अनूपपुर। नगर परिषद जैतहरी सीएमओं के नये-नये कारनामें

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जुगाड के लिए तोड दिया नियम काननू
नियुक्ति को लेकर पीआईसी ने दर्ज की शिकायत
अनूपपुर। पीआईसी के निर्णय को दरकिनार करते हुए परिषद् के सीएमओं ने जेडी के साथ मिलकर खेल खेल दिया, जल्दबाजी में सीएमओ ने जिला कार्यसमिति की बैठक लॉकडाउन के पहले दिन 24 मार्च को ही आहुत होना दर्शा दिया। रोस्टर नियमों को किनारे कर इस दुकडी ने ऐसा खेल खेला कि अब उस खेल में इन्होने अपने साथ, तीसरे सीएमओ को भी रडार पर ला दिया है। लॉकडाउन के पहले दिन 24 मार्च को समूचा देश कोविड-19 के संक्रमण की दस्तक से जहां परेशान था, अनूपपुर से लेकर भोपाल और दिल्ली तक के अधिकारी इससे निपटने की कार्ययोजना बना रहे थे, वहीं जिले के जैतहरी नगर परिषद के एक सीएमओं ऐसे भी थे, जो इस दौरान नगरीय प्रशासन विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर और कोतमा नगरपालिका के सीएमओ के साथ हवा में बैठक संपन्न करा रहे थे। 24 मार्च को सीएमओ जैतहरी राममिलन तिवारी ने जिस जिला कार्यसमिति की बैठक का हवाला देकर रानी राठौर पिता स्व. रामा राठौर की नियुक्ति वर्ग-3 में कर दी, यदि इन तीनों अधिकारियों के सेलफोन की लोकेशन टे्रस की जाये तो, तीनो अधिकारी शायद ही एक लोकेशन में मिले।बहरहाल जब जैतहरी और शहडोल में बैठे अधिकारियों से इस संबंध में चर्चा की गई तो दोनो के विरोधाभाष बयान मिले।
जेडी और सीएमओं का खेल
जैतहरी नगर परिषद् में पंपकुली के पद पर कार्यरत वर्ग-4 के कर्मचारी रामा राठौर की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी के शपथ पत्र पर पुत्री सुश्री रानी राठौर की नियुक्ति वर्ग-4 की कर्मचारी के पद पर पीआईसी की बैठक के उपरांत 13 फरवरी को कर दी गई थी। सुश्री रानी राठौर ने उक्त पद पर ज्वाइनिंग नही ली और नगर परिषद में ही सहायक ग्रेड-3 के पद हेतु विभिन्न कार्यालयों में शिकायत की, इसी बीच बिना पीआईसी के बैठक व प्रस्ताव के ही कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के पहले दिन 24 मार्च को, जिला चयन समिति की बैठक का हवाला देते हुए, नगर परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने नगरीय प्रशासन के सहायक संचालक मकबूल खान से उक्त महिला कर्मचारी की नियुक्ति वर्ग-3 में पीआईसी की विशेष बैठक आहुत कर उसमें प्रस्ताव पारित करने व वर्ग-4 के कर्मचारी को वर्ग-3 का कर्मचारी बनाने के आदेश दिये गये।
पीआईसी ने जताई आपत्ति
नगर परिषद जैतहरी की अध्यक्ष श्रीमती नवरत्नी शुक्ला सहित पीआईसी के सदस्यों ने इस संदंर्भ में अपनी आपत्ति जताते हुए कलेक्टर सहित संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल संभाग को शिकायतें भेजी है, जिसमें यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि सुश्री रानी राठौर की नियुक्ति वर्ग-4 में विधि संगत 12 फरवरी की पीआईसी की बैठक में संकल्प क्रमांक-106 में की जा चुकी है। जिसका आदेश क्रमांक-1147/स्था./अनु,नियु/2020, जैतहरी के माध्यम से 13 फरवरी को नियुक्ति कर दी गई है, जिसकी जानकारी आपके कार्यालय व वरिष्ठ कार्यालय में भेजी जा चुकी है। चूंकि म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक-सी-3-12/2013/1/3 भोपाल दिनंाक-29 सितंबर 2014 की कंडिका क्रमंाक-13.1 के अनुसार आवेदक को एक बार अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने के पश्चात, दोबारा नियुक्ति नही दी जा सकती।
अधिकारो का खुलकर दुरूपोग
