनों को ढूंढकर मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां उन्हें आईसूलेट कर दिया गया।


शहडोल। आईसीएमआर लैब से सोमवार की दोपहर जैसे ही दो रिपोर्ट पॉजीटिव आई तो, प्रशासन के होश उड़ गये, 24 अप्रैल को महाराष्ट्र के अहमदनगर और प्रदेश के विदिशा से मजदूर पहुंचे थे, जिनका सैंपल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोहपारू में लेने के बाद उन्हें महज 1 दिनों के लिए छात्रावास में क्वारंटाइन किया गया और 26 अप्रैल रविवार को घर जाने दिया गया। रिपोर्ट पॉजीटिव आ जाने के बाद प्रशासन पुलिस के साथ दोनों की खोज खबर के लिए निकला, कई घंटों की जद्दोजहद के बाद देर रात दोनों को ढूंढकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोहपारू लाया गया है, उसके कुछ घंटे बाद मेडिकल कॉलेज में बनाये गये आईसूलेशन वार्ड में सिफ्ट कर दिया गया। अचानक आये कोरोना पॉजीटिव के मामले से पूरे क्षेत्र ही नहीं, जिले भर में हड़कंप भी देखने को मिला।

अहमदनगर व विदिशा से लौटे

गोहपारू तहसील के ग्राम लेदरा में रहने वाली 15 वर्षीय मोनिका बैगा अन्य मजदूरों के साथ पिकप से 24 अप्रैल को विदिशा से गोहपारू पहुंची थी, वहीं बुढ़ार तहसील के हथगला में रहने वाले भरत सिंह उम्र 26 वर्ष महाराष्ट्र के अहमदनगर से 24 अप्रैल को ही गोहपारू पहुंचे थे, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उनके सैंपल लिये गये थे, फिर उन्हें छात्रावास में महज एक दिन रखने के बाद छोड़ दिया गया था। किशोरी अपने घर लेदरा चली गई थी और साधन न मिलने के चलते भरत अपने गांव न जाकर अपने रिश्तेदार के घर बरेली चला गया था।

रिपोर्ट से पहले दिया छोड

स्वास्थ्य विभाग सहित प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है, नियमों के तहत रिपोर्ट न आ जाने तक संदिग्धों को नहीं छोड़ा जाना चाहिए, वहीं बाहर से आये लोगों को 14 दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में रखने के नियम है, वहीं इनके सैंपल लेने और इनसे संपर्क में रहने वाले चिकित्सकों को भी घर न जाने की जगह आईसूलेशन वार्ड में ही 14 दिनों तक रहना पड़ता है, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बरती गई लापरवाही के चलते न जाने यह लोग कितने लोगों के संपर्क में आये होंगे।


माह भर की मेहनत बेकार

जिले में लॉक डाउन वन व टू के लगभग 1 माह से अधिक का समय बीतने के बाद गोहपारू में दो कोरोना पॉजीटिव मामले आने के बाद जिन लोगों ने लॉक डाउन का पालन कर अपने आपको घरों में कैद रखा, इसके साथ ही जो कोरोना वॉरियर्स दिन रात सेवा में जुटे रहे, साथ ही पुलिस के जवान भी ड्यिुटी पर तैनात रहे, इस लापरवाही के चलते सभी की मेहनत बेकार हो गई। कुल मिलाकर कोरोना जैसी महामारी जिसने विश्व के कई संपन्न देशों को घुटने पर ला दिया, इतना सबकुछ देखने के बाद भी गोहपारू के स्वास्थ्य महकमें और प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।


अन्यत्र से मजदूर लाना पड़ा महंगा

शिवराज सरकार द्वारा प्रदेश के अन्य जिलों में फंसे मजदूरों को उनके घर पहुंचाने की कवायत महंगी पड़ती नजर आ रही है। इस कवायत ने शहडोल कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व आमजनता की लॉक डाउन की पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया। जिन दो मजदूरों को कोरोना पॉजीटिव पाया गया है, उसमें एक मजदूर महाराष्ट्र के अहमद नगर से यहां लाया गया था, वहीं दूसरे मजदूर को विदिशा से लाया गया है। हालाकि अधिकारिक तौर पर अभी इसकी प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं हुई है, यह बात भी सामने आई है कि दोनों मजदूरों को क्वारंटाइन सेंटर से छुट्टी होने के बाद यह रिपोर्ट आई है।


लेदरा सहित बरेली को किया सील

बताया गया है कि किशोरी को उसके ग्राम लेदरा से और युवक को बरेली से घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस और प्रशासन ने ढूंढा, जिसके बाद लेदरा को सील कर दिया गया है, इनके संपर्क में रहे लोगों की सूची तैयार की जा रही है, खबर यह भी है कि परिवार के कुछ अन्य लोगों को भी प्रशासन ने आईसूलेट किया है।
भरत सिंह अपने जिस रिश्तेदार रघुवीर सिंह के यहां पर रूका हुआ था, खबर है कि प्रशासन ने उन्हें घर पर ही रहने की सलाह दी है, उक्त क्षेत्र को सील नहीं किया है। बताया गया है कि इस दौरान भरत और रघुवीर आस-पास के क्षेत्र के कई लोगों के संपर्क में रहे हैं और अभी भी रघुवीर लोगों से मिलजुल रहा था।

हथगला का निवासी है यूवक

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