अनूपपुर। कास्तकार ने फिर लगाये जैतहरी पुलिस पर आरोप

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पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर की जांच की मांग
किसान के पास पुरानी गाडी फिर भी पुलिस ने सोल्ड लिखकर काट दिया चालान
अनूपपुर। कोरोना संक्रमण से दूर जिले का एक मात्र थाना जैतहरी अभी भी रिश्वत के संक्रमण में फंसा हुआ है, किसान से जबरिया 2 हजार की रिश्वत लेने और घटनाक्रम को खुद किसान द्वारा वीडियों बनाने के बाद भी मुख्यालय से कार्यवाही की जगह संरक्षण मिल रहा है। कास्तकार ने वीडियों और उसके वाईस की जांच की मांग करते हुए जैतहरी पुलिस को रिश्वतखोर बताकर कार्यवाही की मांग की है। 13 अपै्रल को जिले के जैतहरी थाने की पुलिस ने कास्तकार दीनदयाल राठौर को लॉकडाउन के दौरान बाडी में काम कर रहे दीनदयाल और उसके यहां वर्षो से कार्य कर रहे एक श्रमिक को लॉकडाउन का उल्लंघन बताकर थाने लाया गया। कास्तकार को केन्द्र से लेकर प्रदेश और कलेक्टर के द्वारा जारी आदेशो का हवाला देकर कार्यवाही का भय दिखाया गया। दलालो के माध्यम से सेटिंग कर छोडने की सलाह खुद प्रभारी ने दे दी, लगातार चले इस घटनाक्रम को कास्तकार के परिजनों ने खुद के सेल फोन पर रिकार्ड कर लिया, पुलिस के द्वारा डरा धमका कर ली गई रिश्वत भी कैमरे में कैद हो गई, कास्तकार के माध्यम से मामला मीडिया में आया, लेकिन इसी बीच विभीषणो की सूचना पर जैतहरी पुलिस ने पूरे मामले को वाहन चालान का मोड दे दिया, कास्तकार के पास पुराना वाहन है और पुलिस ने जो पर्ची काटी वह सोल्ड वाहन की है। कास्तकार का दावा है कि जुर्माना पर्ची में उसके दस्तखत ही नही है, यह पर्ची बाद में काटकर मेरे घर भेजवाई गई। संज्ञान में आने के बाद भी विभागीय अधिकारियों द्वारा जब कार्यवाही नही की गई तो 28 अपै्रल को कास्तकार ने पुन: पुलिस अधीक्षक के नाम पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग करते हुए, उन्हे यह शिकायत सेलफोन पर वाट्सअप की है।
सबूतों को किया दरकिनार
पुलिस के आलाधिकारियों ने इस मामले के मीडिया में आने की बाद जांच की बातें तो कही, लेकिन बीते इन दिनों में जिस तर्ज पर जांच हो रही है, उससे उसके नतीजो का अंदाजा लगाया जा सकता है। पीडित कास्तकार ने पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत में जैतहरी पुलिस पर इस मामले में जांच को दबाने के लिए पीडित पर दवाब बनाने के भी आरोप लगाये गये है। साथ ही कास्तकार ने बनाये गये वीडियों की जांच को दरकिनार कर, कार्यवाही ठंडे बस्ते में भी डालने की बात कही है।
एजेन्टो के माध्यम से काम
जैतहरी पुलिस ने इस पूरे मामले को मैनेज करने के लिए चंद दलालों को इसका जिम्मा दिया हुआ है, जो कास्तकार पर लगातार दवाब बना रहे है। बीते दिनों यही दलाल कास्तकार को घर से थाने तक लाये थे, और दवाब बनाकर उनसे मनमाना बयान लिया गया, फिर छोड दिया गया।
शुक्ला जी की कहानी कुछ और
जैतहरी थाने में प्रभारी भले ही कोई हो, लेकिन आफ रिकार्ड थाना चला रहे प्रभारी हरिशंकर शुक्ला का इतिहास रिश्वतखोरी के मामलों से जुडा हुआ है, इसके पूर्व में हरिशंकर जिन थानों में भी रहे है, उनमें फुनगा चौकी और उससे पहले चचाई थाने में उनकी कारगुजारियां विभाग के ही पन्नों में दर्ज है। सवाल यह उठता है कि पुलिस जब बेसर्मी पर उतरकर खुलेआम रिश्वत ले, ऐसेी स्थिति में आम आदमी को रिश्वत का वीडियों बनाने के बाद भी न्याय न मिले तो, आखिर वह किससे और क्या उम्मीद करे।
ऐसे किये थे कारनामें
सोशल मीडिया में वायरल हो रही वीडियों के मुताबिक किसान के घर जैतहरी पुलिस पहुंची थी और मजदूर को थाने लेकर आई थी और कृषक को कहा था कि जैतहरी के कलमकार से मिल लेना तो तुम्हारी समस्या का समाधान हो जायेगा, कृषक जब उसके पास पहुंचा तो उससे 5 हजार रूपए की रिश्वत की मांग की गई, जब उसने आर्थिक स्थिति का हवाला दिया तो पूरा मामला 2 हजार रूपए में सेट हुआ और फिर रूपयें कलमकार के माध्यम से कृषक ने थाने में ही दिये, यह पूरी करतूत कैमरे में कैद हुए। कलमकार का चोला ओढकर वर्दीधारियों का दलाली करने वाले लोग और जैतहरी थाने में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक मणिराज ङ्क्षसह, उपनिरीक्षक हरिशंकर शुक्ला, आरक्षक सुखदेव भगत मौजूद थे, कथित दलाल ने यह रूपये परिसर में ही कृषक से गिनकर थाना प्रभारी और वर्दीधारियों के लिए लिये, जो कि कैमरे में कैद हुई वीडियों में साफ नजर आ रहा है।
बचाव के लिए किया था प्लान
सोशल मीडिया में रूपयों के लेन-देने का वीडियों वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने जब संज्ञान लेते हुए एसडीएम अनूपपुर सुश्री कीर्ति बघेल को जांच सौपी, उसके पहले ही जैतहरी पुलिस ने प्रेस नोट जारी करते हुए वीडियों को फर्जी बताया और मोटर व्हीकल एक्ट के तहत् कार्यवाही की बातें विज्ञप्ति में कही गई, जबकि कास्तकार की गाडी पकडी ही नही गई थी, पुलिस अपने बचने के लिए बिना गाडी नंबर के ही सोल्ड लिखकर चालान काट दिया था, जबकि कृषक के पास पुरानी गाडी है, जिस पर नंबर भी लिखा हुआ है।
सफेदपोश नेता ने की दलाली
थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस कर्मियों पर कहीं गाज न गिर जाये और उनके चल रहे काले कारनामों से नये अधिकारियों और कर्मचारियों की पदस्थापना के बाद पर्दा न उठ जाये, इसके लिए भगवाधारी और विपक्ष के नेता भी बचाओं के लिए कृषक को लेकर पक्ष में बयान दिलाने थाने पहुंच गये थे। घर पर ही कास्तकार को डरा-धमका कर उसे वहां से अपने ही कार में बैठाकर जैतहरी थाने लाया गया था, जिसके बाद कास्तकार का बयान बदलवा दिया गया था। अब पुन: कास्तकार ने शिकायत पत्र में इनका नाम उल्लेख करते हुए कार्यवाही की मांग की है।

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