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के कायदो पर नजर डाली जाये तो स्थानीय निकायों में कर्मचारियों की नियुक्ति के पूरे अधिकार पीआईसी के पास होते है। पीआईसी की बैठक में प्रस्ताव पारित कर जिला चयन समिति को भेजती है, जहां संयुक्त संचालक अध्यक्ष तथा निकाये के सीएमओ, सचिव व एक अन्य वरिष्ठ सीएमओ का समिति में होना आवश्यक है, यदि पीआईसी प्रस्ताव नही भेजती तो जिला चयन समिति को स्वत: नियुक्ति आदेश के अधिकार शायद नही है, यही नही किन्ही परिस्थितियों में जिला चयन समिति यदि ऐसा करती है तो उसके बाद जब तक पीआईसी अपनी मोहर नही लगाती, तब तक नियुक्ति नही हो सकती।
जांच में आयेगा सामने
आरोप है कि नगर परिषद के सीएमओ राममिलन तिवारी ने उक्त आवेदक से लाखों रूपए की सौदेबाजी कर उस खेल में ज्वाइंट डायरेक्टर को भी मिला लिया और कोरोना संक्रमण काल के दौरान संबंधों को भुनाते हुए 24 मार्च को हवा में बैठक आयोजित कर दी। आरोप यह भी है कि नगर परिषद जैतहरी में नियुक्ति के रोस्टर प्रणाली के अनुसार वर्ग-3 के लिए आदिवासी पद रिक्त है, इस जानकारी को भी या तो छुपाया गया या फिर घुमा दिया गया। जांच का बिन्दु यह भी है कि जब आवेदिका के पिता वर्ग-4 के कर्मचारी थे तो उसकी नियुक्ति वर्ग-4 में ही की जानी चाहिए थी, जिस पर पीआईसी ने मुहर लगाते हुए ज्वाइनिंग आदेश भी दे दिये थे, फिर ऐसी कोई सी खिचडी पकी कि सीएमओ ने अपने पुराने प्रस्ताव के विपरीत जाते हुए यह खेल खेल दिया।
फर्जी पदोन्नति के बाद जैतहरी सीएमओं का दूसरा कारनामा
जिले की जैतहरी नगर परिषद के सीएमओ राममिलन तिवारी अपने अनुचित व्यवहार व कार्यशैली के कारण एक बार फिर सुर्खियों में है, परिषद में 38 वर्ष तक अपनी सेवाएं देने वाले राजस्व उपनिरीक्षक दीनबंधु सोनी को मजदूर दिवस के दिन सीएमओं ने शराब के नशे में भद्दी गालियां दी, मामले की शिकायत दीनबंधु सोनी ने कलेक्टर सहित थाना प्रभारी व कमिश्नर को शिकायत देते हुए कार्यवाही की मांग की है।
यह लिखा शिकायत में
राजस्व उपनिरीक्षक ने अपने शिकायत पत्र में उल्लेख किया कि परिषद में एक भूत्य कमचारी गरीबदास पनिका का रिटायरमेंट विदाई समारोह हो रहा था। उसी कार्यक्रम में मुझे भी बुलाया गया था, उस वक्त कार्यालय के समाकक्ष में पूरे कर्मचारी एवं रिटायरमेंट होने वोल कर्मचारी के परिवार से 6 महिला एवं 08 पुरुष रिस्तेदार व विधायक प्रतिनिधि विजय शुक्ला भी उपस्थित थे। सभाकक्ष में सीएमओं आरएम तिवारी द्वारा शराब पीकर आये और मुझे बोले की तुम कैसे बैठे हो, तुम यहां से हटो जैसे शब्दो के माध्यम से अपमानित किया गया, जबकि मैं इसी निकाय में राजस्थ उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत हूं, व जैतहरी का मूल निवासी भी हूं। मेरे द्वारा कार्यालय की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए उस सभाकक्ष से शांत होकर बाहर निकलकर अपने पर घर गया। श्री तिवारी के द्वारा पूर्व में कुछ माह पहले मुझे ड्युटी के समय मोबाइल के माध्यम से गाली दी थी, उस वक्त कृत्य को उसी वक्त अपने स्टॉफ बतलाया था। इतना ही नही अध्यक्ष व पार्षदगणों को भी श्री तिवारी के द्वारा दी गई गाली गलौज एवं अशोभनीय शब्द की जानकारी मेरे द्वारा मौखिक रूप से दी गई। दो दिन के बाद अध्यक्ष महोदया द्वारा मुझे समझाया गय एवं वातावरण को शांत किया गया। प्राथी इस कार्यालय में वर्तमान सीनिगर कर्मचारी है मेरी, मेरी सर्विस काल लगभग 38 वर्ष पूर्ण होने जा रही है। 8-9 माह बाद मैं स्वयं रिटायर हो जाऊंगा। सीएमओ के कृत्य व अभद्रता के कारण मानसिक एवं सामाजिक रूप से प्रताडित महसूस कर रहा हूं, प्रार्थी उच्च रक्तचाप का मरीज है, यदि मेरे साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो उमकी समस्त जिम्मेदारी सीएमओ साहब की होगी। मेरे साथ हुई घटना की जांच कराते हुए प्रार्थी को न्याय दिलाने की कृपा करें।

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